ब्लॉग पर मेरी भी उपस्थिति इस बात का सबूत है कि ब्लॉग के सदस्य, सिंह सदन के अन्य सदस्यों को ब्लॉग की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं, इसके लिए बहुत - बहुत धन्यवाद ।
वैसे तो आप सब महाभारत के कर्ण को जानते होंगे । महाभारत का कर्ण विशिष्ट योग्यताओं से पूर्ण था, जो दुनिया में अपने बलिदान, स्वाभिमान, आत्मविश्वास, पराक्रम, लक्ष्यभेदन क्षमता और अपने महादान की प्रवृति से पहचाना गया । वो मित्रता को निभाने के लिए भी विश्व विख्यात हुआ ।
वैसे भी कर्ण के बारे में जितना कहा जाए, कम है । मैं समझता हूँ कि मैंने आपको बहुत महाभारत में घुमा लिया है । अब हम द्वापर युग से बाहर निकलकर इस युग में आते हैं और आपको एक ऐसे व्यक्ति से मिलते हैं जिसके चेहरे पर कर्ण जैसा तेज है, आत्मविश्वास ऐसा, किसी का भी सामना कर ले । अपनी भाव - भंगिमाओं से वो सबको प्रभावित कर लेते हैं । अध्ययन में वो सर्वश्रेष्ट हैं, और लेखनी ऐसी कि सभी बरबस तारीफ़ कर उठते हैं । मैं दावे से कह सकता हूँ कि वे अतुलनीय हैं , महान हैं , सर्वश्रेष्ट हैं .......................
................ शायद इसीलिए कर्ण से उनकी तुलना करने की हिम्मत जुटा पाया हूँ । वो ऐसे व्यक्ति हैं जो खुद आभाव में रहने के बावजूद दूसरों कि हर कमी को पूरा करते हैं । हम जैसे न जाने कितने लोग उनके मार्गदर्शन वे अपने कामयाब भविष्य की आशा रखते हैं । गरीब और कमजोर लोग उनके होते हुए असहाय महसूस नहीं करते । वे हर चुनौती को स्वीकार करते हैं और उसमें सफल भी होते हैं । उनके विषय में एक बात जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण है की वो सुख - दुःख में एक समान ही रहते हैं । वो जब भी किसी को वचन देते हैं तो पीछे नहीं हटते । वो एक स्वाभिमानी पुरुष हैं । वे सदैव मर्यादा में रहते हैं । वो निडर और साहसी भी हैं । उनकी कल्पना शक्ति का कोई जवाब नहीं है और उनकी बौद्धिक क्षमता उत्कृष्ट है ।यही नहीं जब वे किसी महफ़िल में शामिल होते हैं तो वहां की शान बन जाते हैं । अधिक क्या लिखूं मेरी नज़र में वे सर्व गुण संपन्न हैं ।
मै सौभाग्यशाली हूँ कि मै उनकी छत्रछाया में हूँ । मैं हमेशा उनसे सीखता हूँ ।
क्या आप जानना नहीं चाहेंगे कि वो आखिर हैं कौन ?
वो मेरे छोटे मामा श्यामकांत हैं !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
मामा तुम ही , तुम ही हो कर्ण ..................
संदीप
Monday, June 21, 2010
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9 comments:
वहा...संदीप कमाल कर दिया तुमने...
sandeep
pahli bar me itni acchi post kamal kar diya .........
aur likha bhi to kis mahan hasti par vo vakai danveer great parsnality aur ek adarshita ki misal hai shyamu apne ap me adbhut hai ..........
ve nit naye kirtiman sthaapit karen
ye mera ashirvad hai...........
संदीप मेरे भांजे बहुत अच्छा लिखते हो ...........
तुम अब तक कहाँ थे ?
ब्लॉग पर तुम्हे बहुत पहले आ जाना चाहिए था .........
लेख बहुत सुन्दर है पर संदीप तुमने मुझ पर कुछ ज्यादा ही लिख दिया है !!!!
कर्ण बहुत महान थे, मै तो कुछ भी नहीं .
लेकिन जब तुमने मुझे कर्ण कहा है, तो ये मेरी नहीं तुम्हारी महानता है ..........
भाई संदीप ...
तुम मामा- भांजे की जोडी तो कुछ ऐसी है... जैसे आमिर खान और इमरान खान ! श्यामू अगर ''परफेक्शनिस्ट'' हैं .. रचनात्मकता के शिखर हैं.... तो तुम उनके सच्चे शिष्य ! तुम दोनों ''सिंह सदन'' का भविष्य हो ! !
यह हुयी न बात......संदीप तुमने भी बहुत शानदार शुरुआत की है....! श्यामू को कर्ण की तरह रेखांकित करने का साहस तुमने जुटाया और साबित कर दिया कि श्यामू अगर कर्ण है तो तुम भी कम नहीं! .......आमिर-इमरान की तरह मामा-भांजे कि यह जोड़ी भी जरूर रंग लाएगी. मेरी दुआएं तुम दोनों की जुगलबंदी के साथ हैं.......!
*****PK
bahut achchha lekh
...raman singh
वाह संदीप बहुत खूब ...................तुमने तो सच्चाई बया कर दी
पहली बार लिखने के लिए बधाई ....................
टिंकू.........
क्या खूब लिखा भाई मज़ा आ गया............
दिलीप...........
जबरदस्त लिखा .............
गुड संदीप भाई ...........
बहुत सुन्दर ................
लिखते रहो.............
मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं............
neha
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