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Thursday, March 29, 2012

COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD 2012

  • VOLUME--- 32

  • SHRI  UMA RAMAN 
  • उमा रमन जी एक प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं !
  •                                   ........पुष्पेन्द्र सिंह ''पुष्प " (जाने- माने गीतकार एवं एसोसियेट एडिटर CPTR-2012 )
  • बबलू भाई एक भरोसेमंद साथी हैं ! मेरे लिए वे एक बेहतरीन हमसफ़र रहे हैं ! 
  •                     ........ पंकज के .सिंह ( एडिटर,CPTR-2012,क्रिकेटर एवं फिल्म क्रिटिक )
    उमा रमन जी ने सिंह सदन के लिए अच्छा योगदान दिया है !
  •  ----ह्रदेश के सिंह  (जाने माने लेखक, पत्रकार और संपादक ) 
  • बबलू होशियार और समझदार हैं लेकिन उनमे दूरदर्शिता की थोड़ी कमी है ! रिश्ते निभाने के लिए मर्यादा के दायरे में रहना जरुरी है !
                                            ..............श्रीमती शीला देवी (जानी- मानी पाक कला विशेषज्ञ एवं सिंह सदन सुप्रीमो)
  • बबलू  भैया  एक  लाजवाब अभिनेता हैं ! उनके द्वारा निभाए गए किरदार अमर हैं 
                                                   ......श्याम कान्त ( सुपर कॉप एवं मशहूर पेंटर ) 

    उनमे सीखने की जबरदस्त क्षमता है ! वे बेहतरीन भाई हैं ! 
  •                                           ----श्री पवन कुमार ( प्रख्यात प्रशासक, चिन्तक, लेखक एवं शायर )

  • COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD OF   SHRI UMA RAMAN  ...
  • 1. व्यक्तित्व **2
  • 2. रिश्तों में मर्यादा एवं उत्तरदायित्व की भावना * *2.4
  • ३. जीवन मूल्यों के प्रति आग्रह * * 1.60
  • ४. भौतिक उपलब्धियां * *1.75
  • ५. लोक जीवन एवं सार्वजनिक छवि * *2.20
  • ६. स्वास्थ्य एवं अनुशासन * *2
  • ७. जीवन में आध्यात्मिकता एवं चिंतन शीलता *1.5
  • ८ . सत्य का अनुश्रवण एवं सत्य का साथ देने की क्षमता * 1
  • ९. जनहित एवं सेवा भावना *2
  • १०. आत्मविश्वास एवं प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने की क्षमता * * 2
  • ११. निर्विकार एवं निर्दोषता * * 1.5
  • १२. जिज्ञासु एवं नित नया सीखने की ललक * 1.5
  • १३. रचनात्मकता *1.75
  • १४. वाक् निपुणता एवं भाषण शैली * 2.5
  • १५ .आत्म द्रष्टि एवं दूरद्रष्टि * 1.25
  • १६. साहस एवं निर्भीकता * 1.25
  • १७. सिंह सदन के गौरव को बढ़ाने में योगदान * 1.5
  • १८. अन्य सदस्यों को प्रेरित करने की नेतृत्व क्षमता * 1.5
  • १९. प्रगतिशील द्रष्टिकोण एवं निरंतर प्रगति की ललक * 1.5
  • २०. निस्वार्थ एवं कपट रहित जीवन * 1.90
      • TOTAL SCORE IS ..... 32.70

      • STATUS REPORT-- उमा रमन एक रोचक व्यक्ति  हैं , वे नयी चीज़ें सीखते हैं  और  फैशन के शौक़ीन हैं !वे सिंह सदन में खासे लोकप्रिय हैं  !
        • RATING ---  **** 2.5  STAR 
          • NEGATIVE FACTOR- दूरदर्शिता और धैर्य की कमी है  !छोटी चीज़ों के पीछे भागने से उन्होंने अपनी गरिमा को कई बार बड़ी चोट पहुंचाई है ! 
            • MODEL --- DARSH RAJ , SUMANT , KEVAT  
         
          • *****PRESENTED BY  PANKAJ K. SINGH(EDITOR,CPTR-2012) & PUSHPENDRA SINGH (ASSOCIATE EDITOR, CPTR- 2012)



Monday, March 26, 2012

देश- दुनिया vol -4



धोयहू  सौ  बार  के काजर   होय    स्वेत 
अरे  लल्लू  कहाँ चल  दीये  सुबह -सुबह  धोती  लपेट  के ,कही नही मिर्जा भाई में बच्चे को मदरसा  छोड़ने जा  रहा था,तनिक रुकीये कुछ बात करनी थी आपसे,मुझसे अरे जिसकी किस्मत पत्थर से पारस  होने बाली होवो अब हमें  क्या जाने ,एं …………… पत्थर से पारस , का होत है मेरा मतलब है कि आपका  लड़का प्रधानी का चुनाव लड़ने जा रहा है अगर वो जीत गया तो  सारी रवडी  मिलेगी तो आपको ही,                           
 मिर्जा  (मूछों  पर  ताव  देकर  )- हाँ  सो  तो  है ,अरे भाई लल्लू  तुम क्यों नहीं अपने लड़के को खड़ा कर देते आखिर उसने भी पुरे जिले में तो अपना नाम चला रखा है    (ये  सुनकर लल्लू ने  चमकती  तोंद  पर  हाथ  फिराया  और हुकुम का देहला फेंका ) खुदा बचाए  इस गंदे दलदल से जहाँ  अपनों की फ़िक्र रहती है न समाज  की , हमारे खानदान में तो सबने  मेहनत की  रोटी खाई  है और ईमानदारी की  डकार  ली  है,बाहर  की बैंक तो  छोडो घर की गुल्लक में  तक पैसे जमा  नही किये है और क्या  रखा है इस राजनीत के गंदे दलदल में चंद पैसों के लिए कभी इधर तो कभी उधर ,फर्श पर रखे घड़े के जैसे इधर -उधर लुढ़कने के कायल नही है हम लोग,लल्लू का गरम तेवर देखकर मिर्जा वहां से तुरंत छुमंतर  हो लिया ,अरे कहा जा रिया है लल्लू ,बदनामी का कोट पहनकर  हमें इज्जत्दारी का पाठ पढाएंगेहुंह …..............                                   
तभी  उधर से  आ रहे सुरेश ने लल्लू की तोंद पर तीन बार तबला बजायाअरे ये सुबह -सुबह किसको जलीभुनी कह  रहे हो , क्या बताऊ सुरेश भईये मिर्जा ने इस बार अपने लौंडे को प्रधानी के चुनाव पर खड़ा  किया है  इसलिए मूंछों पर सवा नौ बजाकर मुझे इज्जतदारी का पाठ पढ़ा रहा था,अरे कल का लौंडा जो  मौहल्ले में बरेठिया के नाम से जाना जाता था और आज जब वो चांदी का जूता मारके प्रधानी का टिकट पा गया तो पिता जी कि मूछें सवा नौ से दश-दश बजा रही है लौंडा चुनाव के वक्त हाथ जोड़े फिरता है और बाद में इन्ही हाथों से ऐन- गेन काम करके घपले  बाजी करता है ,अपने कारनामो के चलते सात जगहों से  धकियाकर निकला गया है,और इसका बाप [मिर्जा ] मेरे  साथ चप्पलों की दुकान लगता था और जिस दिन जेब ठंडी होती थी  तो उस दिन उन्ही चप्पलों को थोक मे बेचकर किसी भी तरह दारु के पैसे निकला  करता था ,इसके दद्दा घर - घर सत्यनारायण की कथा किया करते थे और आज जब पोता चुनाव लड़ने जा रहा है तो ये भी याद नहीं होगा कि लीलावती कलावती की कौन थी अरे इसके खान -दान के हींग-जीरे से मे बाकिफ हूँ,दश हिरन  मारके हमें अहिंसा का पाठ पढ़ाने आया था हुन्ह............                                          सुरेश – अब छोडो भी अरे जब वो ही नहीं है यहाँ  तो क्यों खाम -खाम अपनी जुबान गरम कर रहे हो     
 लल्लू -  ठीक ही कहा भाई तुमने चलो चलते है ,राम - राम  भैया                                                                   कुछ  दिनों  बाद  जब चुनाव परिणाम घोषित  हो चुके थे ,प्रतिदिन की तरह  लल्लू अपने काम  पर जा रहे  थे तभी रास्ते मे  मीयां मिर्जा मिल जाते है ,अरे मिर्जा कहाँ सरपट भागे जा रहे हो ,जरा रुकीये ये  चेहरे की  धुल क्यों उडी हुई है सब खैरीयत तो है ,
 (ये सुनकर मिर्जा की आँखें भर आती है और फूट - फूट कर रोने  लगता है)
कुछ  भी खैरियत नहीं है ,क्या बताऊँ लल्लू भी मैंने अपने बेटे की काली करतूतों को छिपाने के   लिए  उसे प्रधानी का  चुनाव लडवाया सोचा था इसके जीत जाने  पर ये  उल्टे  सीधे काम करना छोड़ देगा   ,और इसकी हरकतों पर भी पर्दा  डल जाएगा ,और  इसी  आस मे मैंने अपना सारा  पैसा  उसको दे दिया  , और जब उसको पता लगा कि वह चुनाव हार गया  तो वो  मेरा सारा पैसा लेकर भाग गया ,आज में किसी  को मुंह दिखाने के काविल  नहीं रहा मेरा  सब कुछ चला  गया ,मैंने अपने ऊपर बहुत घमंड  किया है,मुझे  माफ़ कर दो ल्लू भाईमुझे  माफ़ कर दो ,         ये  देखकर  लल्लू  का ह्रदय   द्रवित  हो जाता  है व्यक्ति   को  चाहे  कितना  भी  ऊंचा  पद  मिल  जाए  कभी भी अपने ऊपर घमंड नहीं करना चाहिए,और किसी भी व्यक्ति को अपने से छोटा नही समझना   चाहिए,आज यदि  तुम्हारा लड़का इस गाँव  का मुखिया बन जाता तो वो इस गाँव के ग़रीबों का भी पैसा   लेकर  भाग जातासमझे  किसी  ने सच ही  कहा है कि                                                                   धोयाहू  सौ बार  के  काजर होय न स्वेत ] – नीच मनुस्य की नीचता कभी नही जाती  
 "दिलीप कुमार"