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Wednesday, August 31, 2011

नव पल्लव की तरह पवित्र हो आप


पूज्य चाचा- आपका दिव्य-दर्शन
मुझे फूलों की तरह
आत्म शांति देता है

आपके चरण
मेरी जिंदगी के सरोवर के कमल है
आप है मेरे जीवन का दिव्य-प्रकाश
जिसकी रोशनी में " मैं" चलता हूँ

आपकी बातें मेरे मानस- पटल पर
पीपल की पत्तियों की तरह हिलती है
साँस बन गए आप

जैसे उठाता है -आकाश
आकाश की तरह दोपहर की तेज धूप-तपिश
शाम का ठंडापन -सहा है आपने
मेरा साथ दिया है अटल विचार की तरह

नव पल्लव की तरह पवित्र हो आप
आपके स्पर्श से
जीवन भर के लिए-
पवित्र हो गया हूँ "मैं"



[मेरे मार्गदर्शक पूज्यनीय-
पवन चाचा जी के पावन चरणों में समर्पित.......]

-सचिन सिंह