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Wednesday, August 15, 2012

चंदौली में स्वतंत्रता दिवस !




66 वें स्वतंत्रता दिवस पर जिलाधिकारी के रूप में चंदौली कलेक्ट्रेट में ध्वजारोहण करने का अवसर मिला. इस अवसर पर जिलाधिकारी आवास पर रात में रोशनी की गयी और दिन में विचार विनिमय और सेनानियों के साथ समय गुजरने का अवसर मिला. चंदौली जिला स्वतंत्रता संग्राम में इसलिए जाना जाता है कि इस जिले के एक कस्बे धानापुर में कुछ दिनों के लिए स्वतंत्र सरकार स्थापित हुयी थी जिसके एवज में कई लोगों को तत्कालीन अंग्रेजी बर्बरता का शिकार होना पड़ा था. 

*****PK

Monday, August 6, 2012

दोहे ................!


नजरों से नजरें मिलीं गढा प्रेम का गीत |
कोटि जन्म जब पुण्य हों, मिलता मनका मीत ||

 प्रेम का रस सबसे मधुर इससे मधुर न कोई |
जिन पाया इस स्वाद को स्वाद न जाना कोई ||

हंसी ठिठोली दिल्लगी करते हों जब लोग |
समझो दस्तक दे रहा दिल पर प्यार का रोग ||

माया बड़ी न जग बड़ा सबसे बढ़ कर प्यार |
इसके डूबे पार है, बाकी सब मजधार ||

पिया गए परदेश को नैना है अभिराम |
जोगन बाट निहारती सुबह से लेकर शाम ||

जुल्फों में काली घटा दिल मे है तूफान |
खुशबु में जिसकी मदहोशी क्या है उसका नाम ||

सर ऊपर आकाश है आँखों में पाताल |
अधरों पर है मयकशी लट उलझी बेहाल ||

प्रेम प्याला जिन पिया पीवत होवत ज्ञान |
मिट जाता मन का तिमिर, दूर होत अभिमान ||

प्रेमपत्र पढ़ कर हुआ हम को यह अहसास |
इससे बढ़कर जगत में और नहीं कुछ खास ||

प्रेम सुधा बरसात है भीगत मानुष, संत |
प्रेम का ना प्रारब्ध है नहीं है कोई अंत ||

प्रेम का रस तो एक है, अलग अलग है रूप |
प्रेम राग पर थिरकते, बड़े बड़े सुर भूप ||

अपने हित को त्याग कर, जब ले निर्णय कोई |
गलती की सम्भावना रह जाती नहिं कोई ||

 पुष्पेन्द्र “पुष्प”

Thursday, August 2, 2012

बधाई.....!


रक्षा बंधन की सिंह सदन के सदस्यों को बहुत बहुत शुभकामनाये. आज बहुत याद आ रही है उषा दी, गीता दी, भारती और सभी बहनों की जो रक्षा बंधन पर कलाई  पर राखी बांधती थीं . सरकारी व्यस्तताओं के चलते अब मिलना जुलना कम हो गया है.... मगर स्नेह और प्यार की डोरी अभी भी उतनी ही मज़बूत है. आज भी गीता दी का प्यार, उषा दी की रंगीन मिठाईयां याद आती हैं. 
रक्षा बंधन की सबको बहुत बहुत प्यार, बधाई.....!