होशियार... सुनो ... सुनो ... सुनो ...
'' सुनहरी यादें '' विशेषांक
''सिंह सदन'' स्टेयरिंग कमेटी ने एक महत्त्व पूर्ण निर्णय लेते हुए अगले एक माह को ''सुनहरी यादें विशेषांक'' घोषित कर दिया है !
..... तो साथियों अगला एक माह पुरानी यादों के नाम ... तो उठाइए कागज़.. कलम.. दवात.. और अपना लेप टॉप.. या पी. सी. ...और पहुँच जाइए उन बेपनाह हसीन यादों ...और ज़िन्दगी के नायाब ''प्रेरक प्रसंगों'' के मंज़र में !
.... आपकी एक ओर वे प्यारी यादें जहां हम सभी को गुदगुदाएंगी ...वहीँ दूसरी ओर आपकी ज़िन्दगी से जुड़े तमाम ''प्रेरक प्रसंग'' हमें नयी रौशनी दिखायेंगे ....और हाँ इस विशेषांक में सबसे ज्यादा स्वागत होगा ''कंफेसंस'' यानि ''गलतियों के कबूल नामे'' का !
...घबराइए नहीं ... गलतियाँ कबूलना एक श्रेष्ठ मानवीय कृत्य है ! जिस क्षण आप कोई ''कंफेसन'' करते हैं ..उसी क्षण यह तय हो जाता है.. कि आप से वह गलती दोबारा नहीं होगी !
... याद रखिये दुनिया में सबसे शक्तिशाली मनुष्य वही है ... जो अपनी गलतियों को कबूल करना जानता है... और उनके लिए सच्चे दिल से क्षमा मांगता है ! '' सच्चाई स्वयं अपना सबूत होती है '' ... जैसे हम आसानी से भली भांति जान लेते हैं ...और बिना किसी दावे के महसूस कर लेते हैं.. कि कौन हमे प्रेम- स्नेह देता है ... और हमारी फ़िक्र करता है !
...तो प्रियजनों ...आइये भावनाओं के इस सागर में खुद को डूब जाने दीजिये .. इस सागर से जब आप बाहर आयेंगे तो सभी को और ज्यादा सुन्दर और ज्यादा प्रिय लगेंगे !
... तो हार्दिक स्वागत है आप सभी का ...यादों की इस रंगीन दुनिया में ! यादों का ये हसीन सफ़र शुरू होता है ... अब ! !
सप्रेम...
* * * * * PANKAJ K. SINGH
3 comments:
भईया बहुत ही उम्दा विचार
इस पर तुरंत अमल होगा ........
पंकज आइडिया बहुत जोरदार और स्वागतयोग्य है.......! हम सब की पोस्ट इस विशेषांक में आनी चाहिए......तभी ये उदघोषणा सार्थक सिद्ध होगी.....!
*****PK
अब मजा आएगा...सुंदर आइडिया
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