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Thursday, September 30, 2010

प्रिंसी का स्वागत है.....!





जैसा कि मैंने अपनी कल की पोस्ट में लिखा था कि सिंह सदन परिवार में एक सदस्य की और बढ़ोत्तरी हो गयी है.....इस पोस्ट में मैं उसका परिचय आप सबसे करा रहा हूँ.....! फ़्रांस की 'पग' ब्रीड की यह 2 माह की फीमेल पग विगत 14सितम्बर को सिंह सदन परिवार में शामिल हो गयी है। वैसे जानकारी के लिए बता दूं कि एक अच्छे पग की पहचान यह होती है कि उसकी दोनों आँखें और नाक एक सीध में हों.....और इस कसौटी पर अपनी फीमेल पग पूरी तरह खरी उतरती है.......!

इशिका- लीची ने इस फीमेल पग का नामकरण भी कर दिया है....... नाम रखा है...... "प्रिंसी" (@ राजकुमारी) .....!

प्रिंसी का सिंह सदन में स्वागत है।9 जुलाई को पैदा हुई प्रिंसी को मेरे मित्र दिनेश बाबू ने फ़्रांस से मंगाकर- गुडगाँव के किसी डॉग-लवर के माध्यम से मुझे भेजा है.......! प्रिंसी से पहले मुझे कुत्ते पालना कभी पसंद नहीं आया था मगर इस प्यारी बच्ची से ऐसा दिल लगा है कि जैसे प्यार नयी परिभाषा गढ़ रहा हो.......! यकीन के साथ कह सकता हूँ कि जैसे ही आप सब प्रिंसी से मिलेंगे आपको भी मेरी तरह इस पग से सौ फीसदी प्यार हो जाएगा........! कुछ तस्वीरें लगे हाथों भेज रहा हूँ.......देखिये और बताइए कैसी लगी प्रिंसी......!
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PK

हाज़िर हूँ........सलाम क़ुबूल करें !






इधर काफी दिनों से कुछ नहीं लिखा....दरअसल टाइम ही नहीं मिल पाया. रक्षा बंधन पर चाहकर भी मैनपुरी नहीं आ सका.सिंगापुर और विएतनाम से लौटने के बाद सीधे बदायूं में आ गया..... यहाँ आकर बाढ़, शांति-व्यवस्था और पंचायत चुनाव के काम में इतना व्यस्त हो गया कि पता ही नहीं चला कब दो महीने ब्लॉग पर बिना लिखे पढ़े बीत गए....एहसास तब हुआ जब बीते दिनों में प्रिय पंकज, पिंटू के आलेख और नवोदित दिलीप की कविता पढने को मिली. इधर पंकज और श्यामू का जन्मदिन भी निकल गया...कोई आयोजन भी नहीं हो पाया, पंकज नोएडा में व्यस्त रहे तो श्यामू अपने आई ए एस की परीक्षा की तैयारी में लगे रहे. सिंह सदन कि तरफ से दोनों को हार्दिक कोटिश: बधाई. जैसे ही इन सब को फुर्सत मिलेगी....पूरे जोश- खरोश के साथ हंगामा काटा जायेगा. इस बीच पिंटू की लेखन सक्रियता राहत देने वाली है, उनके गीत -ग़ज़ल इस रेगिस्तान में बरसात कि तरह राहत देते रहे.......एडिटर साहब यानि हंसमुख जोनी का स्वस्थ कुछ गड़बड़ है, यह सुखद नहीं है.....! भाई जोनी, तुम्हे न केवल अपने स्वास्थ पर ध्यान देना होगा, प्रिया के स्वास्थ्य के प्रति भी गंभीर होना पड़ेगा. अंजू का स्थानांतरण भी बदायूं हो गया है......यद्दपि उनको अपनी पोस्टिंग में समझौता करना पड़ा है, मगर समझौता जिंदगी का शायद दूसरा नाम है. प्रमोद भैया के बारे में "मैजिकल" खबर है कि वे स्वस्थ और सानंद हैं......बढ़िया है. चिंटू एंड पार्टी भी मज़े में है......मगर बिटिया कहाँ गायब है....? न कोई कविता न कोई पेंटिंग......क्यों जी ऐसा क्या ? दिलीप साहब तो हैं मगर संदीप तुम कहाँ मौन साढ़े हुए हो......? बदायूं आकर इशिका लीची का एड्मिसन माथर एथीना स्कूल में हो गया है......और इशिका ने तो महज़ बीस दिन की तैयारी में अपना कोर्स पूरा किया.... टर्म इम्तिहान भी दिए और कुछ विषयों में तो अपने क्लास में सर्वाधिक अंक भी प्राप्त किये.......! सिंह सदन परिवार में एक सदस्य की बढ़ोत्तरी भी हो गयी है......पग ब्रीड की दो महीने की प्यारी प्रिंसी घर में आ चुकी है.......फोटो लगा रहा हूँ.....! प्रिंसी फ्रांस की है.....और उसी जेनरेसन/ ब्लड लाइन की है जिस लाइन के एक पग को वोडाफोन के विज्ञापन में दिखया गया था.......! मेदेपुर में छोटे-बड़े, पंजाब में महेश मौसा, बंबई में राकेश जीजा से और विमलेश जी से भी बात होती रही है, सब मज़े में हैं........सबकी खैर खबर मैं ले रहा हूँ ताकि नए परिवर्तनों के बारे मे पता चल सके......!


*** एक ज़रूरी बात और .......................!

सिंह सदन के समस्त सदस्यों को एक खबर देना चाहूँगा कि महान कवि- लेखक कन्हैया लाल नन्दन नहीं रहे गत सप्ताह उन का देहांत हो गया है...... इस महान लेखक से हम सबका नाता है..... दरअसल सिंह सदन की प्रोफाइल की शरुआत जिस शेर से होती है वो नंदन जी का ही शेर है........सभी सदस्यों की तरफ से नंदन जी को नमन और अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। उनकी एक बहुत भावनात्मक कविता जो मुझे बहुत पसंद है आप सबको सुनाने का जी चाह रहा है.......,


खारेपन का एहसास
मुझे था पहले से
पर विश्वासों का दोना
सहसा बिछल गया
कल,
मेरा एक समंदर
गहरा गहरा सा
मेरी आँखों के आगे उठला निकल गया।

जल्दी ही पुन: भेंट होगी........नमस्कार !
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PK

Tuesday, September 28, 2010

वह सोंदर्य नज़ारा फिर न देखा...............


मै दिलीप कुमार आपके सामने उपस्थित हो रहा हूँ ..................
लम्बे समय से जो अकाल ब्लॉग पर पड़ा था उसे ख़त्म करने के लिए मै एक सुंदर रचना आपके सामने ला रहा हूँ ................
आशा है आपको पसंद आएगी ..............................
वैसे मैंने जो कुछ सीखा है वो अपने पवन मामा और पंकज मामा से ही सीखा है ...............
वे वास्तव में महान हैं उनको मै हमेशा याद करता हूँ .............
अगर मेरी रचना मै कुछ कमी लगे तो माफ़ न करना वरन मुझे उचित सलाह देना..........
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झील का निर्जन किनारा....
और यह सहसा छाए सन्नाटे का एक लम्हा हमारा ....
रौशनी की किरण का शिला से टकराना .....................
टकराकर वो तरुण के एक अंश में मिल जाना ............
वैसा नज़ारा फिर न देखा........................................
वह सोंदर्य नज़ारा फिर न देखा...................................


सहसा नज़र गयी मेरी जब.......................................
बादलों की टोलियों पर.............................................
लगता है कि जैसे सारे मेघ एक समूह बनाकर.......
झील कि और चले आ रहे हों ढोल बजा कर ..............
ढोल बजाकर ताशे बजाकर ,हाथों में चादर लपेट कर..
वैसा नज़ारा फिर ना देखा.......................................
वह सोंदर्य नज़ारा फिर न देखा.................................
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अकस्मात मेरे पास आकर .......................................
मेरा थोडा सा परिहास बनाकर ................................
किरण और जल की saanth -गाँठ से.........................
मेरे नैनों पर जो रौशनी हुई है....................................
आँख खुली तो मैंने देखा थोडा सोचा.......................
लगता है कुछ शरारत हुई है ...................................
लगता है कुछ शरारत हुई है.................................
वास्तव में ऐसा नज़ारा फिर न देखा ....................
वह सोंदर्य नज़ारा फिर न देखा............................

दिलीप कुमार......

Friday, September 17, 2010

बधाइयाँ ही बधाइयाँ ...........


सिंह सदन के सभी सदस्यों के लिए माह अगस्त बेहद व्यस्तताओं भरा रहा कुछ लोग
काम काज में व्यस्त रहे तो कुछ लोग पढाई में मगर अगस्त माह सिंह सदन के लिए बहुत ही
खुश हल रहा ...........रक्षा बंधन का त्यौहार भी बड़े निराले और आनंदमय तरह से मनाया गया |
सबसे महत्पूर्ण ख़ुशी यह रही की परम पूज्य बड़े भैया माननीय श्री पवन जी ने IAS की ट्रेंनिग
लाल बहादुर शाश्त्री नेशनल अकादमी में सफलता पूर्वक पूर्ण की और वहीँ से सिंगापूर के लिए रवाना हुए
मुझे लवासना में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ और IAS आफिसर्स के साथ ३दिन बिताने का मौका मिला
बहु ही अद्भुत नजारा है वहां का देश के टोपर्स को हंसी ठिटोली करते देख बहुत मजा आया मैने इस बात को
भली भांति समझा की लोग जितना ऊपर उठ जाते है उतना ही मै और अहम जैसे विकारों से दूर होजाते है
वहां पहुँच कर निसंदेह ही मैंने अपने आप को गौरवान्वित महसूस किया |
IAS आफिसर्स का जब बिदाई समारोह हुआ तो हंसी ठहाकों से शुरू होकर अंशुओं पर रुका बड़े भैया ने उस प्रोग्राम
में बहुत ही जबरदस्त एंकरिंग की | बड़े भैया जब भी कुछ करते है तो वह अपने आप में यूनिक होता है फिर चाहे वह मनोरंजन
का मैदान हो या प्रसाशनिक काम काज | वे महान है हम सब की शान है ..............
मैंने यह देख कर हैरान रह गया कि वंहा कि फेकल्टी इतने अच्छे एक्टर है जैसे वे IAS न हो कर किसी कला एकादमी में काम करते हों
बेहतरी परफोर्मेंस बेहतरीन डायलोग डिलेवरी मजा अगया | वहां मैंने जाना कि एक IAS आफिसर कुछ भी कर सकता है |
बड़े भैया ने विदेश यात्रा की और वहां भी देश का नाम रोशन किया |
उसके बाद उन्होंने बदायूं का चार्ज बखूबी संभाला है इस समय वे बदायूं में ही पोस्टेड है |
में उनके लिए चंद शब्द लिखूंगा ..........................
"शिखर शिरोमणि आप है
हम है दीन अनाथ
सर पर रहने दो मेरे
अपने दोनों हाथ "
उधर माननीय पंकज भैया का भी प्रमोशन हुआ और वे जोइंट कमिश्नर का पद भर नॉएडा में संभाला है |
पंकज भइया का भी अंदाज बिलकुल निराला है वे भी अपनी कार्य प्रणाली और अपने इस्टाइल के लिए पूरे प्रदेश में फेमस है
एक बार उनको देख कर बरबस ही मुंह से निकल जाता है की अधिकारी हो तो अपसा................
"सूरत शीरत इतनी प्यारी
मोहित सब जग के नर नारी "
उधर छोटे भाई श्याम कान्त ने भी PCS बहुत ही अच्छे नंबरों से पास किया है | बधाई के साथ
"सिंह सदन के राज दुलारे
भाइयों की आँखों के तारे
ख्वाब है सबके कंधे तुम्हारे
तोड़ न देना श्यामू प्यारे "
इस प्रगति को देखते हुए बधाई से काम नहीं चलेगा बधाइयाँ ही बधाइयाँ देनी पड़ेंगीं |
पिंटू