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Saturday, June 12, 2010

संतों के संत ज्ञानियों के ज्ञानी........ज्ञान सिंह


"ज्ञान सिंह के ज्ञान का कोई न पाया पार |
पुलिस प्रशासन आये दिन करता है सत्कार |"


आज में जिस महान विभूति से आपका तारुफ़ कराने जा रहा हूँ |बे संतों के संत ज्ञानियों के ज्ञानी श्री ज्ञान सिंह जी है |ज्ञान सिंह जी का जन्म यही कोई ३० दशक पहले मैनपुरी जिले के हरवाई ग्राम में हुआ |
वे बचपन से बड़े अदभुत थे हर चीज में बारीकी निकलते थे और हर एक कम को करने में लालायत रहते
उनकी इस प्रतिभा को देख कर उनका नाम ज्ञान सिंह रखा गया |ज्ञान जी बचपन से ही हरफन मौला किस्म
के इन्सान थे वे शिक्षा में ध्यान न लगाकर शिक्षा प्रणाली को ही बदलना चाहते थे |
उनकी शिक्षा दीक्षा बहुत ज्यादा नहीं हुई पर बे सर्व गुण सम्पन हो गए........उन्हों ने हर चीज में P .H .D किया है
और अपने बूते पर काबिल इन्सान बने | वे एक उम्दा डाक्टर भी है और……. वकील भी |
जानवरों पर उन्हों ने बहुत प्रक्टिस की और और अनिमल स्पेस्लिस्ट बन गए आज पुरे एरिया में उनका नाम है ………….वे दवाइयां भी स्वेम निर्मित करे है |वे अच्छे लीगल एडवाइजर भी है आस पास का हर आदमी उनसे ज्ञान लेने आता है | जिसकी बे फ़ीस बसूल करते है |

हर तरह का काम वे गारंटी शुदा करते है | पुलिस हो या प्रशासन हर क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ है |
वे कभी भी शारीरिक मेहनत नहीं करते शिर्फ़ दिमाग का इस्तेमाल करते है और काम पेंतीस कर देते है |
ज्ञान सिंह जी हमेशा मजाकिया अंदाज में रहते है मखौल करना उन्हें पसंद है
ज्ञान सिंह जी बहुत ही शर्मीले स्वाभाव के है लेकिन शादी विवाह में उनका मेन रोल रहता है बगैर उनके शादी
या किसी भी फंग्शन में मजा ही नहीं आता वे खुद तो मजा लेते ही है और मजा लुटाते भी है |
उनका फूल बनाकर नोटों का उड़ाना बेहद फेमस स्टाइल है | और डांस का स्टाइल वही............... अंगोछा या दुपट्टा ओढ़ के शमां बांध देते है ...............नागिन डांस उनका फेवरेट डांस है|

जब भी वे ससुराल यानी मेदेपुर में आते है तो कंधे पर तौलिया मुंह में पान हाथ में मिठाई का डिब्बा सुशोभित रहता है |और जबतक की उनको बढ़िया शर्बत या चाय न पिलाई जाये सीधे मुंह बात नहीं करते ...........नाश्ता पानी के बाद अपनी लय में आजाते है
उनको जीजा कहलवाना बहुत अच्छा लगता है जब भी कोई उन्हें जीजा कह कर पुकारता है तो ख़ुशी के मारे गुड़ीमुड़ी हो जाते है |
उनका फेवरेट साला श्यामू है | वे बहुत अच्छे शायर भी है और बातें शयराना अंदाज में पूर्ण बिराम के साथ करते है
एक बहुत ही अच्छा वान्क्या मुझे याद आरहा है बात उनदिनों की है जब बड़े भइया कानपुर में पोस्टेड थे तब ज्ञान जी सी .आर .पी. एफ की भर्ती
देखने आये हुए थे उनकी बचपन से ही पुलिस में नौकरी करने की तम्मना रही है उन्हों ने बहुत सारी भर्ती देखी मगर ये उनका लक था की वे
भर्ती नहीं हो पाए खैर में टोपिक पर आता हूँ श्यामू के साथ वे नबाब गंज घूमने निकले तो एक जगह बताशे की दुकान पर रुके और बताशे
खाते खाते बोले - भाई साहब मेरे गल क्यों नहीं भरते
बो बोला - आप एक काम क्यों नहीं करते बोले क्या
बो बोला - गाल तो भर जायेंगे मगर कुछ रुपये खर्च हो जायेंगे बोले
रुपये किसको चाहिए बस गाल ममता कुलकर्णी से दिखने चाहिए |

उनके शायराना अंदाज का एक नमूना और -

मामला बबलू भैया की शादी का है हमारे यंहां एक रश्म होती है बरोना की तो ज्ञान जी बरोना लेकर जब पहुंचे
तो महिलाओं ने इनको धर दबोचा और और रस्म के मुताबिक बेलन से स्वागत किया और ऐसी ऐसी जगह बेलन देदिए की बताने में शर्मा रहे थे |
एक जबरदस्त महिला ने तो हद ही कर दी उनकी कमर पकड़ कर चासनी की कढाई में देमारा बेचारे ज्ञान जी छटपटाते रह गए
उसके बाद का सीन देखने लायक था जब ज्ञान जी रसगुल्ले जैसे चासनी से निकले तो लोगों की हंसी नहीं रुक रही थी
जनमासे में जब बे पहुंचे तो बहुत ताव खाए हुए थे रिंकू ने जब उन्हें पूछा क्या हुआ तो गुस्सा गये और बोले-

तेरे भाई की होगयी शादी |
और मेरी होगयी बर्बादी ||
सारी बारात हँसते हँसते लोट पोट हो गयी ........................
उनके फेवरेट सिंगर आधार चेतन्य है ......उनकी कुछ शायरी में यहाँ पेश कर रहा हूँ |
" टेम्पो चढ़ा पहाड़ पे पेट्रोल ख़तम हो गया |
बुढिया ने आंख मारी और बुढ्ढा ख़तम ................"

"मालिक की गाड़ी ड्राइवर का पसीना
चलती है रोड पे बनके ......................"
इतनी सुन्दर शायरी शायद ही आप ने पढ़ी हो ज्ञान जी सिंह सदन के लिए बहुत महत्वपूर्ण शख्श है |

Psingh

4 comments:

pankaj said...

dear pintu ...

what a joyful article . congrat's... gyan singh is really a unique personality ... he is a great resource of delight ful things .

Anonymous said...

very good post .

neha singh 'bitiya'

SINGHSADAN said...

हा हा हा......पेट में बल पड़ गए......ज्ञान सिंह की शायरी का पहलू तो हमें पता ही नहीं था.....उनके शख्सियत और उनके "सैर" पढ़वाने का शुक्रिया.....! अगली बार जब ज्ञान सिंह जी से मुलाकात होगी तो ये पोस्ट जेहन में रहेगी.....!
रोचक लेख लिखने के लिए पिंटू को दस में दस.....!

VOICE OF MAINPURI said...

gyan singh ka mobile wala kissa or likh dete to maja aa jata.waise majedar post likhi.