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Tuesday, June 22, 2010

कहाँ ''मैं'' जा रहा हूँ.........




ज़िन्दगी के मायने हैं क्या ,मैं ये समझूंगा कैसे ,
कामयाबी में डूबता जा रहा हूँ !!


छंट जांएगे दौलत से.. ग़ुरबत के ये बादल ,
ये कैसी तालीम पाता जा रहा हूँ !!


बर्बाद हो के भी.. जो मैं कुछ सीख पाया ,
कैसे कहते हो मैं घाटे में रहा हूँ !!


वक़्त हाथों में ठहरता ही नहीं है ,
क्यों मैं मुठ्ठी बंद करता जा रहा हूँ !!


खुदा तो खुद मेरे अन्दर बसा है ,
क्यूँ मैं ''काशी'' और ''क़ाबा'' जा रहा हूँ !!


सच ने कुछ ऐसे बवंडर कर दिए हैं ,
कोरी अफवाहों में जीता जा रहा हूँ !!


मोहब्बत एक ''तमाशा'' बन गयी है ,
आग है और खेलता ही जा रहा हूँ !!


न जाने किस की सोहबत में... नशा " सच" का लगा है ,
हर आदमी से दूर होता जा रहा हूँ !!


कहीं तो सुलझेंगी ये उलझने सब ,
मौत से पहले कहाँ मैं जा रहा हूँ !!


ज़िन्दगी तो पहले भी आसां नहीं थी ,
क्यूँ मैं अब बेसब्र होता जा रहा हूँ !!


खून के रिश्तों ने कुछ बाँधा है ऐसे ,
सोने की जंजीरों में जकड़ा जा रहा हूँ !!


कुछ छिन जाने की दहशत से मैं इतना डर गया हूँ ,
माँ के आँचल में सिमटता जा रहा हूँ !!


आप तो अपने ही थे फिर क्या हुआ जो ,
आपकी यादों से भी कतरा रहा हूँ !!


साथ किसके कोई मरता ही कहाँ है ,
क्यूँ कसमें झूठ खाता जा रहा हूँ !!


जो मुकद्दर में लिखा है, होता ... तय है ,
क्यूँ लकीरों से मैं लड़ता जा रहा हूँ !!


* * * * * PANKAJ K SINGH

4 comments:

Pushpendra Singh "Pushp" said...

bhaiya
bahut gahri bat kah di
छंट जांएगे दौलत से.. ग़ुरबत के ये बादल ,
ये कैसी तालीम पाता जा रहा हूँ !!
aur is sher me to kamal ki kashihs hai
मोहब्बत एक ''तमाशा'' बन गयी है ,
आग है और खेलता ही जा रहा हूँ !!
bahut khub
बर्बाद हो के भी.. जो मैं कुछ सीख पाया ,
कैसे कहते हो मैं घाटे में रहा हूँ !!
bhiya me bataun apne "sidharth" ki rah pakdi hai aur adhyatm ki or ja rahae hai .......badhaiyan

ShyamKant said...

आप आदर्शता की मिशाल होते जा रहे हैं ...............
महानता के प्रतीक हो गए हैं .........
जोरदार.........कामयाब..........शानदार.......... लज़ीज़ ........ज़ुज़ाजू.............लपसी.........
नफीश......... मेकौशु.............लिब्शु........हो गए हैं

neha singh said...

आप अपनी तरह ही लिखते हो . जितने सच्चे आप हो उतनी ही सच्ची आपकी ये रचना.........
मै तो कायल हो गयी ...................
.......नेहा singh

SINGHSADAN said...

सारनाथ की तस्वीर में दुआ के साथ उठे आपके हाथ भगवान सारी खुशियों से भर दे....भावनात्मक कविता,जिसका हर शब्द सीधे दिल से निकला है ! अच्छी रचना के लिए दिली शुभकामनाएं...!

******PK