खुशीयां ही खुशीयां
इन दिनों घर में कुछ अलग ही माहौल नजर आ रहा है कोई अपने डांस की तैयारी कर रहा है ,तो कोई अपने गाने का रियाज कर रहा है, कोई अपने ड्रामा की तयारी कर रहा है , तो कोई अपने स्टेज पर एंकरिंग के डायलॉग दुहरा रहा है, बहुत ही उत्सुकता भरा माहौल है , आखिर ये सब हो क्यों रहा है आइये में आपको बताता हूँ ,इन दिनों घर में जो माहौल है बो है शादी का , और बो शादी है ऐसे सख्स की जिन्हे बच्चे मामा व् चाचा कह कर बुलाते है उनके हम उम्र उन्हें श्यामकान्त या श्याम भैया ,उनसे बड़े - बेटा और घर के सबसे बड़े बुजुर्ग लला कह कर बुलाते है जी हां अब तो आप समझ ही गए होंगे की ये शादी घर के सबसे चहेते सदस्य श्यामकान्त की है.
इसे मेरा एहसास कहें या अनुभब जहां श्याम मामा का नाम आता है वहां माहौल ही कुछ अलग होता है, घर में श्यामकान्त के आते ही सभी सदस्य प्रफुल्लित हो उठते है उनके आते ही हम सभी लोगों का जिसमे संदीप , दिलीप , बिट्टू, चिंटू ,टिंकू , जॉनी , सहजाद , अलोक एबम अन्य लड़कों का गुट सा बन जाता है और फिर हम सब बहुत मस्ती करते है . श्यामकान्त का साथ हो तो हम बेतुकी बातों में हंसी ढूढ़ ही लेते है. अब सोचिये जरा , जब श्यामकान्त इतने खास है तो उनकी शादी कितनी खास होगी . जी हा इन दिनों घर के सदस्यों में एक बेचैनी, उत्त्सुकता , चिंता , प्रफुल्लता सभी भावनाओ को देखा जा रहा है, तो क्यों न इस उत्त्सुकता भरे माहौल के सदस्यों के आपसी संवादों को एक जीबन्त शैली में उकेरा जाए. तो आइये में आपको बताता हूँ की घर के सदस्यों में आपसी चर्चा का माहौल कैसा है .
शुरुआत करते है नानी से -.
नानी - प्रिया ओ प्रिया जरा नीचे आओ मैंने श्यामू की शादी के लिए एक शानदार कोट ख़रीदा है देखो तो कैसा लग रहा है.
प्रिया मामी --अरे मम्मी बहुत ही सुन्दर .
नानी - पुरे पांच हजार का है .
प्रिया मामी - सच में इतना महंगा क्या बात है मम्मी अब तो शादी में आप ही आप नजर आओगी .
प्रिया मामी - (अपने कमरे में जाकर ) मम्मी का तो पांच हजार का कोट है और मेरा तो तीन हजार का ही है, अब क्या करू, मम्मी के सामने में तो दिखूंगी भी नही ,
(तभी श्यामकान्त आते है, अरे मम्मी मेरी शेरवानी का रंग कैसा है ),कोई जबाब नही आया सब अपने में व्यस्त है
, (इधर लड़कीयों की टोली ) -निक्की फोन पे – ऐ गौरी आज मैंने इयररिंग्स खरीदे गोल्डन कलर के
गौरी - सच में, ए बहन मेरे लिए भी खरीद लेती , कल मुझे भी बहुत सी शॉपिंग करनी है , बैंगल्स , हार कंगन , इयररिंग्स , नकली नेल्स , आई लाइनर, और भी बहुत कुछ लेना है चल अभी में फोन रखती हूँ मुझे मेंहदी लगानी है, बाद में बात करती हूँ ,
इधर श्यामकान्त घर में ,( कोई मुझे बताएगा की मेरी शेरवानी का रंग कैसा है , कोई जबाब नही आया , सब अपने में व्यस्त है )
,( सम्बल में )
इशी - माँ में ये डिसाइड नही कर पा रही हूँ कि में श्यामू चाचा की शादी में क्या पहनू ,
लीची - दीदी आप न वही सूट पहनो जो आपने जॉनी चाचा की शादी में पहना था ,
ईशी - वो क्यों ?
लीची -( हस्ते हुए , ) क्यों की वो भी शादी थी और ये भी शादी है
बड़ी मामी - अजी सुनते हो में श्यामू की शादी के लिए कौन सा गाना तैयार करू ,
बड़े मामा जी – देखो भाई मैंने तो अपनी सारी गजलें तैयार कर ली है उन्ही में से तुम भी एक दो गुनगुना देना ,
इधर श्यामकान्त घर पर ,( अरे कोई मुझे मेरी शादी का कार्ड दिखाएगा --, अब भी कोई जबाब नही आया, सभी अपने में व्यस्त है, किसी को थोड़ी सी फुर्सत नही है .)
मैनपुरी में (दिलीप , संदीप ,चिंटू , जॉनी , सहजाद )
चिंटू मामा- अरे बिटिया मेरी मुल्ल्तानी मिटटी नहीं मिल रही है कहाँ रख दी
बिटिया -परसों से आप 12 बार लगा चुके हो , 6 पैकेट खर्च कर दीये है , अब बस भी करो , शादी मेरी हो रही है य तुम्हारी ,
चिंटू मामा - अरे पागल शादी तो तुम्हारी है लेकिन लडकियां तो मुझे ही देखेंगी , इसीलिए ही तो में इतना स्लिम हो गया हू ,
( जॉनी - दिलीप ),
दिलीप - अरे यार जॉनी ये चेहरे पर एक पिम्पल निकल आया है , क्या करू ,
जॉनी - अरे ये पिम्पल नही ये फोड़ा है , तुम्हे तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए ,
दिलीप - अभी जाता हूँ
जॉनी - रुको जरा में भी चलता हूँ, मेरी दोनों बगलों में बालतोड़ निकल आया है
संदीप - अरे यार इन फ़ुन्सीयों को भी अभी ही निकलना था ,में तो चल भी नही पा रहा हूँ , दिलीप भी दिल्ली में है दुकान कौन चलाएगा,
शहजाद भैया फोन से --- अरे भाई संदीप दिल्ली कब जा रहे हो , जाओ तो मेरी दूकान के लिए भी कपड़े ले आना ,
संदीप - ऐसा है चुप्पां चले जाओ और ले आओ , हम अपनी दूकान नाय खोल पाय रहे है , तुमाए केले कहा से ले आएं वस्त्र ,
इधर श्यामकान्त अपने घर पर , (अरे कोई बताएगा की बैंड कौन सा किया है) ,फिर से कोई जबाब नही आया ,
नाना जी - ओये टेंट अभी तुझे किसी सामान की जरूरत हो तो बता देना बाद में अगर तूने चें चें पें पें की तो मार के हिरन बना दूंगा , शहनाई सा बजता फिरेगा , शादी में किसी भी बात की कमी नहीं होनी चाहिए ,इधर दिल्ली में - ( फोन पर दिलीप और पंकज मामा जी )-
पंकज मामा जी - किताब छप रही है तुम्हे कुछ खबर है ,
दिलीप - जी मामा जी आपने बताया था ,
पंकज मामा जी - तो फिर आज शाम को घर निकल आओ और उसकी प्रूफ रीडिंग कर दो , और श्यामू की शादी के लिए कुछ गाने भी तैयार करने है ,
दिलीप - मामा जी आज मेरी क्लास है ,
पंकज मामा जी - अरे 2 साल से तेरी क्लास ही चल रही है , आजा में पढ़ा दूंगा ,
दिलीप ( चुपचाप से )- जी मामा जी ,
इधर श्यामकान्त घर पर ,( अरे कोई मुझे बताएगा की में शादी में कितने दिन की छुट्टी लू ,) सब अपने में व्यस्त है फिर से कोई जबाब नही आया ,
( इधर कानपुर में )-फोन पर - पिंटू मामा – अरे भाई दिलीप क्या हाल है ,
दिलीप - जी मामा जी ठीक हूँ , और क्या क्या खरीद लिया है आपने शादी के लिए ,
पिंटू मामा - अरे का बताएं आठ हजार की शॉपिंग कल्लई और अभेऊ बाक़ी है , अरे सुनो जरा दिल्ली से आते वक्त मेरे लिए सदरी ले आना आखिर श्यामकान्त की शादी में सिंह साहब दिखने चाहिए
पिंटू मामा ,- लेकिन यार एक टेंसन है ,
दिलीप - क्या मामा जी
पिंटू मामा - शादी की शॉपिंग तो हो गई लेकिन कार्ड अभी तक नहीं आया , हा हा हा हा हा हा