मंझले सुपुत्र....
बड़े बेटे पर लिखी गयी पोस्ट के उपरान्त यह मेरी दूसरी पोस्ट है । इस बार भी मैं अपने बच्चों के ऊपर पोस्ट लिख रही हूँ । चूँकि पिछली पोस्ट में मैंने बताया था कि मेरे चार पुत्र हैं । इसी क्रम में यह पोस्ट मेरे दूसरे बेटे पंकज के ऊपर है ।
वे अपने नाम की तरह पुष्पित एवं पल्लवित हैं । वे ऊँची कद काठी के हैं । वे शांति प्रिय हैं । वे आध्यात्म से जुड़े हैं । उन्हें मीठे भोजन बहुत पसंद हैं । उनको सफाई और घर का सामान यथा स्थान लगाना पसंद है । समय का अभाव होने पर भी वे ज्यादा से ज्यादा वक़्त मुझे देते हैं और विहार व्यक्त करते हैं । उनके यहाँ मुझे बहुत शांति मिलती है । वो भीष्म पितामाह जैसे दृढ़ प्रतिज्ञ हैं, जो मन में ठान लें, कर दिखाते हैं । जब वो मुझे ''माते'' कहकर पुकारते हैं... तो मैं अपने आपको धन्य समझती हूँ । इश्वर में उनकी आस्था को देखकर मुझे एक चौपाई याद आती हैं । जो माँ सुमित्रा ने लक्ष्मण के लिए कही थी .......
पुत्रवती युवती जग सोई ।
रघुपति भगत जासु सुत होई ।।
ऐसे बच्चों का होना वास्तव में गर्व की बात है पर मै इसको प्रभू की कृपा समझती हूँ उनकी कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं है निसंदेह पंकज बहुत भावुक किस्म के हैं वे बाहर से नारियल की तरह कठोर लगते हैं जबकि वे अन्दर से बेहद नरम हैं वे घर के सभी सदस्यों को बेहद प्यार करते हैं बड़े भाई को पिता के समान सम्मान देते हैं, तो भाभी को माँ का दर्ज़ा देते हैं ।
पंकज अच्छे क्रिकेटर भी हैं । वे मैनपुरी Stadium में चयनित होकर अंडर-18 में आगरा तक खेल चुके हैं । वे दैनिक जागरण मैनपुरी में जबरदस्त पत्रकार की हैसियत से । वे इतने प्रतिभाशाली थे, कि ग्रेजुएशन के बाद उनका चयन Mass Communication (Delhi ) में हुआ ।इस क्रम DD -1 के संवाददाता के पद पर चयनित हुए तत्पश्चात । BBC London आकाशवाणी में चयनित हुए । उसी समय उनका चयन सचिवालय में हो गया । और फिर एक साल बाद PCS परीक्षा में सफल होकर व्यापार कर अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए ।
पंकज, मैं तुम्हारी उन्नति के लिए इश्वर से दुआ करती हूँ । तुम्हारा हर कदम उन्नति के पथ पर हो । मेरे प्यारे बेटे पंकज मेरा आशीर्वाद और भगवान् की कृपा सदैव तुम्हारे साथ रहे ।
तुम्हारी माँ शीला देवी
पंकज अच्छे क्रिकेटर भी हैं । वे मैनपुरी Stadium में चयनित होकर अंडर-18 में आगरा तक खेल चुके हैं । वे दैनिक जागरण मैनपुरी में जबरदस्त पत्रकार की हैसियत से । वे इतने प्रतिभाशाली थे, कि ग्रेजुएशन के बाद उनका चयन Mass Communication (Delhi ) में हुआ ।इस क्रम DD -1 के संवाददाता के पद पर चयनित हुए तत्पश्चात । BBC London आकाशवाणी में चयनित हुए । उसी समय उनका चयन सचिवालय में हो गया । और फिर एक साल बाद PCS परीक्षा में सफल होकर व्यापार कर अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए ।
पंकज, मैं तुम्हारी उन्नति के लिए इश्वर से दुआ करती हूँ । तुम्हारा हर कदम उन्नति के पथ पर हो । मेरे प्यारे बेटे पंकज मेरा आशीर्वाद और भगवान् की कृपा सदैव तुम्हारे साथ रहे ।
तुम्हारी माँ शीला देवी
6 comments:
हम भी यही दुआ करते है...आप खूब तरक्की करें
बुआ जी
बहुत सुन्दर लिखा बड़े भैया राम है तो पंकज भइया लक्ष्मण है
पंकज भइया बाकी निश्छल और निर्मल ह्रदय के व्यक्ति है |
बहुत सही.....पंकज के बारे में मम्मी ने बहुत सही लिखा है. वाकई पंकज ने अपने आचार व्यवहार में जो दृढ़ता और साफगोई दिखाई है वो कम लागों में मिलती है. मेहनत और लगन के सहारे ही पंकज इस मुकाम पर हैं....मम्मी ने सही कहा है कि नारियल का सत्व तो नारियल के अन्दर है..कोई तोड़ के तो देखे.....मैंने इस नारियल को तोडा है, तभी तो इसके स्वाद से मैं खूब वाकिफ भी हूँ. चुनौतियों से न घबराना और विपरीत परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों से समझौता न करने वाले पंकज को बहुत बहुत प्यार.....लक्ष्मण भी हो तुम और शायद अर्जुन भी....!
*****PK
प्रिय माते ....और भैया ....
अपनी कुछ नेकियों और तमाम बुराइयों के साथ आपका ही हिस्सा हूँ ! आपकी सेवा और खुशियों में ही मेरे लिए मोक्ष का मार्ग निहित है !
भैया जी चरण स्पर्श ,,,,
जैसा कि आंटी जी ने जो कुछ कहा सोलह आने सच कहा,आप एक जबरदस्त व्यक्तित्व के स्वामी है/
और जो मन मै एक बार ठान लेते है उसे पूरा कर के ही दिखाते है ,आप क्रिकेट के बहुत बड़े शौक़ीन है,हम सभी आपकी बोवलिंग के दीवाने थे,आपकी ख़ास बात ये है कि आप हर कार्य को मज़े के साथ करने क़ी कोशिस करते है.और आपका जो बड़े बालो मे जो लुक आता है उसका तो कोई जवाव नहीं.
आप सच मे नारियल है भैया जी ,
आपका छोटा भाई
चिंटू
भैया के बारे में बहुत बेहतरीन लिखा वे हमारे दिलों में बसते हैं ..........
उनका कोई जवाब नहीं .......
वे सिंह सदन की शान हैं ......
वे सही मायनों में सिंह सदन के महाराज ज़ुजाजु हैं !!!!!!!
माता श्री को धन्यवाद
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