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Saturday, October 29, 2011

रोशनी के झुरमुट में सांवले अंधेरे है........

सूरज की हथेलियों पर खुशबुओं के डेरे है 
तितलियों के पंखो पर  जागते सवेरे है,

नर्म-2 लम्हों की रेशमी-सी टहनी पर 
परिंदों के गीतों के खुशनुमा बसेंरे है ,

फिर मचलती लहरों पर नाचती किरणों ने   
आज बूँद के घुघरूं दूर तक बिखेंरे  है ,

सच के झीने आँचल  में झूठ  यूँ छिपा जैसे
रोशनी के झुरमुट में सावले अँधेरे है,

डूबे हुए स्याही में जो लफ्ज-2 है
मेरी गजल में उन आंसुओं के फेरे है .....


सचिन सिंह 

Tuesday, October 25, 2011

दीपावली ही हार्दिक शुभकामनाएं.....!


दीपावली ही हार्दिक शुभकामनाएं.....
"सिंह सदन" की बगिया में खिला हर फूल यूँ ही महकता रहे रौशनी लुटता रहे.....!
दीपक से सीख लेता हुआ हर सदस्य भले खुद जल जाए मगर उजाला बांटता रहे..... हमारी परंपरा है यह कि छोटो से प्यार करें बड़ों से आशीर्वाद पायें.....!
हम सब किसी से छोटे हैं तो किसी बड़े..... हर मर्यादा से गुजरना है हमें.....!!!

कोई सीख नहीं है यह.... बस भावनाएं हैं जिन्हें व्यक्त कर रहा हूँ.....!
सबकी तरफ से सबको दीवाली की शुभकामनाएं. 
 
PK

Monday, October 24, 2011

SPL -III ....हट के है|



जैसा क़ि सर्वविदित है क़ि सिंह सदन पिछले दो वर्षों से SPL का आयोजन बहुत ही भव्य तरीके से कराता आ रहा है
इस बार इस आयोजन को और भी जोरदार और रोचक बनाने क़ी तैयारियां जोरों से चल रही है | पिच विशेषज्ञ श्री ह्रदेश जी क़ी देख
रेख मै पिच को बहुत ही अच्छी तरह तैयार कराया जा रहा है ताकि गेंद के उछाल को संयंत्रित किया जा सके और
अच्छे स्कोर बन सके ताकि दर्शकों का पैसा वसूल हो सके
और अच्छा क्रिक्र्ट देखने को मिल सके |
तो सभी खिलाडियों से अनुरोध है क़ी अपनी उपस्थिति सिंह सदन हैड ऑफिस मै दर्ज जरुर करादें ताकि आप क़ी बोली लग सके
बाद में मुझसे सिफारिश करने न आइयेगा ........|

Sunday, October 23, 2011

200 NOT OUT .... & CONTINUED


बाग़ -ए- सिंह सदन ....


'' सिंह सदन'' ब्लॉग ने एक और मानक पार कर लिया है... 200 नॉट आउट ! ...इस मौके पर सभी सिंघम को हार्दिक बधाई... साथ ही इस उपलब्धि से प्रेरित होकर  एक ''महाकाव्य''-'' सिंह सदन''   की शुरुआत कर रहा हूँ! आप सभी को  भी अनिवार्य रूप से अपने अपने योगदान की आहुति डालनी है !कम से कम २००० छंदों के साथ इस महाकाव्य को सजाने का अपना लक्ष्य होना चाहिए !

..........शुरुआत ये नाचीज़ कर रहा है, आप इसमें जोड़ते चलिए !
                                 
महाकाव्य....

'एक दूजे से खुशबू लेते, एक दूजे के लिए बने  !
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

अम्मा 'उषा किरण' अनोखी, प्रतिभा और ममता का मिश्रण !
यात्राओं का शौक है भारी, नित संतों का करे अनुश्रवण!!

हो कर रह जाता है उनका ,जो भी उनसे आ के मिले!
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

 सिंघम सुप्रीमो का कड़क अंदाज़, हर ख़ास ओ आम की जान सुखाये!
 छोटे - बड़े का हो जो दंगल ,रेफरी बने सो 'चाँद' कुटाये !!

होठों से सब फूटे खस्ते, बीच राह जब ....नंदन आ मिले!
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

 शीला माँ हैं बड़ी साध्वी, हरदम सबको सीख सिखाती!
 प्यारी- न्यारी अंजू भाभी ,सबको अपने पास बुलाती !!

 सभी भागते हैं नॉएडा को ,जिसको जो भी ट्रेन मिले !
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

 तर्क शास्त्र में प्रवीण बड़े हैं ,फिर भी कहलाते हैं छोटे !
अंदाज़े- बयाँ है बहुत निराला ,शब्दों के हैं बाण अनूठे !!

 जोशे- जुनूँ से फटे आस्मां ,दर्जी (BADE) से भी नहीं सिले !
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

श्यामू- लीची- इशी- शेरा, रोशन है इनसे ही महफ़िल !!
बल्ली- दिलीप- पिंटू और टिंकू, सब चर्चिल हैं क्या करता है अंकिल -अंकिल!    

 हर मौके पर मस्ती होती, बजे ढोल जहां सभी मिले !
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

उमा टशन में' हप्पा' खाएं, रतन साब नित सोचत जाएँ!
 फौजी संग उषा दी जब देखो तब, नित मिश्त्री संग राज बुलाएं !!

 भागें सब अक्सर मेदेपुर को,  जिया कचौरी पुरीं तले !
 सिंह सदन की फुलवारी में रंग बिरंगे फूल खिले  !!

*****PANKAJ K. SINGH
    

Saturday, October 22, 2011

समस्या हल - 5




समस्या हल ४ के लिए पुनः सदस्यों ने मनोहारी रचनाएँ भेजीं ... सभी एक से बढ़कर एक .. सभी बधाई के पात्र हैं !..... परन्तु विजेता तो एक ही हो सकता है ... काफी मशक्कत के बाद ज्यूरी ने पुनः भैया पिंटू को विजेता चुना है ! बधाई हो ...!









बच के रहना रे बाबा ....



.... तो अब आते हैं समस्या हल ५ पर..... इस बेमिसाल चित्र को देखिये .... बाहुबली कौशल भैया न जाने किस बात पर इस कदर खफा हुए हैं कि सावन में भी आग उगल रहे हैं ... और इस आग में झुलस कर रह गए हैं सिंह सदन के नायब!

..... इस मोहंचाबर को ज़रा लिख तो भेजिए !

*****PANKAJ K. SINGH 

Thursday, October 20, 2011

समस्या हल





......तो बात बन जाए .....!


साथियों पिछली समस्या हल के बड़े ही रोचक और मजेदार ज़वाब आये .. आनंद ही आ गया और विजेता भये हैं ..हमाये पिंटू भैया .. इनकी खूब नाम्बड़ी होए ...!

.... तो अब काम में लग जाइए ... देखिये इस द्रश्य को और बताइए कि ये बांका शहजादा इस तस्वीर को देख कर क्या सोच रहा है ...या फिर इस गबरू  बांके शहजादे को देखकर खुद तस्वीर ही कुछ बोल उठी है .. गुसांई जो भी हो , जल्दी बताओ ... जय राम जी की !

***** PANKAJ K. SINGH

Wednesday, October 19, 2011

समस्या हल ....


साथियों ..... आज फिर से आपको  ''समस्या हल''  की रोचक दुनिया की सैर पर ले चलते हैं !  चित्र को देखिये और बताइए की ये दो परम मित्र आपस में क्या बतिया रहे हैं !

***** PANKAJ K. SINGH

Sunday, October 16, 2011

एक आला शायर का जन्म



...अभी हाल में मैनपुरी गया तो  देश के एक बेहतरीन उभरते हुए शायर से मुलाकात हो गयी ! वह युवा भी हैं ... और आदर्शवादी भी ! ..जोशीले भी हैं ...और जिज्ञाशु भी ! ...प्रतिभाशाली भी हैं ..और भावुक भी  ! 

.....फिलहाल उनके द्वारा पेश चंद लाइने हाज़िर कर रहा हूँ.... उनकी शख्शियत से आपका तार्रुफ़ अगली पोस्ट में कराऊंगा..

''.. यह हो ही नहीं सकता... कि मैं तुझे ना छेड़ूं, 
                               ऐ मौत ... तुझे भौजाई बना रखा है  !!


*****PANKAJ K. SINGH

आपका फेवरेट कौन है




.... जरा बताइए तो सही ....


.... इधर कई दिन हुए ब्लॉग पर कोई नई विचार श्रंखला नहीं आयी... अभी हम सब महान ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह की स्म्रतियों में सराबोर हैं... ऐसे मैं सभी सदस्यों से निवेदन करता हूँ .... कि वे एक एक लेख के माध्यम से हम सभी को यह जानने का अवसर दे कि वे किस एक सिंगर को सार्वाधिक पसंद करते हैं और क्यों  आप के लेख आज कल में ही आ जाए तो बहुत अच्छा रहेगा ... पूरे समाज में आपकी नाम्बड़ी होगी ..


***** PANKAJ K. SINGH.  

Monday, October 10, 2011

मेरी गुजारिश ......





काफी लम्बे समय बाद मै इस ब्लॉग पर अपनी पोस्ट डाल रहा हूँ ..........
इस बावत मुझे काफी ख़ुशी हो रही है, खास बात ये है की मै ये पोस्ट जम्मू यात्रा के बाद लिख रहा हूँ .......
लोगों को मैंने इस ब्लॉग पर सिर्फ अपना हित साधने के लिए दूसरों की तारीफ़ करते देखा है .............
लोगों को इस ब्लॉग पर बड़ी-बड़ी बातें करते देखा है जो अन्दर से खोखली हैं ................................
इसलिए मै लम्बे समय तक इस ब्लॉग से दूर रहा ............................
मैंने अपनी  साल की जिंदगी मै बहुत कुछ सीखा है ...................................
पर आज समय आगया है की मै कुछ अपने बारे मै भी लिखूं ....................................
मैंने इन 26 सालों में  जो जीवन जिया वो स्वाभिमान से भरा है जिसमे,
अपनी जबरदस्त मेहनत का सुहागा लगा हुआ है .................................
मैंने हमेशा घर में एकता को चाहा......................................
मैंने कभी अपने भाइयों से अपनी आवश्यकतायों   का जिक्र नहीं किया
पर उन्होंने जो दिया उसे लेने से कभी इनकार भी नहीं किया............
मैंने कभी ये आशाएं नहीं लगायीं की मुझे कुछ मिल जाय क्योंकि जब आशाएं टूटती हैं तो बड़ा दर्द होता है .......
मै बस इतना कहना चाहता हूँ की यदि सिंह सदन के किसी भी सदस्य को मुझसे दिक्कत है ,
तो इस बावत मुझसे जरूर संपर्क करे ............................
और एक बात और कहना चाहूंगा जिन लोगों को लगता है की मै नौकरी नहीं कर पाउँगा तो मै बता दूं
जहाँ मै अपनी पोस्टिंग लूं वहां आके एक बार देखना जरूर..............................
मैंने सदैव चुनौतियों से लड़ना सीखा है ................
और ये ज़ज्वा मै जीवन पर्यंत जारी रखूँगा .............................................
एक बार फिर विनम्र आवेदन है की मेरे पीछे किसी प्रकार की बातें न करें
और शादी को लेकर ख़ास तौर पर नहीं ....................................
और किसी का नाम मेरे साथ जोड़ कर किसी को बदनाम करने
की कृपा बिलकुल न करें जरा गंभीरता से सोचिये ये आपके साथ हो तो कैसा लगेगा

धन्यवाद........
श्यामकांत