''जश्न ए गोल्डन जुबली'' कान डाउन शुरू
इब्तदा यहीं से करते है...आखिरकार पंकज भैया की कोसिस रंग ले ही आयीं.पूरा सिंह सदन 13 जून 2010 को लखनऊ में इकट्ठा हो रहा है.इससे बड़ी ख़ुशी हम लोगों के लिए कुछ नहीं हो सकती.13 जून की तारीख इस लिए भी महत्त्वपूर्ण है.अव्वल....इस दिन हमलोग अपने प्यारे ब्लॉग की ''जश्न ए गोल्डन जुबली'' मना रहे हैं.दूसरा घर का दुलारा "अक्षत" का हेप्पी बर्थ डे है.कुल मिला कर ये दोनों ही पर्व सिंह सदन के हर शख्स को खुशियाँ देने की लिए तैयार हैं.राजा का बाग़.नगला रते.मेदेपुर और कानपुर में इस मोके को खास बनाने के लिए सभी लोग जुट गएँ हैं.प्रिया ने तो ११ जून से पेकिंग शुरू कर दी थी.कपड़ों का चयन.क्या क्या करना है.बगैरा-बगैरा....ऐसी ही उथल - पुथल नगला रते में थी संदीप.दिलीप.निक्की और दीदी उत्साहित हैं.
लखनऊ की यात्रा इसलिए भी इस बार खास होगी.क्यूंकि 13 को ही सिंह सदन की दूसरी शाखा का श्री गणेश किया जाएगा.पंकज भैया के घर पर ये पहला आयोजन है.सिंह सदन और उसके लोग पंकज भैया को जान से भी प्यारे है...सो हम लोगों का फर्ज़ और जिम्मेदारी भी बनती है कि इस आयोजन को सफल ही नहीं बल्कि यादगार बनाने में सहयोग करें.पंकज भैया के घर हमेशा खुशियाँ महकती रहे इससे ज्यादा ख़ुशी हमसब लोगों के लिए कुछ नहीं हो सकती है.
भैया ने हमेशा से ही सिंह सदन की तरक्की का सपना देखा है. भैया की हर सांस इसे साकार करने की दुआ करती है.भैया ने अपने एक पहलु को हम लोगों की आखों से हमेशा ओझल रखा है.गम..तन्हाई भैया ने किसी को कभी ज़हीर नहीं होने दी. हमेशा हम लोगों के लिए सोचा...किया.उन्होंने अपने लिए कभी कुछ नहीं सोचा...हम लोगों से कुछ नहीं माँगा..बस दोनों हाथों से दिया...लिया कुछ नहीं.लेकिन अब वक़्त आ गया है की हम सब लोग पंकज भैया को कुछ दें....जिसमे ख़ुशी और जश्न दोनों हों...
*****हृदेश सिंह
2 comments:
जोनी बिलकुल साही कहा
पंकज भैया ने बहुत कुछ किया है और बहुत कुछ करने का जज्बा रखते है
बे युग पुरुष है इस युग के दुसरे सिकंदर है |
शहंशाहों के शहंशाह है सिंह सदन सरताज है
बस यही दुआ है मेरी .............
"अजीमो शान शहंशाह सलामत रहें"
हमसब उनकी खिदमत में हाजिर होंगे अदब के साथ
psingh
जश्न ए गोल्डेन जुबिली का हमें शिद्दत से इन्तिज़ार है.......
इस आयोजन के लिए सूत्रधार के रूप में पंकज की भूमिका निर्विवाद है.
पंकज का ये प्रयास रंग लाया है.......
ब्लॉग के बहाने इस तरह सिंह सदन संगमन होगा.....सोचा भी नहीं गया था.
अक्षत का जन्मदिन भी इसी रौ में पूरे मन से मनेगा......
PK
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