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Thursday, June 17, 2010

''होम ब्लॉग'' का सुहाना सफ़र







स्वागत करें .... '' करिश्माई तिकड़ी '' का !

''सिंह सदन - २'' में हुए ''वीकेंड सेलेब्रेसन'' के विषय में काफी चर्चा हो चुकी है ! यहाँ हुयी ''स्टेयरिंग कमेटी'' की बैठक में कुछ अहम् फैसले लिए गए थे ! बड़ी ख़ुशी की बात है कि सदस्यों ने लिए गए निर्णयों का मान रखा है.... और इन पर फौरी तौर पर अमल भी शुरू हो गया है !

...इन निर्णयों पर अमल होने का सुनहरा परिणाम है ... दुनिया के इस पहले ''होम ब्लॉग'' पर तीन नए बेहतरीन लेखकों का पदार्पण ! यह तीन नए लेखक हैं.... १ . श्याम कान्त , २ . प्रिया सिंह और ३. नेहा सिंह ! इन तीनों को सक्रिय करना मेरा ''ड्रीम प्रोजेक्ट'' था.. जो अब पूरा हो गया है ! चारों तरफ से इस प्रकार के रुझान मिल रहे हैं कि इन तीनों नवोदित लेखकों के आते ही ब्लॉग की टी . आर . पी . यकायक बहुत ऊंचाई पर पहुँच गयी है ! यह तीनों ही बहुत बढ़िया लेखक तो हैं ही ... मुझे अति प्रिय भी हैं !

मुझे सबसे अधिक प्रसन्नता इस बात की है कि श्यामू ने सक्रियता दिखाई ! श्यामू एक ऐसे अच्छी नस्ल के ''अरबी घोड़े'' की तरह हैं जिसका काम तो बहुत अच्छा होता है पर उस पर काबू पाना बेहद मुश्किल होता है ! वो अपनी मर्ज़ी का मालिक होता है ! अब देखिये ...श्यामू ने लिखा तो क्या बढ़िया लिखा ! मैं काफी ढूँढता रहा पर एक सिंगल भाषाई त्रुटि भी न निकल सका ! क्या बेहतरीन भाषा संयोजन और दिलचस्प वाक्य विन्यास ... मज़ा ही आ गया ! मैं उन्हें एक ज़िम्मेदारी दे रहा हूँ कि वे ''सिंह सदन'' के कई और आत्मीय चरित्रों पर विस्तार से लिखें ..ख़ास कर अपनी ''यूथ ब्रिगेड'' के मनोहारी चरित्रों के विषय में !

श्यामू की दिलचस्प लेखन शैली ने सभी को आनंदित कर दिया है ! हर कोई उनके आगामी लेखों का इंतजार कर रहा है !

.. प्रिया ने भी सुन्दर लेख के साथ आगाज़ किया है ! पहला ही लेख ह्रदय स्पर्शी ! हम सभी उनकी जादुई लेखनी से स्पंदित हुए हैं ! माँ के बारे में क्या शानदार उन्होंने लिखा है उनके आगमन से होम ब्लॉग और आकर्षक हो गया है ! ''सिंह सदन- २'' में आने पर मैंने प्रिया से लिखने का वायदा लिया था .... और मात्र ४८ घंटों के भीतर वायदा पूरा ! ''सिंह सदन'' की एक असली शेरनी की तरह .. !

प्रिया को उनके दृढ प्रयासों के लिए मैं बधाई देता हूँ !

... नेहा ''बिटिया'' का प्रदर्शन बेहतरीन जा रहा है ! उनके तमाम रचनात्मक पहलू सामने आ रहे है ....एक पेंटर ...एक कवियत्री ...एक शायरा ...और एक लेखिका ...सभी रूपों में वे छाप छोड़ रही हैं ! बिटिया की सबसे बड़ी खाशियत है.... उनकी ग्रेसफुल और सेंसिबल पर्सनालिटी ! उनकी लेखनी भी उनकी पर्सनालिटी का आईना है !

इन तीन शानदार लेखकों का मैं पूरे जोशो - खरोश के साथ इस्तकबाल करता हूँ ! आपके मज़बूत हाथों में ''होम ब्लॉग'' और बरकत पायेगा ... ऐसा मुझे विश्वास है ! !

* * * * * PANKAJ K. SINGH

5 comments:

ShyamKant said...

आपका आदेश आये और पालन ना हो ...........
असंभव !

Neha (Bitiya) said...

बहुत - बहुत धन्यवाद भैया .....................
मै आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करुँगी !

SINGHSADAN said...

वाकई इन तीनों लेखकों का पर्दार्पण इस ब्लॉग के लिए वरदान है.....!
pk

VOICE OF MAINPURI said...

bahut achha lag raha hai

Pushpendra Singh "Pushp" said...

बहुत ही अच्छा विश्लेषण भैया
आभार................