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Saturday, May 15, 2010

आओ सीखें ईशी से ...



...कैसे जिया जाता है ..


.. जीने की एक बेहतरीन शैली का नाम " ईशी " है ! हमारी प्यारी छोटी सी बिटिया ईशी जन्म से ही अदभुत नैसर्गिक गुणों से परिपूर्ण है ! पिछले दिनों जोनी ने भी ईशी की सुन्दर , निर्दोष आत्मा को व्याख्यायित करने वाला एक प्यारा सा " स्केच " खींचा था !

... मुझे लगता है की ईशी में एक "दिव्य आत्मा " का वास है अन्यथा ऐसी छोटी .. कच्ची उम्र की बच्ची में ऐसी चकित कर देने वाली सूझ -बूझ ... समझदारी ... संवेदनशीलता और दूसरों को प्रेम देने की "अनंत" चाहत कोई सामान्य घटना नहीं है ! मैंने बचपन से ही उन्हें बढते हुए देखा है .... उनकी बातों और सोच ने मुझे अक्सर विस्मय में डाला है ! मुझे पूर्ण विश्वास है कि ईशी एक "असाधारण" बच्चा है और उसे प्रभु का असीम आशीर्वाद प्राप्त है .... उसके द्वारा कुछ महान .... कुछ आसाधारण .... कुछ अभूतपूर्व घटित होना ही है !

ईशी का " सिंह सदन " में उत्पन्न होना हमारे लिए निश्चय ही गौरव और सम्मान का प्रतीक है ... ! ईशी ने अपने बचपन को सहज और भरपूर ढंग से जिया है ....उनके अन्दर भरपूर उर्जा है ..... नवीन एवं अद्यतन तकनीकों पर उनकी सम्पूर्ण पैठ है ! मोबाइल फोन से सम्बंधित अनेकों बातें मैंने ईशी से ही सीखी हैं ... वे ही मेरी " सेल गुरु " हैं ! फैशन .. सिनेमा .. शोपिंग .. संगीत में उनकी जानकारियां बेहद अधिकारपूर्ण हैं ! पढाई में वे अत्यंत मेधावी हैं .. और "माँ" के रूप में उन्हें सर्वश्रेष्ठ गुरु प्राप्त है !

... उनका व्यक्तित्व अपने पिता से मेल खाता है ..... अपने पिता कि भांति ईशी सभी के साथ सहज है.. उनका किसी से कोई संघर्ष नहीं है .... सब बच्चों को साथ लेकर चलना और सभी का ख्याल रखना और सभी की भावनाओं को सम्मान देना जैसे गुण उन्हें नैसर्गिक रूप से प्राप्त हैं ! ये ही गुण उन्हें आसाधारण बनाते हैं ! ईशी हर हाल के साथ तालमेल बिठाने का हौसला रखती है .... मुझे लगता है की उसके अन्दर काफी हिम्मत है .... और समय आने पर वह हर मुश्किल से मजबूती से सामना कर सकती है ! वह पारिवारिक है ... और फैमिली के साथ वह काफी आत्मीय है ... वह कभी किसी का दिल नहीं दुखाती है ...और सभी की भावनाओं का पूरा सम्मान करती है !


..ईशी के साथ मेरे कई प्यारे दिलचस्प संस्मरण जुड़े हुए हैं ! ... जब वो मात्र तीन साल की थी तो मुझसे कद की लम्बाई नापती थी और पूरे यकीन के साथ "फैसला '' सुनती थी की वही ज्यादा लम्बी है ... यही नहीं मैं .. जोनी .. और श्यामू उनसे '' छोटे '' हैं यह बात वो मुझसे जबरदस्ती मनवाती थी !

..मेरे पहनावे पर वे सदैव बिंदास ... बेलौस कमेन्ट पास करती रही हैं ...यहाँ तक कि उन्होंने कई बार मुझे भारी फैशन परस्त ... हीरो टाइप लड़का करार दिया है ! मेरे साथ शौपिंग के लिए वे सदैव काफी क्रेजी रहती हैं !

ईशी में इन्सान को और ...उसके "मनोविज्ञान" को समझने की गज़ब की योग्यता है ...किसी कार्यक्रम .. सेमीनार वगैरह में अपरिचित व्यक्तियों के बारे में उन्हें देख - सुन कर वे गज़ब के कमेन्ट पास करती हैं ! .. ईशी में भरपूर आत्मविश्वास है ... और कई अवसरों पर उन्होंने बेहद सुन्दर " पब्लिक परफोर्मेंस" दी है ..वे अच्छी डांसर .. बढ़िया सिंगर .. और मेधावी छात्रा हैं ! ...बस मुझे एक ही कमी अखरती है कि वे अपने कमरे कि सफाई नहीं रखती हैं और माहौल को साफ़ सुथरा रखने की दिलचस्पी उनमे कम है ...साथ ही "लीची " को भी वे " गैर जरुरी " ढंग से उकसाती रहती हैं ....इस हद तक ... कि '' लीची " के धैर्य का बाँध टूट जाता है ... और फिर शुरू होती है .... एक जबरदस्त ...लोमहर्षक .... एक्शन फिल्म .. !

ईशी को ये सब करने में काफी आनंद आता है ! " सिंह सदन " उन्हें सदैव ऐसे ही हँसता - खिलखिलाता देखना चाहता है ! प्यारी ईशी ... जीवन का भरपूर आनंद लो .... वही करो जो तुम्हे भाए ... और बड़ी होकर वही बनो जो तुम वाकई बनना चाहती हो ...हम तुम पर अपनी कोई इच्छा - आकांक्षा नहीं लादना चाहते ...बस जो करो ... अच्छा करो ... मन से करो ... और संतुष्ट रहो ! !


* * * * * PANKAJ K. SINGH

1 comment:

SINGHSADAN said...

हा....हा....हा.......पेट में बल पड़ गए.
इशी तो अभी बच्ची है......मगर उसके चरित्र चित्रण में पंकज ने जो हास्य मिश्रित- नसीहतें दी हैं.....उनसे इशी को अवश्य दिशा निर्देश लेना होगा.....जिसके चाचा इतने महान हों तो उसे कायदे सीखने के लिए कहीं बाहर जाने की ज़ुरूरत क्या है......!
लीची को अपने तेवर सँभालने की जरूरत है.....!
PK