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Thursday, July 8, 2010

SINGH SADAN CONCLAVE - 2010


PRESENTATION DRAFT NO.-- 3

परिवार में प्यार ,सम्मान , आत्मीयता का इजाफा हो .... यही जीवन का दर्शन


1. ब्लॉग का अब तक का सफ़र कैसा रहा है ?

*शानदार......कल्पना ही नहीं की जा सकती है....किसी परिवार और इससे जुड़े हर शख्स के लिए अब तक का सफर दिल और ज़ेहन को तरोताजा रखने का जरिया बना है....सिंह सदन का ब्लॉग एक ऐसे सिलसिले को लेकर आगे बढ़ रहा है...जो आने वाले दिनों में नज़ीर बन कर उभरेगी.....सिंह सदन के ब्लॉग में लिखी हर बात..घटना और किस्से....लिखित दस्तावेज है जो आने वाली पीढ़ियों को रास्ता दिखाने का काम करेंगी...साथ ही सिंह सदन के गौरवशाली इतिहास पर फक्र करने पर मजबूर करेगीं....और इसको पढने वाले कहेगें काश...हम भी सिंह सदन का हिस्सा होते.


2. आपको इस ब्लॉग से जुड़कर कैसा महसूस हुआ है ?
*ब्लॉग से जुड़ कर ठीक वैसा ही महसूस हो रहा है जैसे....डोर को सुलझा रहा हूँ....और सिरा मिलता नहीं...


3. ब्लॉग ने आपके जीवन दर्शन को किस प्रकार प्रभावित किया है ?
*ब्लॉग ने प्रभावित ही नहीं किया बल्कि असर डाला है....अब लगता है इसके बगेर हम सब पास रह कर भी कितने दूर थे....ब्लॉग ने घर के सभी लोगों को एक दुसरे को समझने में मदद की है...नजरिया ही बदल के रख दिया है...लोगों में मोहब्बत बड़ी है...प्यार...सम्मान और स्नेह सभी में इजाफा हुआ है...शायद जीवन का दर्शन यही है....

4. ब्लॉग के किन लेखों और लेखकों को आप सबसे ज्यादा पसंद करते हैं.. और क्यों ?

*पहले तो ब्लॉग पर लिखे सभी लेख दिल से लिखे गए हैं...सो सभी लेख उतने ही प्यारे हैं जितना की इनको लिखने वाले...संदीप का लेख/कविता दिल को छु गयी....दोनों भैया के लेख....स्नेह और आशीर्वाद से भरे नजर आये....पिंटू की लेखनी असर रखती है....श्यामू और उनकी पूरी प्लाटून का तो कहना ही क्या...मम्मी ने जहाज़ के कप्तान की तरह कमान सम्हाली...और दिल से लिखा....जो लिखा कमाल लिखा...बिटिया और प्रिया भी ब्लॉग पर तितलियों की तरह लगीं...अंटी अंकल के कमेन्ट भी खास लगे...


5. ब्लॉग में और क्या रचनात्मक सुधार आप चाहते हैं ?
*अभी सुधार की पूरी गुंजाईश है....ब्लॉग को सुंदर ही नहीं असरदार बनाये रखना है.....सबमिल कर नए विजन के साथ काम करें....घर में इसके प्रचार-प्रसार पर अधिक काम करना है...बच्चों के बीच इस ब्लॉग को ले जाने की जरुरत है...उनको ब्लॉग की पोस्टों के बारे में बताया जाये.

6. ब्लॉग ने आपके आत्मीय संबंधों को किस प्रकार दृढ बनाया है ?
*ब्लॉग भावनाओं का सागर बन कर उभरा है...दिल के जज़्बात को व्यक्त करने का साधन बना है....हर पोस्ट गारे की तरह है जो सम्बन्धों को मजबूती दे रही है.

7. ब्लॉग की सक्रियता में आप की भूमिका कितनी सार्थक रही है ..और क्या आप इससे संतुष्ट हैं ?
*कितनी सार्थक रही है ये तो नहीं जनता....हाँ इसको सक्रिय और गतिशील बनाये रखने को कोसिस पूरी है.

8. ब्लॉग की संरचना में आप अपनी पसंद की क्या भूमिका निभाना चाहते हैं ?
*जो भी घर के सदस्य तय करें...सबकी सेवा में हमेशा हाज़िर हूँ.

***** HRIDESH SINGH JONY

2 comments:

Pushpendra Singh "Pushp" said...

jony
bahut hi sundar vichar parstut kiye
lekin tumhara dil in vicharon se bhi jyada sundar hai ..............

SINGHSADAN said...

जोनी
यार....! कोंक्लेव 2010 में तुम्हारे उत्तरों को पढ़ कर सोच रहा हूँ....कि तुम देखने में तो इतने गंभीर लगते नहीं हो.....! इतना शानदार चिंतन कब कर लेते हो ........वाह जी वाह .
*****PK