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Thursday, January 26, 2012

स्ट्रेट ड्राइव !


VOLUME --3

     
 आप  जैसा कोई मेरी जिंदगी में आये ..... 

                                 फ़िरोज़ ख़ान का जन्म 25 सितंबर, १९३९को हुआ था  और २७ मई  २००९ को इस दुनिया  को छोड़ने तक  वे   हमें  सिखाते  रहे  की आखिर जिंदगी कहते किसे हैं... और इसे जिया किस तरह जाता है! उन्हें पूरब का क्लिंट ईस्ट वुड  यूँ ही नहीं कहा जाता है ! वे वाकई   हिन्दी फ़िल्मों के इतिहास के सबसे आकर्षक और प्रभावशाली  अभिनेता थे!

हारे न इंसान ..... 
                                         फिल्म इंडस्ट्री में   लगभग ४ दशक की उन्होंने लंबी फिल्मी पारी खेली. वे अपनी खास शैली ,अलग अंदाज और किरदारों के लिए जाने जाते रहे. अधिकांशतः उन्होंने अपने जोशीले अंदाज अपनी खास शैली  से मेल खाती फिल्मे ही की और इस मामले   में कोई समझौते नहीं किये !  फिल्मों में कहीं वो एक आकर्षक  हीरो की भूमिका में हैं तो कहीं रौबीले  विलेन के रोल में!अपनी बेहद  प्रभाव शाली body language से   दोनों हीं चरित्रों में फिरोज खान जान डाल देते थे.

जिंदगी इत्तफाक है.... 
                                   फिल्मकार फिरोज खान का जन्म 25 सितम्बर,1939 को बंगलौर में हुआ था. उनके पिता पठान थे जबकि माता ईरानी .उनके तीन और भाई भी फिल्मों से जुड़े रहे  . एक हैं संजय ख़ान दूसरे हैं अकबर खान और तीसरे हैं समीन खान !संजय ख़ान और  अकबर ने जहां अभिनय में हाथ आजमाए वहीं समीर ने फिल्म निर्माण का क्षेत्र चुना.फिरोज खान की भतीजी और संजय खान की बेटी सुजान की शादी ऋतिक रौशन से हुई है ! फिरोज खान ने सुंदरी के साथ जिन्दगी का सफर 1965 में शुरू किया. दोनो 20 साल तक साथ रहे. 1985 में उनके बीच तलाक हो गया.

जीवन में कभी डरना नहीं ....
                                         फिरोज खान ने वर्ष 1960 में फिल्म दीदी से अपनी फिल्मी सफर शुरू किया.६० और ७० के दशकों में उन्होंने सुहागन ,औरत,  ऊँचे लोग, तस्वीर, रात और दिन, प्यासी  शाम, सफ़र, एक पहेली ,गीता मेरा नाम, अनजान राहें, काला सोना ,नागिन, खोते सिक्के ,कच्चे हीरे सरीखी  दर्जनों फिल्मों में अभिनय किया.कई कामयाब  फिल्में फिरोज खान ने निर्देशित की.फिल्म निर्माण की और भी कई भूमिकाओं से वे लगातार जुड़े रहे.
                                         लगभग पांच दशक का फिल्मी सफर तय करते हुए फिरोज खान ने 2007 में आखिरी फिल्म दी-वेलकम,जिसमें वे खास अंदाज में पेश हुए !इसमें .उनका आरडीएक्स उपनाम खासा चर्चित रहा!

वक्त से आगे निकल गए .....
                                        .आदमी और इंसान फिल्म के लिए उन्हें फिल्म फेयर अवार्ड मिला! फिरोज खान ने ऊंचे लोग,मैं वहीं हूं, अपराध,उपासना,मेला,आग जैसी फिल्मों में शानदार काम कर प्रतिष्ठा अर्जित की ! वे कई फिल्मों में अपने समकक्ष अभिनेताओं पर अपने आकर्षक और प्रभावशाली  व्यक्तित्व तथा जबरदस्त डायलोग डिलीवरी की वज़ह से बहुत भारी पड़ते थे जिससे कई अभिनेता उनके साथ काम करने से घबराते थे !  फिल्म धर्मात्मा,जानबाज,कुर्बानी,दयावान जैसी फिल्मों ने उन्हें बहुत  शोहरत दिलाई!

 जिंदगी का सफ़र अंजाम तक पहुंचा ..... 
                                        काफी दिनों तक कैंसर से जूझने के बाद  फिरोज खान ने बंगलौर के अपने फार्म हाउस में 27 मई,2009 की रात आखिरी सांस ली! उन्होंने १९६२ से लेकर २००७ तक तक़रीबन ६० फिल्मों में काम किया और १९७२से लेकर २००३  तक  ८ फिल्मों का    निर्माण   और निर्देशन   किया !

जिंदगी कुछ इस अंदाज़ में जी ....
                               फिरोज खान को  बंगलौर शहर और यहाँ  के अपने फार्म हाउस से बेहद लगाव था ! वे घोड़ों और जानवरों के बेहद शौक़ीन थे! उनके फार्म हाउस में क्रिकेट ग्राउंड और घोड़ों और जानवरों के  लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं थीं !उनका एक  पालतू दुर्लभ प्रजाति का  चिम्पेंजी था ! फिरोज खान शानदार और हसीन जिंदगी जीने वाले थे !वे फिटनेस पर बहुत ध्यान देते थे और तैराकी और वर्क आउट के  बेहद शौक़ीन थे ! बचपन में वे वकील बनना चाहते   थे !

फैशन के जबरदस्त जानकार .... 
                                   फिरोज खान फैशन के जबरदस्त जानकार थे !उन्होंने ६० के दशक में भी वो कपडे पहने जो आज के भी ड्रेस डिजायनरों को मात देते नज़र आते हैं! यकीं न हो तो उनकी कोई भी फिल्म और उसका कोई भी शोट देख लें ...उनमे आप एक भी कमी नहीं निकाल पायेंगे ! उनकी रोमांचक  काउ बॉय स्टाइल , सिगार और घोड़ों ने करोड़ों नौजवानों को उनका दीवाना बना दिया !उनकी फैशन की समझ बहुत ऊँची थी !

संगीत और नयी तकनीक  का पारखी ....
                                      फिरोज खान को संगीत और नयी तकनीक की अच्छी समझ थी !उनकी फिल्मों में हमेशा बेहतरीन संगीत  सुनाई पड़ा ! कल्याण जी आनंद जी उनके प्रिय थे ....और नाजिया हसन , सपना मुखर्जी , चन्नी सिंह ,विजू शाह जैसे नए कलाकारों के वे गोड फादर थे !अपनी फिल्मों की एडिटिंग वे स्वयं करते थे ! कुर्बानी ने बेहतरीन एडिटिंग के लिए कई पुरस्कार जीते !

दिल की बातें दिल ही जाने ....
                                    धर्मेन्द्र, सुनील दत्त और विनोद खन्ना के साथ फ़िरोज़ का खास याराना रहा ! इन तीनों के साथ फिरोज खान ने एक दर्ज़न फिल्मे की ! मुमताज़ उनकी प्रिय हीरोइन थीं जिनके साथ उन्होंने दस फिल्मे की !तीन दशक के बाद में  मुमताज़ की बेटी से उन्होंने फरदीन की शादी कर दी !

श्रद्धांजलि..... 

                                       आज हमारे बीच फिरोज खान  नहीं हैं... पर उनका काम और अंदाज़ रहती दुनिया तक पूरी इज्ज़त के साथ याद रखा जायेगा !वाकई कोई जीना उनसे सीखे ! मेरी प्रिय शख्सियत और एक महानायक को  सिंह सदन का सलाम !

***** PANKAJ K. SINGH

3 comments:

Anonymous said...

bahut achhii post hai mamaji, baakai firoj khan bollywood kii mahan hastiiyon me se ek hai , inkii kaii filme dill ko chuu jane walii hai,

aap sach me achhe vyaktiiyon ke baare me kaafii jankarii rakhte hai,

Anonymous said...

फ़िरोज़ खान एक जिंदादिल एक्टर थे..... धर्मात्मा और वेलकम का कोमिक करेक्टर में उनका रोल मुझे अच्छा लगा मगर दयावान और यलगार को देखकर लगता है कि वे एक निहायत तरक्कीपसंद आदमी थे जिसके चलते उनकी फ़िल्में वल्गैरिटी कि तरफ मुड जाती थीं. उनकी पिक्चरें फैशन स्टेटमेंट की तरह हैं.......!!!!!

PK

SACHIN SINGH said...

maine feroz khan sahaab ki KURBANI AUR DAYAVAAN dekhi thi....dono kamaal ki films thi.

FEROZ KHAN sahaab ko naman....!!

SACHIN SINGH