वर्ष 2010 बीत गया........... 2010 को अलविदा कहते वक्त अचानक पूरा बरस आंखों के सामने तैरता दिखाई पड़ रहा है। ‘सिंह-सदन‘ के लिए ये साल कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। ब्लॉग पर ‘सिंह-सदन‘ पर धमाकेदार पर्दार्पण, मैनपुरी नुमाइश में जोनी के संयोजकत्व में आयोजित युवा महोत्सव, पंकज की उपायुक्त के पद पर प्रोन्नति, घर में ‘जानशीं ‘ का आगमन, अक्षत को चोट लगना , आदरणीय अम्मा की आंख का सफल आपरेशन, अक्षत का जन्मदिन समारोह, 'सिंह-सदन' टीम का कुशीनगर गोरखपुर भ्रमण, युवा ब्रिग्रेड का ककोड़ा मेला भ्रमण, सिंह-सदर एक्सटेंशन में आण्टी की तबियत खराब होना, सिंह सदन प्रोडक्शन की कुछ फिल्मों का प्रदर्शन के लिए तैयार होना इस वर्ष की महत्वपूर्ण घटनाएं रहीं......... बहरहाल आईए डालते हैं वर्ष 2010 की महत्वपूर्ण घटनाओं पर..........!
सबसे पहले अम्मा की बात.......! 80 से ज्यादा बसंत देख चुकीं ‘अम्मा‘ के लिए उनकी आंखे अब परेशानी का सबब बन चुकी हैं। उनकी दायीं आंख एक मुद्दत से बगैर रोशनी के बेमतलब सी हो गई थी, दिसंबर माह में उनका सफल आपरेशन हुआ और अब वे अपनी आंख से पूर्णतया देख-महसूस कर पा रही हैं.
इस आपरेशन का क्रेडिट अंजू को जाता है जिन्होने एक ‘नर्स‘ की तरह पिचले दिनों अम्मा की देखभाल की। दिन में 16 बार अलग अलग ड्रोप्स आंखों में नियमित अन्तराल पर डालने और समय से दवा खिलाने के लिए वे बधाई की पात्र हैं, उनके सहयोग के लिए अम्मा की सेवा में लगे डॉ0 उमा भी बधाई के पात्र हैं.
यह साल ‘सिंह-सदन‘ के लिए आयोजनों का वर्ष रहा। फरवरी माह में मैनपुरी नुमाइश में जोनी के संयोजकत्व में ‘युवा महोत्सव‘ ने धूम मचाई. मैनपुरी में इस ‘टैलेण्ट शो ‘ ने युवा प्रतिभाओं को एक नया रास्ता दिया. इस शो में मुंबई-दिल्ली-लखनऊ के प्रतिष्ठित युवा कलाकारों और स्थानीय कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश कर समां बांध दिया. दूसरा बड़ा आयोजन हृदेश की नयनाभिराम शादी रही. यह शादी ‘ग्रांड-शो‘ सिद्ध हुई. दो हजार बारातियों वाली इस बारात में मैनपुरी के लगभग समस्त प्रतिष्ठित लोग शामिल रहे. जोनी की शादी के अलावा रंजीत की शादी भी ‘सिंह-सदन‘ के खाते में जुड़ी. पंजाबी लुक वाले ‘रंजीत‘ की शादी भी धूम-धाम से हुई. जोनी और रंजीत की शादियों के कारण ‘सिंह-सदन‘ में ढोल और तासों का दौर चलता रहा.
पंकज के लिए भी ये साल उपलब्धियों वाला रहा. अब वे सहा.आयुक्त से उपायुक्त बन गए हैं. गाजीपुर से नोएडा पहुँचाने की उनकी उपलब्धि पर ‘सिंह-सदन‘ का सलाम.पंकज के लखनऊ स्थित आवास पर 'अक्षत' (अपने पिंटू के सुपुत्र....) का जन्मदिन धूमधाम से मनाया गया. इस आयोजन में ‘सिंह-सदन‘ कोर कमेटी की बैठक भी हुई जिसमें कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. इस बैठक में मम्मी, अंजू, प्रिया, बिटिया, पंकज, जोनी, श्यामू, पिंटू, डा0 उमा आदि उपस्थित रहे। पंकज ने इस आयोजन को स्मरणीय बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी, बेहतरीन आयोजन के लिए पंकज को फुल मार्क्स.
सिंह सदन के सदस्यों के स्वास्थय के लिहाज से यह बरस औसत रहा. यद्यपि अक्षत को चोट लगना इस साल की बड़ी घटना थी किन्तु इस चोट को जल्दी ही रिकवर कर लिया गया. सिंह सदन एक्सटेंशन में ‘आण्टी‘ का आपरेशन और दिसंबर के अंतिम दिनों में उनका स्वास्थय गड़बडाने की खबर कष्टकारी रही. ईश्वर से कामना है कि वे जल्दी स्वस्थ हों........!
‘सिंह-सदन‘ टीम ने इस बार गोरखपुर- कुशी नगर- ककोडा मेले का भ्रमण किया। गोरखपुर के वाटर फाउन्टेन के बाद महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर की यादगार यात्राएं रहीं. बद्युन के ऐतिहासिक ककोडा मेले में ‘युवा बिग्रेड‘ की धमा चैकड़ी आनन्ददायक रही. गंगा जी के किनारे शामियाने में बिताई गईं वे चन्द रातें यादों में हमेशा -हमेशा के लिए कैद हो गई. इन यात्राओं में चिन्टू, मयंक, प्रमोद रत्न, पंकज, जोनी, अंजू, प्रिया, ईशिका का-लीची, संदीप, श्यामू आदि शामिल रहे.
‘सिंह-सदन‘ के लिए फिल्म प्रोडक्सन से जुड़े विभिन्न सदस्यों के लिए यह बरस काफी ‘क्रिएटिव‘ रहा। प्रोडक्सन से जुड़े श्यामकांत , चिंटू, बिटिया, जोनी, दिलीप, संदीप, जोनी (अजीत), सपना ने ‘वसीयत‘ और ‘यती‘ नाम फिल्मों का निर्माण-प्रदर्शन किया. प्रोडक्सन से जुड़े सूत्र बताते हैं कि फिलहाल ‘डॉन‘ और ‘डार्क नाइट‘ फ्लोर पर हैं,जो अगले वर्ष प्रदर्शित होंगी.
यह वर्ष रचनात्मकता का वर्ष सिद्ध हुआ। ‘सिंह सदन‘ के लिए ये साल ‘ब्लॉग वर्ष‘ रहा. अप्रैल में ब्लॉग की शुरुआत हुई और महज 8 महीनों में 150 से अधिक पोस्ट इस ब्लॉग पर प्रकाशित हुईं जो सिंह सदन के रचनात्मक लेखन की सक्रियता का प्रतीक रहा. रचनात्मकता के संदर्भ में हाइकू 2009 में मेरी पांच रचनाएं शामिल की गई जबकि उर्दू मैग्जीन ‘शायर ‘ में हृदेष का एक लेख प्रकाशित हुआ. एटा में आयोजित वाद विवाद प्रतियोगिता में बिटिया को विशिष्ट सम्मान मिलना महत्वपूर्ण उपलब्धि रही. पिन्टू, संदीप का रचनात्मक लेखन ब्लॉग के लिए संग्रहणीय रहा. पिन्टू के गीतों ने तो मन मोह लिया.......!
इस खाकसार के हिस्से में इस बरस ‘वियतनाम-सिंगापुर‘ की यात्राएं रहीं। गोरखपुर के बाद बदायूं का सफर काफी उपलब्धियों वाला रहा. 'वर्टिगो' की वजह से मसूरी में मेरा स्वास्थय गड़बड़ रहा, लेकिन कुछ समय बाद सब कुछ सामान्य हो गया. इस दौरान पंकज, डा0 उमा व ‘सिंह-सदन‘ की ओर से मुझे जो संबल मिला उसके लिए समस्त परिजनों को कोटिश: धन्यवाद.
वर्ष की महत्वपूर्ण उपलब्धि ‘जानशीं‘ का आगमन रहा. ‘प्रिया-जोनी‘ को इस उपलब्धि पर बधाई. अभी ‘जानशीं‘ का औपचारिक नामकरण नहीं किया गया है, शीघ्र ही धूम धडाक़ो वाला आयोजन प्रस्तावित है.
फ्रांसीसी पग ‘प्रिंसी‘ का सिंह सदन से जुड़ना एक नई घटना थी। दीपावली पर मैनपुरी से ‘प्रिंसी‘ का नाटकीय तरीके से अपहृत होना तथा वापसी होना भी हमेशा स्मरणीय रहेगा. युवा बिग्रेड को लेकर यह साल उतना सुखद नहीं रहा. उम्मीद है कि वर्ष 2011 इन युवाओं की सफलता की नई इबारत लिखेगा......!
गत वर्ष का लेखा जोखा संक्षिप्त में आपके सामने है.....अगर कोई महत्वपूर्ण घटना छूट गयी हो तो ब्लॉग पर अवश्य लिखें...... !
हमारी ओर से सिंह सदन के सभी सदस्यों को आगत वर्ष की हार्दिक बधाईयाँ.......!!!!!
शुभ नव वर्ष 2011
*****PK
3 comments:
आदरणीय भइया सादर प्रणाम
पूरे २००१० का खाका चंद शब्दों में खींच दिया
बहुत महत्वपूर्ण पोस्ट लिखी अपने
मेरी समझ से कोई बात नही छूटी है
वास्तव में ओवर ओल देखा जाये तो ये वर्ष सिंह सदन के
महत्वपूर्ण रहा | इश्वर से प्रार्थना है की ये २०११ भी इससे अच्छा हो |
आपको पूरे परिवार के साथ नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं |
भैया क्या शानदार पोस्ट लिखी है....इस जिम्मेदारी को आप ही निभा सकते थे...पुरे साल का लेखा झोका नहीं बल्कि सिंह सदन का इतिहास लिख डाला आपने.नए साल की ढेरों शुभकामनाये....
बस इतना ही कह सकता हूँ ...
इस रिश्ते को यूँही बनाये रखना,
दिल में यादो के चिराग जलाये रखना,
बहुत प्यारा सफ़र रहा 2010 का,
अपना साथ 2011 में भी बनाये रखना!
नव वर्ष की शुभकामनायें!
Post a Comment