लड़की है या कोई जादू
14 दिसम्बर 2010 की रात जिंदिगी की खुबसुरत रात बन गयी.... तीरगी को चीरती एक आवाज़ के साथ ठीक 10 बज कर 5 मिनट पर मैंने अपनी बेटी का दीदार किया.इस शानदार पल को बयान करना बेहद मुश्किल है..बस इस अहसास को
एक लम्बी सी सांस के साथ मुख़्तसर कर उसे देखने लगा.सफेद कपड़ों में लिपटी.
मासूमियत
से भरी...नूर से लिपटे चेहरे में ऐसा तिलिस्म जिसे देख कर बस देखता रह गया...यही हाल अस्पताल कमोबेश हर देखने वाले का था...लम्बे मखमली काले बाल...सुंदर लम्बी मचलती उंगलियाँ...जैसे अभी से आसमान छुने को बेताब हैं...सुर्ख गुलाबी होंठ...बड़ी बड़ी दो काली आँखें.... और एक मुस्कान.जैसे वो कोई जादू चला रही है.
बेटी की आने की खबर पूरे शहर में जंगल में आग तरह फ़ैल गयी.हर मिलने वाला अस्पताल में उसकी एक झलक पाना चाहता था.दादी..उषा दीदी.गीता दीदी. प्रमोद भैया.भाभी नाना ताराचंद.नानी..मौसी.रूचि..रूबी..मामा.सोनू.बुआ.नेहा.संदीप..दिलीप.चिंटू.श्यामू.बिट्टू..गुल्लू..विक्रम हर कोई उसे देख देख कर बेहद खुश हो रहा था.लोग हँसते जा रहे थे..उसे देखते जारहे थे.इस मासूम ने जैसे सब को बच्चा बना दिया हो.उसकी एक एक अदा के मायेने निकले जा रहे थे...अब वो ये कर रही है ....अब वो हाथ चला रही ....उफ़ न जाने कितनी बातें....बिटिया तो पागल सी हो गयी...और उसने मेचिंग शुरू कर दी...आँख मेरी जैसी....उंगलियाँ प्रिया जैसी...और ना जाने क्या क्या...इधर बड़े भैया को फोरन फोन से बेटी की आने की खबर दी...वो भी बेहद खुश हो गए..इशी लीची और भाभी...पंकज भैया भी उसके आने की खबर पर झूम उठे...अगले दिन कानपूर से पिंटू ने भी बधाई दी...इस मामले में गुन्नू ने अपने ही अंदाज़ में बहिन के आने के ख़ुशी ज़हीर की. अस्पताल से घर पहुंचा तो चिंटू ने बताया की उसके लिए एक रिश्ता भी आ गया है.घर के बड़ों ने कहा कि बिटिया भाग्शाली है...जिसे इतने सारे चाचा मिले..जो अभी से उसकी इतनी फ़िक्र कर रहे है.
पड़ोस के लोगों ने ये कह कर मुझे बधाई दी..की घर में लक्ष्मी आई है...लेकिन मेरी नजर में वो सरस्वती है.उधर पापा के फोन ने प्रिया की ख़ुशी में इजाफा कर दिया. फोन पर उन्होंने प्रिया को ढेरों बधाई दी...मेरी ख्वाहिश है की उसे हर किसी का प्यार-स्नेह और आशीर्वाद मिले. वो इसकी अहमियत समझ सके ऐसी होशियारी और नेकदिली मिलें... बाकि उसे जीतने भी रिश्ते तोहफे में पैदा होते ही मिले हैं..उसे सम्भाल के रख सके भगवान उसे ऐसी सोच और समझ दे....
**हृदेश सिंह***
7 comments:
हिर्देश भाई, सब से पहले तो आपको , प्रिय को और परिवार में सब को इस ख़ुशी के मौके पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
आपकी इस पोस्ट मैं जो भावनाएं समाई हुयी है उनको मैं बेहद शिद्दत से महसूस कर रहा हूँ ... क्यों कि कार्तिक के जन्म के समय मेरी भी बिलकुल यही सोच थी और आज भी यही है ! आपकी इस दुआ में हम सब की दुआएं शामिल है ! बिटिया को बहुत बहुत स्नेहाशीष !
bahut khub jony
achha likha
badhaiyan hi badhaiyan
भई....इससे बड़ी और भी कोई ख़ुशी होगी क्या......?????
PK
बेहतरीन पोस्ट लेखन के लिए बधाई !
आशा है कि अपने सार्थक लेखन से, आप इसी तरह, ब्लाग जगत को समृद्ध करेंगे।
आपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है - पधारें - विजय दिवस पर विशेष - सोच बदलने से मिलेगी सफलता,चीन भारत के लिये कितना अपनापन रखता है इस विषय पर ब्लाग जगत मौन रहा - ब्लॉग 4 वार्ता - शिवम् मिश्रा
आप की भावनाओ को अच्छे से समझ सकती हु साढ़े तीन साल पहले मै भी इसका अनुभव कर चुकी हु अपनी बेटी के आने पर अब तो मेरी सारी दुनिया ही उसी के इर्द गिर्द घुमती है | बिटिया होने की आप को ढेरो बधाई | बहुत अच्छा लगा की आप ने बेटी को लक्ष्मी की जगह सरस्वती कहा |
jony photo ke liye shukriya
bitiya ke chehre par aprtim nur hai .....
priya par gayi hai
priya aur tumhen bahut baht
badhai..........
hangamaye jashn
jald hoga
आहा...... निहाल हो लिए हम अपनी बेटी को देख के.....!!!! तस्वीरें बोलती सी लग रही हैं....!!!!
PK
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