दिसंबर के आखिर में या जनवरी के शुरू में सिंह सदन "वार्षिक महोत्सव" की घोषणा होगी ! मकर संक्रांति पर तो कार्यक्रम कई वर्षों से तय हैं ही ! इधर सिंह सदन में एक नए सदस्य का आगमन भी हो गया है... ब्लॉग पर भी सक्रियता को नए ढंग से शुरू करने का यह सही समय है !इधर ब्लॉग पर पहेली बहुत अच्छी आई हैं .. नए लेखकों की लेखनी भी कुछ हरकत में आती दिख रही है !
''महाकवि'' दिलीप कुमार की कविताओं ने तो जैसे पुरे साहित्य जगत को ही हिला कर रख दिया है! देश- विदेश के सभी भाषाओं के साहित्यकार आपात बैठके कर रहे हैं ...और स्थिति को समझने का प्रयास कर रहे हैं ! दिलीप की बढती लोकप्रियता को देखते हुए हम ने भी उनका ''काव्य संघ्रह'' प्रकाशित करने का निर्णय लिया है ..दिलीप को वाकई बधाई !
ईश्वर से यही प्रार्थना है ..कि नया वर्ष सभी सदस्यों के जीवन के लिए मंगलमय.. और कल्याणकारी हो .. आमीन !!
***** PANKAJ K. SINGH
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