"........मैं ईंट गारे वाले घर का तलबगार नहीं,
तू मेरे नाम मुहब्बत का एक घर कर दे !.................."
कन्हैया लाल नंदन ने यह शेर जिस भी परिस्थिति में लिखा हो....मगर "सिंह सदन" के लिए यह मुकम्मल शेर है. रिश्ते सिर्फ संबोधन के लिए ही नहीं होते.....वे दरअसल जीने के लिए होते है......हर आदमी कभी किसी देहलीज़ पर भाई है तो किसी दर पर पति....हर औरत कहीं बहन है तो कहीं माँ......इन्ही रिश्तों में रची बसी कायनात को एक छत के अन्दर जिए जाने की कवायद ही है घर......."सिंह सदन" भी इसी कवायद का एक हिस्सा है........."सिंह सदन " से जुड़े हर एक शख्स और हर एक गतिविधि से परिचय करने के लिए ही ब्लॉग का सहारा लिया गया है ताकि जो भी लिखा जाए वो दिल से लिखा जाये.....और दिल से ही पढ़ा भी जाए.......!
१० अगस्त को एक और ख़ास अवसर आ रहा है ! इस दिन हमारी प्रिय अनुज वधु प्रिया का बर्थ डे है ! सिंह सदन में उनका यह पहला जन्मदिन है .... इस लिए यह वाकई बेहद ख़ास दिन बन गया है !
सभी प्रिय स्वजन बेसब्री से इस ख़ास दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं ! प्रिया ''सिंह सदन'' की गृह लक्ष्मी ...अन्नपूर्णा सिद्ध हो ....यही मेरी आकांक्षा और विश्वास है !
3 comments:
HAPPY BIRTHAY DEAR CHACHI
- ISHIKA AND LITCHI
dear priya
happy bday .....tum jiyo hazaron saal, saal ke din hon pachas hazar....
with love and blessings
anju & pawan
thank u bhaiya or bhabhi...bas aap sabhi ka hmesha aashirwad chahiye... priya
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