नमस्कार
इस समय सिंगापुर में हूँ..... . 13 अगस्त को सिंगापुर के चांगी एयर पोर्ट पर सुबह 7.30 बजे ज्यों ही उतरे तो लगा कि सपनों के किसी देश/शहर में आ गए हैं.....चांगी एयर पोर्ट से फ्यूरोमा रिवर फ्रंट होटल तक पहुँचने में ही इस देश के बारे में सुखद राय बनने लगी थी. यहं कुछ भारतीयों से मिलना , सिविल सर्विसेज कोलेज जाना और पोर्ट सिंगापुर में स्वतंत्रता दिवस हाईकमिश्नर ऑफिस में मनाना निश्चित ही सुखद एहसास था..... ! यहं हमने ट्रेनिंग के दौरान यह जाना कि भारतीय प्रशासन और सिंगापुर के प्रशासन में क्या बुनियादी फर्क है.....! पब्लिक डेलिवरी सिस्टम में सिंगापुर का स्थान दुनिया के उत्कृष्टतम देशों में एक है.....! अपने बुनियादी स्वरुप को बनाये रखते हुए कैसे एक छोटा सा देश अपने बलबूते पर सिरमौर सिद्ध हो सकता है.....सिंगापुर इसकी मिसाल है. मेट्रो ट्रेन, टूरिज्म, जल संरक्षण, सड़क, बुनियादी सुविधाओं के प्रदाता देश के रूप में सिंगापुर की तारीफ़ जितनी की जाये उतनी कम विस्तार से फिर लिखूंगा.....फिलहाल कुछ तस्वीरें लगा रहा हूँ.... !
इस समय सिंगापुर में हूँ..... . 13 अगस्त को सिंगापुर के चांगी एयर पोर्ट पर सुबह 7.30 बजे ज्यों ही उतरे तो लगा कि सपनों के किसी देश/शहर में आ गए हैं.....चांगी एयर पोर्ट से फ्यूरोमा रिवर फ्रंट होटल तक पहुँचने में ही इस देश के बारे में सुखद राय बनने लगी थी. यहं कुछ भारतीयों से मिलना , सिविल सर्विसेज कोलेज जाना और पोर्ट सिंगापुर में स्वतंत्रता दिवस हाईकमिश्नर ऑफिस में मनाना निश्चित ही सुखद एहसास था..... ! यहं हमने ट्रेनिंग के दौरान यह जाना कि भारतीय प्रशासन और सिंगापुर के प्रशासन में क्या बुनियादी फर्क है.....! पब्लिक डेलिवरी सिस्टम में सिंगापुर का स्थान दुनिया के उत्कृष्टतम देशों में एक है.....! अपने बुनियादी स्वरुप को बनाये रखते हुए कैसे एक छोटा सा देश अपने बलबूते पर सिरमौर सिद्ध हो सकता है.....सिंगापुर इसकी मिसाल है. मेट्रो ट्रेन, टूरिज्म, जल संरक्षण, सड़क, बुनियादी सुविधाओं के प्रदाता देश के रूप में सिंगापुर की तारीफ़ जितनी की जाये उतनी कम विस्तार से फिर लिखूंगा.....फिलहाल कुछ तस्वीरें लगा रहा हूँ.... !
2 comments:
परम आदरनीय भैया
पोस्ट पढ़ कर मजा आया इतनी सारी सिंगा पुर की जानकारी मिली
मगर भैया इन दिनों हमने आप को बहुत मिस किया है आप कैसे है
सब कुछ अधूरा अधूरा सा है |
आपका भाई
पिंटू
क्या बात है भैया....वाकई में आपने सिंह सदन का नाम रोशन कर दिया है....और हम लोगों की जिम्मेदारी बड़ा दी है...आप हर बार एक कदम ऐसा बड़ा देते हो जिसके नजदीक आने में ही बरसों लग जाते है...मुझे तो चिंता होती है आने वाली पीढ़ी कि वो आपको कहाँ तक फालो करेगी...1819 के आस पास स्थापित सिंगापूर ने सभी देशों के सामने मिशाल पेश की है 40 लाख की आबादी वाला सिंगापूर की धूम पूरे विश्व में है.आज कई बड़े अर्थशास्त्री मुंबई से भी छोटे सिंगापुर को 'आधुनिक चमत्कार' की संज्ञा देते है...और आपने तो इस चमत्कार का दीदार किया है.....आप महान हैं.HIRDESH
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