माह- जुलाई २०१०
संसार है एक दरिया ... सुख- दुःख दो किनारे हैं !!
1. माह जुलाई काम काजी व्यस्तताओं का माह रहा ! अधिकांश सदस्य अपनी- अपनी प्रशासनिक, सरकारी, प्रोफेशनल जिम्मेदारियों में व्यस्त रहे !
2. ब्लोगिंग का कार्य थोडा धीमा पड़ गया ....पर रचना धर्मिता यथावत जारी रही ....और कई नए अंदाज़ के लेख पढने को मिले !
3. भैया मसूरी में अत्यधिक व्यस्त रहे ...उनके ऊपर कई वर्षों के कार्याधिक्य के बोझ ने इधर उनके स्वास्थ्य को प्रभावित किया... तो परिवार के सभी सदस्य अति चिंतित हो गए ! उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए कई दिनों तक प्रार्थनाओं- मन्नतों का दौर चलता रहा !
4. इस माह माता श्री की सक्रियता भी उल्लेखनीय रही ! उन्होंने काफी दौरे किये ! मैनपुरी- लखनऊ -गाजीपुर उनके आभा मंडल से गुलज़ार रहे ! उनकी आध्यात्मिक शख्सियत ने वातावरण को निर्मल बना दिया !
5. श्याम कान्त परीक्षाओं की तैयारिओं में व्यस्त रहे !
6. माता श्री की अनुपस्थिति में प्रिया ने घर का प्रबंध -संचालन अच्छे ढंग से किया.... इसके लिए वे बधाई की पात्र हैं!
7. मसूरी में भैया के स्वास्थ्य लाभ हेतु उनकी सुविधाओं और आराम का ख्याल रखने के लिए अंजू भाभी ,ममता भाभी औरभाई रमन सिंह भी प्रशंषा के पात्र हैं !
माह की शख्सियत और ''सिंह सदन रत्न''
8. इस माह माता श्री की सक्रियता उल्लेखनीय रही ! न केवल उन्होंने काफी यात्राएं की वरन सभी का काफी ख्याल भी रखा ...और सभी को हतप्रभ करते हुए ब्लॉग पर कुछ बेहतरीन लेख भी लिख डाले ! निश्चय ही उनकी रचनात्मकता ने सभी को प्रेरित किया है ! वे आदर्श की प्रतिमूर्ति हैं ! उनका पूरा जीवन ही त्याग... समर्पण ...और मितव्ययता का जीवंत एवं कालजयी उदाहरण है !
9. ....कैसे एक गृहणी को अपने संसाधनों में सीमित रहते हुए मूल्यपरक जीवन व्यतीत करना चाहिए ....इसके लिए वे युग की सभी स्त्रियों के लिए आदर्श हैं ! सिलाई- बुनाई- कढाई- पाक कला -अध्यात्म -मनोविज्ञान- संगीत -अध्ययन- खरीददारी ...सभी कलाओं में वे गुणों की खान हैं ! उन्हें इस माह ''सिंह सदन रत्न'' घोषित करते हुए हम गौरवान्वित हैं!
* * * * * PANKAJ K. SINGH
1 comment:
singhsadan ratn pane ke liye
bua ji ko bahut baut badhai
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