महफ़िल की इस श्रृंखला में आज हाज़िर हैं सिंह सदन की सर्वप्रिय बड़ी बहन उषा 'दी के प्रिय गीत को लेकर. वैसे भी उषा 'दी एक संवेदनशील व्यक्तित्व के रूप में पहचानी जाती रही हैं..... CTPR में उनके 56.41 अंक इस बात के गवाह हैं
कि वे कितनी संवेदनशील हैं. जाहिर है यह संवेदनशीलता उनके संगीत प्रेम का भी हिस्सा होगी. सो आते हैं उनके प्रिय गीतों पर.
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ओ पालन हारे.....!!!!
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उन्हें जगजीत सिंह की गयी सेमी क्लासिकल ग़ज़ल "होठों से छू लो तुम '' (प्रेम गीत) काफी पसंद है..... मगर उनके सर्वाधिक प्रिय गीत की बात करें तो वो हैरान कर देने वाला है. यह गीत है बेहतरीन फिल्म लगान (2001) का वो गीत जिसे लता जी ने गया है और उनका साथ दिया है उदित नारायण और साधना सरगम ने. इस गीत को लिखा है जावेद अख्तर ने और संगीत है इन्डियन मोजार्ट ए. आर.रहमान का.
आपको जानकार हैरानी होगी कि यह गीत उषा 'दी ने सबसे पहले तब सुना जब यह फिल्म टीवी पर आ रही थी...... उषा 'दी काम में मशगूल थीं, अचानक गाना शुरू हुआ..... लता जी की आवाज़ का जादू उषा 'दी को टीवी पर खींच लाया, जब तक गीत चला उषा 'दी स्तब्ध होकर वो गीत सुनती रहीं..... अन्दर से कोई टीस उन्हें स्पंदित करती रही.....! इस गीत से उनके लगाव का यह आलम हुआ कि उन्होंने दिलीप को तत्काल सौ रुपये देकर कहा कि बाज़ार जाओ और इस गाने की सीडी लेकर आओ और दुबारा सुनवाओ. बहरहाल इस गीत का मज़ा लीजिये..... वैसे जब आपका मन कभी विचलित हो तो चुपचाप इस गीत को सुनिए..... बहुत संबल मिलता इस गीत को सुनकर. इस गीत का मैं भी दीवाना हूँ..... आइये सुनते हैं अब इस गीत को.
" यह गीत उदास मन को तसल्ली देता है और जीने के लिए नयी शक्ति प्रदान करता है"---------- उषा 'दी
***** दिलीप कुमार 'पंचम' के साथ PK