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Monday, October 10, 2011

मेरी गुजारिश ......





काफी लम्बे समय बाद मै इस ब्लॉग पर अपनी पोस्ट डाल रहा हूँ ..........
इस बावत मुझे काफी ख़ुशी हो रही है, खास बात ये है की मै ये पोस्ट जम्मू यात्रा के बाद लिख रहा हूँ .......
लोगों को मैंने इस ब्लॉग पर सिर्फ अपना हित साधने के लिए दूसरों की तारीफ़ करते देखा है .............
लोगों को इस ब्लॉग पर बड़ी-बड़ी बातें करते देखा है जो अन्दर से खोखली हैं ................................
इसलिए मै लम्बे समय तक इस ब्लॉग से दूर रहा ............................
मैंने अपनी  साल की जिंदगी मै बहुत कुछ सीखा है ...................................
पर आज समय आगया है की मै कुछ अपने बारे मै भी लिखूं ....................................
मैंने इन 26 सालों में  जो जीवन जिया वो स्वाभिमान से भरा है जिसमे,
अपनी जबरदस्त मेहनत का सुहागा लगा हुआ है .................................
मैंने हमेशा घर में एकता को चाहा......................................
मैंने कभी अपने भाइयों से अपनी आवश्यकतायों   का जिक्र नहीं किया
पर उन्होंने जो दिया उसे लेने से कभी इनकार भी नहीं किया............
मैंने कभी ये आशाएं नहीं लगायीं की मुझे कुछ मिल जाय क्योंकि जब आशाएं टूटती हैं तो बड़ा दर्द होता है .......
मै बस इतना कहना चाहता हूँ की यदि सिंह सदन के किसी भी सदस्य को मुझसे दिक्कत है ,
तो इस बावत मुझसे जरूर संपर्क करे ............................
और एक बात और कहना चाहूंगा जिन लोगों को लगता है की मै नौकरी नहीं कर पाउँगा तो मै बता दूं
जहाँ मै अपनी पोस्टिंग लूं वहां आके एक बार देखना जरूर..............................
मैंने सदैव चुनौतियों से लड़ना सीखा है ................
और ये ज़ज्वा मै जीवन पर्यंत जारी रखूँगा .............................................
एक बार फिर विनम्र आवेदन है की मेरे पीछे किसी प्रकार की बातें न करें
और शादी को लेकर ख़ास तौर पर नहीं ....................................
और किसी का नाम मेरे साथ जोड़ कर किसी को बदनाम करने
की कृपा बिलकुल न करें जरा गंभीरता से सोचिये ये आपके साथ हो तो कैसा लगेगा

धन्यवाद........
श्यामकांत

3 comments:

Pushpendra Singh "Pushp" said...

प्रिय श्यामू
आप ने किस बात से खिन्न होकर यह पोस्ट
लिखी है नहीं पता
पर दिल के उद्गार कहदेना अच्छी बात है
मन साफ होजाता है |
और निष्पाप मन एक अच्छे इन्सान को जन्म देता है
आभार

VOICE OF MAINPURI said...

जहां अपनापन और अपने होतें हैं वहाँ ''खोखली बातें....बड़ी बड़ी बातें'' जैसे शब्दों का कोई मोल नहीं...श्यामू... जिओ सिंह सदन को... सब की कहानी यहाँ एक जैसी ही है....सब इसी तरह की चुनोतियों से लड़ कर आगे बड़े हैं अभी कोई मुकाम पर नहीं पहुंचा है...सब सफ़र में हैं...तुम्हारा आगाज़ है....इसे खुबसूरत और शानदार बनाओ...शुभकामनायें..

Pawan Kumar said...

इस ब्लॉग के बाद लगा कि सिंह सदन के कुछ बच्चे बड़े हो गए हैं जिनके हाथों में सिंह सदन की अलम पूरे विश्वास के साथ दी जा सकती है और कुछ अभी भी बचपने का शिकार हैं.....!
विचारोत्तेजक पोस्ट को लिखने वाले श्यामू और सभी टिप्पणी कर्ताओं को प्यार- स्नेह......!