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Sunday, October 23, 2011

200 NOT OUT .... & CONTINUED


बाग़ -ए- सिंह सदन ....


'' सिंह सदन'' ब्लॉग ने एक और मानक पार कर लिया है... 200 नॉट आउट ! ...इस मौके पर सभी सिंघम को हार्दिक बधाई... साथ ही इस उपलब्धि से प्रेरित होकर  एक ''महाकाव्य''-'' सिंह सदन''   की शुरुआत कर रहा हूँ! आप सभी को  भी अनिवार्य रूप से अपने अपने योगदान की आहुति डालनी है !कम से कम २००० छंदों के साथ इस महाकाव्य को सजाने का अपना लक्ष्य होना चाहिए !

..........शुरुआत ये नाचीज़ कर रहा है, आप इसमें जोड़ते चलिए !
                                 
महाकाव्य....

'एक दूजे से खुशबू लेते, एक दूजे के लिए बने  !
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

अम्मा 'उषा किरण' अनोखी, प्रतिभा और ममता का मिश्रण !
यात्राओं का शौक है भारी, नित संतों का करे अनुश्रवण!!

हो कर रह जाता है उनका ,जो भी उनसे आ के मिले!
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

 सिंघम सुप्रीमो का कड़क अंदाज़, हर ख़ास ओ आम की जान सुखाये!
 छोटे - बड़े का हो जो दंगल ,रेफरी बने सो 'चाँद' कुटाये !!

होठों से सब फूटे खस्ते, बीच राह जब ....नंदन आ मिले!
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

 शीला माँ हैं बड़ी साध्वी, हरदम सबको सीख सिखाती!
 प्यारी- न्यारी अंजू भाभी ,सबको अपने पास बुलाती !!

 सभी भागते हैं नॉएडा को ,जिसको जो भी ट्रेन मिले !
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

 तर्क शास्त्र में प्रवीण बड़े हैं ,फिर भी कहलाते हैं छोटे !
अंदाज़े- बयाँ है बहुत निराला ,शब्दों के हैं बाण अनूठे !!

 जोशे- जुनूँ से फटे आस्मां ,दर्जी (BADE) से भी नहीं सिले !
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

श्यामू- लीची- इशी- शेरा, रोशन है इनसे ही महफ़िल !!
बल्ली- दिलीप- पिंटू और टिंकू, सब चर्चिल हैं क्या करता है अंकिल -अंकिल!    

 हर मौके पर मस्ती होती, बजे ढोल जहां सभी मिले !
सिंह सदन की फुलवारी में, रंग बिरंगे फूल खिले  !!

उमा टशन में' हप्पा' खाएं, रतन साब नित सोचत जाएँ!
 फौजी संग उषा दी जब देखो तब, नित मिश्त्री संग राज बुलाएं !!

 भागें सब अक्सर मेदेपुर को,  जिया कचौरी पुरीं तले !
 सिंह सदन की फुलवारी में रंग बिरंगे फूल खिले  !!

*****PANKAJ K. SINGH
    

2 comments:

VOICE OF MAINPURI said...

Bahut khubsurat fulwari sajayi hai...maja aagya bhaiya...

Pushpendra Singh "Pushp" said...

बहुत ही अच्छा लिखा भैया
अच्छा कांसेप्ट है मजा आयेगा
प्रणाम स्वीकारें