ये सिंह सदन का नया स्टाइल काफी फेमस हो रहा है ................................
जिसे देखो बस यही किये जा रहा है ..............................
दीवाली से पहले ये नया स्टाइल सिंह सदन में जोरों पर है .....................
आखिर ये स्टाइल क्या है और ये अचानक कहाँ से आ गयी .........................
लोग बोले जा रहे हैं और फिर बोले जा रहे हैं ...........................
अब तो सिंह सदन वासी इस स्टाइल को लगभग हर जगह प्रयोग कर रहे हैं ..............
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अब मै बताती आपको ये स्टाइल क्या है उफ़ फ फ फ फ फ फ फ फ..............................
मै ये क्या बोल पड़ा अब भी नहीं समझे जनाब ...............................
अरे यही तो स्टाइल है ......................................................................
बोले तो सिंह सदन का नया स्टाइल............................................................
वैसे आप सभी को बता दूं की ये पठानी स्टाइल है ...................
अभी तक हमारे होनहार पिंटू जी ही पठानों से रु-ब-रु हुए थे पर वे इनकी भाषा उच्चारण से परिचित न थे..........
पठानी स्टाइल को सिंह सदन में लॉन्च किया है .........................
संदीप और अमित ने......................
दोनों गजब की पठानी बोलते हैं .............................
उनको ये चस्का अभी हाल में लगा ................
अब वे दोनों इस स्टाइल को मान्यता दिलाने का जबरदस्त प्रयास कर रहे हैं .................
आशा है सिंह सदन का बोर्ड उनकी ये बात मान लेगा.............
इस स्टाइल के कुछ जबरदस्त अंश जरूर पेश करना होगा ...................
यथा.....
मै बोलती की पैसा मैई भारेगी .............
मेरी घबराहट में फुडुक-फुडुक होती ...........
मै सोने जाती अब सीधा सुभे उठेगी ............
ये स्त्रीलिंग में बोलने का पठानी स्टाइल चर्चा मे है ...................
अगर यकीं नहीं आता तो इन दोनों को फोन करके देखिये ..............
तो चलूं ओके मे चलती अब मे फिर आएगी ब्लॉग पे जल्दी...........
अगर भाषा मई गलती महसूस हो तो समझे की ये उसी का असर हाई...
श्यामकांत ........
Sunday, October 17, 2010
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11 comments:
धन्यवाद श्याम कान्त जी,
जो आपने हमारी और संदीप की नयी भाषा को हमारे होम ब्लॉग पर पोस्ट किया /हम लोग आपका तहे दिल से शुक्रिया करते है /
सच्ची मे ये भाषा बहुत मस्त होती है,इसको बोलके फुदुक फुदुक होती है,कभी कभी दिल भी धुदुक धुदुक होती है, और पैसा भी तुम्ही बटोरेगी ,तुम सबके सामने बेईमानी करती और किसी को पता भी नहीं चलती.जल्दी से तुमारी परीक्षा होती और हम मिलके ये भाषा बोलती,और फुदुक फुदुक करती /
अमित कुमार
ये भाषा तो सचमुच बहुत अच्छी लगती,
मैं भी बोलने की प्रेक्टिस मांगती.....
कभी कभी तो इस भाषा को बोलने पर महसूस होती कि क्या इस भाषा को बोलकर अपुन मिथुन बनना मांगती......?
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PK
उवाह- उवाह ये भाषा तो हमको बहुत अच्छा लगती ..............
बहुत सुंदर पठानी भाषा बोलती................
आप का जो अरमान है वो जल्दी पूरा होगा ...........
हम भी इस भाषा का टूसन मांगती ..............
हमको देगी या नहीं ...........................
जल्दी बोलो हाँ हाँ हाँ हाँ ..................
अरे बोलो कुछ तो बोलो ..............
दिलीप कुमार
हाँ कालिया तुम को जरूर देगी ...................
पर टूसन नहीं ...............
धाँय-
धाँय-
धाँय-
धाँय-
तुमको मिलेगी ये गोली ...........
हा हा हा हा..................
बू-हू-हू ,बू-हू-हू ...................
shyamkant
bilkul hm tumko class degi,tution bhi lagayegi main,par hm paisa bhi legi,free main kuchh bhi nahi kregi main,bahut mehnat padti hai,par mai sikha degi.marhaba marhaba.
aur mai sbhi ko apna salaam deti,aur aap sbhi hmara salaam kubul krti hoti.
bakai syami yar sandip pathani bhasha bolta hai........
जब आप लोग इस भाषा को बोलती ................
हमको बहुत हसी आती , इस पठानी भाषा से तो पठान भी
पीछे रह जाती .............
धन्यवाद . ....................
agar iski kitaab mil jaye to bahut sahi hoga
औए! मैं भी सीखेगी....ये बोली
ओय् अम् भी ये भासा बोल सकती है
kitni achchi bat hoti,bahut si hastiya is bhasha ko sikhna chahti,hm yahi chahti.
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