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Tuesday, November 29, 2011

COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD 2011



VOLUME----- 13


SRI SUGHAR SINGH JI ...


चौड़ी छाती बांका जवान... सुगर सिंह की ये पहचान !
                       .....   पंकज के .सिंह ( एडिटर,CPTR-2011,)


 जी हाँ ... आज हम आपके सामने ला रहे है ... मामा श्री सुगर सिंह को ! 


.... उनका अंदाज निराला है और उनकी ऊँची मूंछे उनकी शान दोगुनी कर देती हैं !.... फरुखाबाद के बीहड़ जंगलों में भी उन्होंने बेधड़क और बेख़ौफ़ अपनी जिंदगी गुजारी है ! अपने अदम्य साहस के लिए वे जाने जाते हैं ! 


......तो आइये मिलते हैं उनकी शख्सियत से ..


COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD OF Sri Sughar Singh  ji ....



  • 1. व्यक्तित्व  *  1.75
  • 2. रिश्तों में मर्यादा एवं उत्तरदायित्व की भावना * * 1.5
  • ३. जीवन मूल्यों के प्रति आग्रह * * 1.13
  • ४.  भौतिक उपलब्धियां * *1.5
  • ५.  लोक जीवन एवं सार्वजनिक छवि * * 1.5
  • ६.  स्वास्थ्य एवं अनुशासन * * 1.25
  • ७. जीवन में आध्यात्मिकता एवं चिंतन शीलता *  1
  • ८ . सत्य का अनुश्रवण एवं सत्य का साथ देने की क्षमता *  1
  • ९.  जनहित एवं सेवा भावना * 1
  • १०.  आत्मविश्वास एवं प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने की क्षमता * * 1.5
  • ११. निर्विकार एवं निर्दोषता * * 1.13
  • १२. जिज्ञासु एवं नित नया सीखने की ललक *  1.13
  • १३. रचनात्मकता * 1.13
  • १४. वाक् निपुणता एवं भाषण शैली *  1.25
  • १५ .आत्म द्रष्टि एवं दूरद्रष्टि * 1.5
  • १६. साहस एवं निर्भीकता *  2.5
  • १७. सिंह सदन के गौरव को बढ़ाने में योगदान * 1.13
  • १८. अन्य सदस्यों  को प्रेरित करने की नेतृत्व  क्षमता * 1.25
  • १९.  प्रगतिशील द्रष्टिकोण एवं निरंतर प्रगति की ललक * 2.0
  • २०. निस्वार्थ एवं कपट रहित जीवन * 1.13
  •               
                            TOTAL SCORE  IS .... 27.28 

    STATUS REPORT ...कर्मठ मेहनती संघर्षशील व्यक्ति , साहसी हैं अंदाज़ ए बयाँ बढ़िया है ! उनसे वार्तालाप करने में आनंद आता है  !

    CADRE....साहसी , प्रगतिवादी !

    NEGATIVE FACTOR .... कुछ दिव्य शौकों के कारण सूर्यास्त के उपरांत उनकी इन्द्रियां नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं ! वाणी पर भी नियंत्रण कम ही है !

    MODEL... DASHRATH ,  SUGRIV , HUMAYUN .. ! 

    ***** PANKAJ K. SINGH- PUSHPENDRA  


1 comment:

Anonymous said...

मामा सुघर सिंह उन चन्द शख्सियतों में से हैं जिन्होंने बचपन में ही मेरे दिल पर असर डाला. आज अगर मैं पढने का शौकीन हूँ तो इस आदत में उनकी महती भूमिका है..... पोस्टल डिपार्टमेंट के मुलाजिम होने के नाते उन दिनों सोवियत संघ , कादम्बिनी, नवनीत जैसी मैगजीन मामा ही हमें पढ़ने को मुहैया कराते थे...... उनके कंधे पर एकनाली बंदूक और कमर में बंधे हुए नंबर लिखे हुए कारतूस हमें किसी 'रोबिनहुड' का भांजा होने का एहसास दिलाते थे.....! लम्बी लहराती हुयी उनकी मूँछ उनके चेहरे के रौबिलेपन में और इजाफा करती थी.....! रिश्तों को उलझाना उनकी चरित्रगत विशेषता है....! जैसा कि एडिटर ने लेख में उनके एन्द्रिक दोषों का हवाला दे ही दिया है तो उन्हें दोहराने की आवश्यकता नहीं है.....! वाकई उनका चरित्र विश्लेषण कमाल का है......!

PK