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Wednesday, May 2, 2012

तेरे आने की जब खबर महके....!

नॉएडा से जब चंदौली चला था तो इस शहर की तस्वीर बहुत साफ़ नहीं थी ......! मगर नयी चुनौतियों से घबराना कभी मेरे मिजाज़ का हिस्सा नहीं रहा, सो यहाँ  एकदम नवीन और अपरिचित परिस्थितयां  होने के बावजूद मुझे चंदौली में कुछ कर गुजरने का हौसला मिलता रहा. 

अकेलेपन से कहीं बोर न हो जाऊं इसलिए साथ में बोबी लाला नोयडा से  मेरे साथ ही यहाँ आये थे . शुरूआती दो तीन दिन गेस्ट हॉउस में गुज़ारने  के बाद हम अपने बंगले में शिफ्ट हो गए . जब चंदौली आया तो लगा कि बहुत दूर आ गया हूँ, यह भी लगा कि दूरी के कारण अब घर के लोग यहाँ शायद ही आयेंगे ..... मगर इस भरम को टूटने में बहुत वक्त नहीं लगा. महज दो सप्ताह के इस अंतराल में ही बदायूं से मित्र कौशल नीरज का आगमन हुआ, फ़िलहाल चुनार में तैनात राजकुमार भाईसाहब भी एक दिन रुक कर गए......  बालसखा संजीव गोयल भी इलाहबाद से आये और एक रविवार खर्च कर वापस हुए. इन सबके साथ बड़ा अच्छा वक्त गुज़रा. 

सबसे आनन्द  तो तब आया जब तीन दिन पहले नोयडा से पंकज यहाँ आये और उनके साथ पिंटू भी कानपुर से चले आये . इन दोनों के साथ तीन चार दिन कब फुर्र हो गए पता ही नहीं चला..... कमी तो तब खली जब पिंटू  को रेलवे स्टेशन  पर और पंकज को एयर पोर्ट से विदा करके लौटा. वाकई अच्छे पल कितनी जल्दी गुज़र जाते हैं..... पंकज और पिंटू के साथ देर रात तक गप-शप करना, तमाम पहलुओं पर कभी गंभीर तो कभी  मजाकिया लहजे में बात करने का अपना ही मज़ा होता है. उनके वापस जाने के बाद शिद्दत से उन्हें मिस कर रहा हूँ. उनके साथ बिताये पलों को अब तक याद कर रहा हूँ.  



अभी तक अंजू ईशी लीची नहीं आये हैं.... इस सप्ताह वो भी आ जायेंगे.....! आगे उम्मीद करूँगा कि सिंह सदन के सभी सदस्य गाहे बगाहे यहाँ आते रहें और अपने प्यार की शम्मा से इस घर को जगमगाते रहें....!

***** PK

11 comments:

शिवम् मिश्रा said...

आमीन ...

और कह भी क्या सकता हूँ ... इस भावुक कर देने वाली पोस्ट पर ... जल्द मिलते है दादा ... वादा रहा !

PANKAJ K. SINGH said...

LOV U BHAIYA ... U R THE GREATEST N AMAZING BROTHER OF THIS UNIVERSE...

Anonymous said...

main bhi aa raha hun..hirdesh

Pushpendra Singh "Pushp" said...

परम आदरणीय भैया
आपके साथ बिताये लम्हे मेरे लिए
किसी खजाने से कम नहीं है
हम भी आपको बहुत बहुत मिस करते है
मन के उद्गारों को शब्दों में बहुत करीने
से पिरोया है|
आपके इन जज्बात के हम कायल है |
कोटि कोटि प्रणाम स्वीकारें ....

sachin singh said...

आगे सिंह सदन के सभी सदस्य गाहे बगाहे यहाँ आते रहें और अपने प्यार की शम्मा से इस घर को जगमगाते रहें....
very emotional post....
really heart touching...

I will come very soon.... chacha

Anonymous said...

too kab se singh sadan ka sadasya ho gaya ..be ..lamdi ke ...

*** DHENCHU DHILLAN

Anonymous said...

aaja bhta singh
lekin tu ayega kaise tujhe train me baithna ata nahi chal koi bat nahi paidal hi chale aana
tere intjar me ....
"kadua puri"

Anonymous said...

I will come very soon....
tera abhi thanda nahi hua junoon
jagah doosri dhoon
"laplapati jibh"

Anonymous said...

खबरदार जो तू बिना बुलाये गया.....तू यार इतना सेंटी क्यों हो जाता है..कुछ और काम करता भी है या नहीं....शायरी.बेकार की तारीफ के आलावा अपने कच्छे भी धो लिया कर...घर के काम कर लिया कर...इतना टाइम तू ब्लॉग और नेट पर देता है इतने में तू बाइक चलाना सीख जाता ..लेकिन तुने तो कसम खा ली है कुछ न करने की....छोटा भीम

Anonymous said...

mai to sochti thi ki is duniya mai mai hi akeli jhurjhuri item hu parantu tu to mere se b bada item hai,

jb meri itni jillt hoti hai to mera marne ka man hota hai,
par teri nirlajjta ki sima nhi tere achran se muje nhi lgta tu jara b sharm sar hai


rakhi sawant

Anonymous said...

ab is post pe cmento ki bharmar kaise hoti hai.dekhna.
muje apne in par pura bharosa hai.



mrs .monu