
… खुशियाँ सिंह सदन में आने का रास्ता खोज ही लेतीं है.…ईशी.… लीची .... शेरू …कान्हा …तो कभी चीकू बन कर … अक्टूबर में और एक ख़ुशी आने वाली है.… श्यामू की दुल्हन के रूप में .... एक नया मेहमान हमारे छोटे से परिवार का हिस्सा बन जायेगा … सोच कर है मन खुश हो जाता है.....सिंह सदन को सँवारने और बनाने में महिलाओ की भूमिका बेहद अहम रही है.… बचपन में माँ की.… अब अंजू भाभी और प्रिया इस घर को निखारने में जुटी रहती हैँ.… अब इस घर को चारचाँद लगाने एक और नया मेहमान आ रहा है.… उसके आगमन को लेकर तैयारियाँ शुरू हो चुकीं हैं.…ईशी.… लीची .... शेरू …कान्हा तो अभी से उत्साहित हैं.… डांस की ऐसी प्रक्टिस हो रही है मनो कल ही शादी हो.… श्यामू घर का सबसे छोटा और लाडला है..... उसकी ख़ुशी के आगे हम सब लोगों ने कभी कुछ नहीं सोचा… हमेशा उसकी ख़ुशी में हम सब ने खुशियां तलाशी… अब जब वह जिंदगी की नई शुरुआत करने जा रहा है तो हमसब बहुत खुश हैं.…श्यामू के दूल्हा बनने का इंतज़ार कर रहे हैं.....श्यामू की जीवनसंगनी घर को लेकर चले.… हर रिश्ते को समझे …अपनी समझदारी से घरवालों का दिल जीते न की होशियारी से …सब को साथ लेकर चले छोटों और बड़ो की भावनाओं को समझे और हक़ से अपनी बात और विचार रखे.... ऐसे नए मेहमान का सिंह सदन पलकें बिछा कर इंतज़ार कर रहा है.…
हृदेश सिंह