अपने प्रिय पिंटू ने इधर ग़ज़ल से राब्ता बनाये रखते हुए कुछ गीत भी लिख डाले हैं....पिंटू की प्रतिभा का ही यह प्रतीक है कि जब गत वर्ष जब मैं कानपुर दौरे पर था तो पिंटू को ग़ज़ल लिखने के कुछ टिप्स दे के आया था , कुछ ही अंतराल में उन्होने बेहद सधी हुयी गज़लें लिखी. उनकी गज़लें कई समीक्षकों के द्वारा पसन्द की गयीं.....इधर उनके ब्लोग पर गीतों की बयार बह रही थी, सो ये गीत वहीं से सीधे लिये चला आ रहा हूं.......गुनगुनाईये इन्हें और इस युवा कवि के हक़ में दुआ कीजिए...... आइये आनन्द लीजिये इस गीत का ......!
है बात बड़ी सीधी सी मगर कुछ लोग न जाने कब समझें
हर बात में कुछ तो बात छुपी ये बात न जाने कब समझें
हर रिश्ते के पीछे सौदा हर रिश्ता ही अब सौदा है
हर इन्सां कितना बदल गया ये बात न जाने कब समझें
मेहनत किस्मत की बातों में न जाने कब से उलझे हो
किस्मत के पीछे मेहनत है ये बात न जाने कब समझें
सब लोग पराये लगते है दिल में बोये कितने कांटे
हर रिश्ता है पहचान नई ये बात न जाने कब समझें
लोगों को मिलने जुलने का बस एक बहाना काफी है
तेरे प्यार में इतनी कशिश तो हो ये बात न जाने कब समझें
है बात बड़ी सीधी सी मगर कुछ लोग न जाने कब समझें
हर बात में कुछ तो बात छुपी ये बात न जाने कब समझें
हर रिश्ते के पीछे सौदा हर रिश्ता ही अब सौदा है
हर इन्सां कितना बदल गया ये बात न जाने कब समझें
मेहनत किस्मत की बातों में न जाने कब से उलझे हो
किस्मत के पीछे मेहनत है ये बात न जाने कब समझें
सब लोग पराये लगते है दिल में बोये कितने कांटे
हर रिश्ता है पहचान नई ये बात न जाने कब समझें
लोगों को मिलने जुलने का बस एक बहाना काफी है
तेरे प्यार में इतनी कशिश तो हो ये बात न जाने कब समझें
2 comments:
परम आदरणीय भैया
में कोई लेखक न कभी था न हूँ
ये सब आप के श्री चरणों का प्रताप है आप का नाम लेकर बस कलम चलता हूँ गजल गीत तो खुद ब खुद ही बन जाते है
आप जिसको जो चाहें बना दें .........
आप का हाथ जिसके सर पर रख जाये उसके सारे कष्ट दूर होजाते है |
और फिर में तो इतना भाग्यशाली हूँ की मेरी नैया के खिवैया स्वेम आप है |
आपके श्री चरणों में मेरा शत शत प्रणाम
बहुत सुंदर पिंटू
Post a Comment