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Sunday, February 19, 2012

सच को हराना झूठ के बस में नहीं ....


मेरे शऊर पे छाना तुम्हारे  बस में नहीं
यकी वफ़ा का दिलाना तुम्हारे बस में नहीं,

माँ की दुआओं  का उजाला है  हर तरफ 
इसे मिटाने की  औकात अँधेरे के बस में नहीं ,

जाकर जहाँ  से कोई  बापस नहीं है आता 
वह कौन सी जगह है यह जानना किसी के बस में नहीं ,

यह बात तल्ख़ सही,फिर भी हकीकत है 
सच को हराना झूठ के बस में नहीं,

उजाड़ देते है पलक झपकते ही सारी बस्तियां 
एक आशियाना बसाना भी जिनके बस में नहीं ,

जो है हिम्मत  तो क्या नहीं प्राप्त कर  ले तू 
ऐसा कुछ भी नहीं जो "सचिन" तेरे बस में नहीं ....

सचिन सिंह 

[मेरे गजल गुरु वसीम बरेलवी और पूज्य पवन चाचा को समर्पित ...!!]

35 comments:

Anonymous said...

achha likha aapne bhaiya,bahut sundar gajal hai,

dilip

sandeep singh said...

accha likha he tumne beta

Anonymous said...

ऐसा कुछ भी नहीं जो "सचिन" तेरे बस में नहीं ...
ग़ज़ल के बहाने सब कुछ तो कह दिया तुमने.....
keep it up

PK

Pushpendra Singh "Pushp" said...

accha likha sachin good

Anonymous said...

sachin tumhari shayari main har din nikhrti hi jaa rhai hai....achha laga.

hirdesh

sachin singh said...

dilip bhai, sandeep bhai aap jaise bhai ka payaar saath rahe har mushkil aasan ho jayegi.

poojya pawan chacha ji, hirdesh chacha ji, pushpendra chacha sab aapke aashirvaad aur pyar ka natizaa hai..... charan sparsh sweekare !!


SACHIN SINGH

Anonymous said...

tu kab tak ganda or chori ka maal chacha ji ke charnon main dalta rahega...papi.durachari..bhamachari...bol sorry..

baba styanand

Anonymous said...

गाना: तुम इतना जो मुस्करा रहे है हो.

फिल्म : अर्थ


तू इतना क्यों पकाऊ है..
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
तू इतना क्यों पकाऊ है..
आँखों में बेशर्मी..हंसी लबों पर
उल्लू सी चाल है..चले जा रहे हो.
तू इतना क्यों पकाऊ है..
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
मर जायेंगे शायरी सुनते -सुनते
मर जायेंगे शायरी सुनते -सुनते
ये शायरी चोरी की जो लिखते जा रहे हो
ये शायरी चोरी की जो लिखते जा रहे हो
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
जिस भटा को इतनी साल से झेला है.
हम क्यों फोकट में झेले जा रहें हैं.
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
तू इतना क्यों पकाऊ है..

javed khattar

Anonymous said...

अबे डीगर खटिया के खटमल और पिस्सू

कब सुधरेगा तू

बिगड़े लाल

Anonymous said...

ऐसा कुछ भी नहीं जो "सचिन" तेरे बस में नहीं ....

तेरे बस की निम्न सारणी नहीं है देख

१.गाड़ी चलाना

२.बी. टेक .करना

३.कच्छा धोना

४. हग के सोंचना (पीछे से बाल्टी मरवाता है लचूडी के )

५. नाचना गाना

६.खाना को मना करना (सिर्फ ढून्सने के लिए रहता है तू लाम्ड़ी का )

७.आता पिसाना (घर पर पड़ा पड़ा कितनी खटिया तोड़ चूका है तू नामुराद

(सरकाय लेओ खटिया जाड़ा लगे )

समीक्षा लाल

Anonymous said...

तेरे बस का है ये हग्लेंडा सुन

१.सिर्फ रोटी चरना और संटुस्ती से हगना भक बदबू का मारा (बदबू लाल )

२.खटिया तोडना

३ पड़े पड़े ढुस ढुस करना

४.चुगली करना

५. लार टपकाना

६.गाड़ी पर तसरीफ धर देना (तेरी तसरीफ हिला डी जाएगी समझा लंगादा के )

७.गुरु बदलना सुन पापा मत बदल लिए रे (निर्लज्ज आदमी )

८.चोरी का माल गुरु को सोम्पना (गुरु को फसयेगा क्या

तेरी नस नस कुमार

Anonymous said...

sab ko fon karna aur unhe jhute sambandhon ka hawala dekar pareshaan karna crime hai

** jila police

Anonymous said...

रात भटा सपने में आयो

मारे भठूरे सरर सरर सरर

तोरी खटिया चरर चरर चरर

जंगल जलेबी

Anonymous said...

बेशर्मी का मसीहा

अपना हगंडा सचिन उर्फ़ भटा

सोंचालय से सोंच कुमार

Anonymous said...

लागुन आई भटा परे

लागुन आई भटा परे

लागुन आई तेरे अंगना

भटा परे परे मौज मनाएं

हगात जाएँ परे परे

हगात जाएँ परे परे

दुस भटा ji भड भड भड मचाएं

लागुनी देवी

Anonymous said...

तू भटा बड़ा है मस्त मस्त

तू भटा बड़ा है मस्त

तुझ पे ना ठहरे बात बात

तू खाय घूँसा लात लात

फिर भी ना मने बात बात

तू भटा बड़ा है शख्त शख्त

मस्तानी बाई (mastayi hai )

Anonymous said...

बेशर्मी की धार

पहने है तू सलवार

तेरे घर में भाटे की धार

Anonymous said...

good

Anonymous said...

सिवाय तेल लगाने और अपने उधार के ज्ञान का फर्जी प्रदर्शन साजिशे रचने और सिंह सदन में तोड़फोड़ करने के अलाबा कोई काम नहीं है इस मूढ़ निर्ल्लज अहंकारीऔर घोर स्वार्थी मनुष्य का सही उपचार करना जरुरी है ये मनुष्यता पर कलंक है
हमारे पूर्वज

Anonymous said...

मेरे शऊर पे छाना तुम्हारे बस में नहीं
shaur to toy katai nai hai ...
tere upar kaun chayega
chappar sa bikhr jayga

chat ke panare se
jindabaad

Anonymous said...

यह बात तल्ख़ सही,फिर भी हकीकत है
ki tu bhata hai dhulna hai

Anonymous said...

आप सब लोगों से मई माफ़ी मांगना चाहता हूँ
की मैंने सब लोगों को परेशां करने की साज़िश रची थी
मई अब और झूट नहीं बोल सकता
ये मेसेज खुद मैंने kiye थे
ताकि दिलीप टिंकू पर सक जाये
ये भटा हगंडा नाम गाजियावाद में पड़ा था
जब मई बी. टेक कर रहा था
मुझे वहां लड़के मारते थे
और गालियाँ देते थे
मई दूसरों की गजलें चुराता हूँ
हो सके तो आप सब लोग मुझे
जुत्याने के बाद माफ़ कर दो
सचिन

Anonymous said...

अब सही है

तू इतना कमीना निकलेगा ये मैंने नहीं सोचा था

तेरा भाई अनुज

Anonymous said...

नहीं ये नहीं हो सकता

मेरा भटा इतना बुझदिल नहीं हो सकता

मई तो मरूंगी ही सनम इस मोटे सांड को भी ले मरूंगी

चल सन्यासी मंदिर में

श्री देवी (हिम्मतवाला सेट से )

Anonymous said...

मुझे भी छमा करें

इनको मैंने ही कहा था की सिंह सदन

को बदनाम कर दो

सचिन का चाचा ब्रिजेश

Anonymous said...

चलो जो होता है सही के लिए होता है

पर मोनू के बच्चे तू ये बता की ये गुनाह तुने क्यों किया

तुझे पैसा चाहिए था तो ,मुझसे कहता

नामुराद तू मेरी नज़र से गिर गया और

तू मेरे १०००० रूपए भी ले गया

चल वो तो तेरे मई बल्ली और बांस दाल के निकाल लूँगा

चिंटू

Anonymous said...

इस बार की होली में मई इस मोटे के साथ बैठ जाउंगी

जरर जरर जरर जरर



होलिका देवी

Anonymous said...

इस बार की होली में मई इस मोटे के साथ बैठ जाउंगी

जरर जरर जरर जरर



होलिका देवी

Anonymous said...

jaahil aadmi ....

tu vaseem barelvi, manish shukla ,alok srivastav , pujya chacha kii jinadagi ka naasur ban gaya hai kambhakt ...teri aukaat nahin hai in logon se baat karne kii ye sabhi tujhe laanat bhejte hain .. kuchh to sharm kar behaya .. chullu bhar pani me doob mar ...

Anonymous said...

rasiya mizaz ka nikhattu hai sachin ..

Anonymous said...

tu ye bata tune abhi bhi kamina pan nahi chhoda ab tune atal ji kio rachna ko bhejna suru kar diya
agar too is tarah doosaron ki rachna bhejta raha to mai teri khopdi tod dunga

agni kumar

Anonymous said...

tu ye bata tune abhi bhi kamina pan nahi chhoda ab tune atal ji kio rachna ko bhejna suru kar diya
agar too is tarah doosaron ki rachna bhejta raha to mai teri khopdi tod dunga

agni kumar

Anonymous said...

abe so gaya kya chikna ghada
chikna ghada
abe papi harjaai
tune razai me hai maar hai khai
nahi khai to ajana galiyaare me
de doongi joota nishani
sach bata aur kitni chhaplen kha chuka hai tu
joota ke shol se

Anonymous said...

जो है हिम्मत तो क्या नहीं प्राप्त कर ले तू
ऐसा कुछ भी नहीं जो "सचिन" तेरे बस में नहीं ....
are sachin to "god" ka avtaar hai bhaaiyon ...ise pranaam karo ..

Anonymous said...

उजाड़ देते है पलक झपकते ही सारी बस्तियां
एक आशियाना बसाना भी जिनके बस में नहीं ,

... ghazab ka sher churaya hai ... jahaan se bhi maara hai naaspite .. badhiya maara hai .. chor no. 1 hai tu ...