मेरे शऊर पे छाना तुम्हारे बस में नहीं
यकी वफ़ा का दिलाना तुम्हारे बस में नहीं,
माँ की दुआओं का उजाला है हर तरफ
इसे मिटाने की औकात अँधेरे के बस में नहीं ,
जाकर जहाँ से कोई बापस नहीं है आता
वह कौन सी जगह है यह जानना किसी के बस में नहीं ,
यह बात तल्ख़ सही,फिर भी हकीकत है
सच को हराना झूठ के बस में नहीं,
उजाड़ देते है पलक झपकते ही सारी बस्तियां
एक आशियाना बसाना भी जिनके बस में नहीं ,
जो है हिम्मत तो क्या नहीं प्राप्त कर ले तू
ऐसा कुछ भी नहीं जो "सचिन" तेरे बस में नहीं ....
सचिन सिंह
[मेरे गजल गुरु वसीम बरेलवी और पूज्य पवन चाचा को समर्पित ...!!]
35 comments:
achha likha aapne bhaiya,bahut sundar gajal hai,
dilip
accha likha he tumne beta
ऐसा कुछ भी नहीं जो "सचिन" तेरे बस में नहीं ...
ग़ज़ल के बहाने सब कुछ तो कह दिया तुमने.....
keep it up
PK
accha likha sachin good
sachin tumhari shayari main har din nikhrti hi jaa rhai hai....achha laga.
hirdesh
dilip bhai, sandeep bhai aap jaise bhai ka payaar saath rahe har mushkil aasan ho jayegi.
poojya pawan chacha ji, hirdesh chacha ji, pushpendra chacha sab aapke aashirvaad aur pyar ka natizaa hai..... charan sparsh sweekare !!
SACHIN SINGH
tu kab tak ganda or chori ka maal chacha ji ke charnon main dalta rahega...papi.durachari..bhamachari...bol sorry..
baba styanand
गाना: तुम इतना जो मुस्करा रहे है हो.
फिल्म : अर्थ
तू इतना क्यों पकाऊ है..
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
तू इतना क्यों पकाऊ है..
आँखों में बेशर्मी..हंसी लबों पर
उल्लू सी चाल है..चले जा रहे हो.
तू इतना क्यों पकाऊ है..
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
मर जायेंगे शायरी सुनते -सुनते
मर जायेंगे शायरी सुनते -सुनते
ये शायरी चोरी की जो लिखते जा रहे हो
ये शायरी चोरी की जो लिखते जा रहे हो
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
जिस भटा को इतनी साल से झेला है.
हम क्यों फोकट में झेले जा रहें हैं.
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
क्या गम है जो इतना चिपकाऊ है.
तू इतना क्यों पकाऊ है..
javed khattar
अबे डीगर खटिया के खटमल और पिस्सू
कब सुधरेगा तू
बिगड़े लाल
ऐसा कुछ भी नहीं जो "सचिन" तेरे बस में नहीं ....
तेरे बस की निम्न सारणी नहीं है देख
१.गाड़ी चलाना
२.बी. टेक .करना
३.कच्छा धोना
४. हग के सोंचना (पीछे से बाल्टी मरवाता है लचूडी के )
५. नाचना गाना
६.खाना को मना करना (सिर्फ ढून्सने के लिए रहता है तू लाम्ड़ी का )
७.आता पिसाना (घर पर पड़ा पड़ा कितनी खटिया तोड़ चूका है तू नामुराद
(सरकाय लेओ खटिया जाड़ा लगे )
समीक्षा लाल
तेरे बस का है ये हग्लेंडा सुन
१.सिर्फ रोटी चरना और संटुस्ती से हगना भक बदबू का मारा (बदबू लाल )
२.खटिया तोडना
३ पड़े पड़े ढुस ढुस करना
४.चुगली करना
५. लार टपकाना
६.गाड़ी पर तसरीफ धर देना (तेरी तसरीफ हिला डी जाएगी समझा लंगादा के )
७.गुरु बदलना सुन पापा मत बदल लिए रे (निर्लज्ज आदमी )
८.चोरी का माल गुरु को सोम्पना (गुरु को फसयेगा क्या
तेरी नस नस कुमार
sab ko fon karna aur unhe jhute sambandhon ka hawala dekar pareshaan karna crime hai
** jila police
रात भटा सपने में आयो
मारे भठूरे सरर सरर सरर
तोरी खटिया चरर चरर चरर
जंगल जलेबी
बेशर्मी का मसीहा
अपना हगंडा सचिन उर्फ़ भटा
सोंचालय से सोंच कुमार
लागुन आई भटा परे
लागुन आई भटा परे
लागुन आई तेरे अंगना
भटा परे परे मौज मनाएं
हगात जाएँ परे परे
हगात जाएँ परे परे
दुस भटा ji भड भड भड मचाएं
लागुनी देवी
तू भटा बड़ा है मस्त मस्त
तू भटा बड़ा है मस्त
तुझ पे ना ठहरे बात बात
तू खाय घूँसा लात लात
फिर भी ना मने बात बात
तू भटा बड़ा है शख्त शख्त
मस्तानी बाई (mastayi hai )
बेशर्मी की धार
पहने है तू सलवार
तेरे घर में भाटे की धार
good
सिवाय तेल लगाने और अपने उधार के ज्ञान का फर्जी प्रदर्शन साजिशे रचने और सिंह सदन में तोड़फोड़ करने के अलाबा कोई काम नहीं है इस मूढ़ निर्ल्लज अहंकारीऔर घोर स्वार्थी मनुष्य का सही उपचार करना जरुरी है ये मनुष्यता पर कलंक है
हमारे पूर्वज
मेरे शऊर पे छाना तुम्हारे बस में नहीं
shaur to toy katai nai hai ...
tere upar kaun chayega
chappar sa bikhr jayga
chat ke panare se
jindabaad
यह बात तल्ख़ सही,फिर भी हकीकत है
ki tu bhata hai dhulna hai
आप सब लोगों से मई माफ़ी मांगना चाहता हूँ
की मैंने सब लोगों को परेशां करने की साज़िश रची थी
मई अब और झूट नहीं बोल सकता
ये मेसेज खुद मैंने kiye थे
ताकि दिलीप टिंकू पर सक जाये
ये भटा हगंडा नाम गाजियावाद में पड़ा था
जब मई बी. टेक कर रहा था
मुझे वहां लड़के मारते थे
और गालियाँ देते थे
मई दूसरों की गजलें चुराता हूँ
हो सके तो आप सब लोग मुझे
जुत्याने के बाद माफ़ कर दो
सचिन
अब सही है
तू इतना कमीना निकलेगा ये मैंने नहीं सोचा था
तेरा भाई अनुज
नहीं ये नहीं हो सकता
मेरा भटा इतना बुझदिल नहीं हो सकता
मई तो मरूंगी ही सनम इस मोटे सांड को भी ले मरूंगी
चल सन्यासी मंदिर में
श्री देवी (हिम्मतवाला सेट से )
मुझे भी छमा करें
इनको मैंने ही कहा था की सिंह सदन
को बदनाम कर दो
सचिन का चाचा ब्रिजेश
चलो जो होता है सही के लिए होता है
पर मोनू के बच्चे तू ये बता की ये गुनाह तुने क्यों किया
तुझे पैसा चाहिए था तो ,मुझसे कहता
नामुराद तू मेरी नज़र से गिर गया और
तू मेरे १०००० रूपए भी ले गया
चल वो तो तेरे मई बल्ली और बांस दाल के निकाल लूँगा
चिंटू
इस बार की होली में मई इस मोटे के साथ बैठ जाउंगी
जरर जरर जरर जरर
होलिका देवी
इस बार की होली में मई इस मोटे के साथ बैठ जाउंगी
जरर जरर जरर जरर
होलिका देवी
jaahil aadmi ....
tu vaseem barelvi, manish shukla ,alok srivastav , pujya chacha kii jinadagi ka naasur ban gaya hai kambhakt ...teri aukaat nahin hai in logon se baat karne kii ye sabhi tujhe laanat bhejte hain .. kuchh to sharm kar behaya .. chullu bhar pani me doob mar ...
rasiya mizaz ka nikhattu hai sachin ..
tu ye bata tune abhi bhi kamina pan nahi chhoda ab tune atal ji kio rachna ko bhejna suru kar diya
agar too is tarah doosaron ki rachna bhejta raha to mai teri khopdi tod dunga
agni kumar
tu ye bata tune abhi bhi kamina pan nahi chhoda ab tune atal ji kio rachna ko bhejna suru kar diya
agar too is tarah doosaron ki rachna bhejta raha to mai teri khopdi tod dunga
agni kumar
abe so gaya kya chikna ghada
chikna ghada
abe papi harjaai
tune razai me hai maar hai khai
nahi khai to ajana galiyaare me
de doongi joota nishani
sach bata aur kitni chhaplen kha chuka hai tu
joota ke shol se
जो है हिम्मत तो क्या नहीं प्राप्त कर ले तू
ऐसा कुछ भी नहीं जो "सचिन" तेरे बस में नहीं ....
are sachin to "god" ka avtaar hai bhaaiyon ...ise pranaam karo ..
उजाड़ देते है पलक झपकते ही सारी बस्तियां
एक आशियाना बसाना भी जिनके बस में नहीं ,
... ghazab ka sher churaya hai ... jahaan se bhi maara hai naaspite .. badhiya maara hai .. chor no. 1 hai tu ...
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