ग्रामीण विकास में उठाए गए नए कदम
सर्वप्रथम ब्लॉग पर उपस्थित सभी सदस्यों को मेरा नमस्कार , इतने दिनों तक मेरी कोई पोस्ट न आने के कारण मुझे क्षमा करें, और आज जब आज मुझे ब्लॉग पर उपस्थित होने का मौका मिला है और आज जब इस नए विकल्प की मुझसे शुरुआत हुई है तो में पूरा प्रयास करूँगा कि अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर निर्वहन करूं , इस आर्टिकल में किसी भी त्रुटी के लिए मुझे क्षमा न करें, बल्कि मुझे उचित सलाह दें .
आज देश की आबादी एक अरब 27 करोड़ है, जिसमे 70 फीसदी से अधिक आबादी गाँव में रहती है, और इस 70 फीसदी आबादी का सतत विकास, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, प्रदान करने के लिए भारत सरकार समय - समय पर नई योजनाएं मुहैया कराती रहती है,
गाँव के विकास के माध्यम से भारत सरकार द्वारा चलाई गई कुछ योजनाएं इस प्रकार है
1- किसान कॉल सेंटर
2- पांच -स्तरीय प्रणाली
3- रुरल नोलेज सेंटर
4- E –चौपाल
5- किसान चैनल योजना
6- और सार्वजनिक वितरण प्रणाली
ये सारी योजनाएं गाँव के विकास के लिए वरदान साबित हुई, इन सभी सुबिधाओं के अलावा भारत सरकार ने 2015 तक देश के सभी गाँव को ब्रोडबेंड तथा दूरसंचार की सारी सुबिधाओं से लैस करने की घोषणा कर दी है, ग्रामीण विकास को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं में दूरसंचार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, भारतीय अर्थव्यवस्था में दूरसंचार की हिस्सेदारी लगातार बढती जा रही है, संचार सुविधाओं की ही देन है कि आज बड़े ही नहीं बल्कि बच्चे भी इन्टरनेट का प्रयोग कर रहे है और यही संचार सुबिधाएं गाँव की, बेरोजगारी कम करने में कारगर साबित हुई है, एक दसक पहले के गाँव आज पूरी तरह अत्याधुनिक गाँव में बदल चुके है, इसका सारा श्रेय संचार क्रांति को ही जाता है, वर्ष 2008-09 में जहाँ भारतीय अर्थव्यवस्था में दूर संचार की हिस्सेदारी 3.75 फीसदी थी वही वर्ष 2009-10 में संचार क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़कर 5.4 फीसदी तक पहुँच गई है, संचार सुबिधाओं की सहायता से ही आज क्रषि में गुणबत्ता, उसे जुडी हुई सुबिधाएं, और सरल तरीके से खेती करना किसानो ने सीख लिया है, कृषि मंत्रालय द्वारा खोले गए किसान कॉल सेंटर, एवं E-चौपाल द्वारा किसान अपनी फसल से जुड़ी सारी जानकारी लेकर फसल को और बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे है, फसल में बिना कोई नुकसान पहुचे कृषि को उन्नत अवस्था तक लाने में पांच -स्तरीय प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, आज किसान घर बैठे इन्टरनेट से मंडीयों के ताजा भाव, भण्डारण की तकनीक और किस फसल में कितनी लागत से कितना मुनाफा कमाया जा सकता है,आदि सुबिधाएं उन्हें इन्टरनेट के माध्यम से मिल रही है, संचार सुबिधाओं ने कृषि को ही नहीं बल्कि वहां की बेरोजगारी को भी प्रभावित किया है, इससे गाँव से रोजगार के लिए पलायन कर रहे व्यक्तीयों को गाँव में ही रोजगार प्रदान कीया है, जिसमे टेलीफोन, व् मोबाइल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, टेलीफोन व् मोबाइलों ने शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराया है, इन सभी सुबिधाओं से आज गाँव की स्थित उन्नत अवस्था में पहुँच गई है और किसान अपना जीवन निर्वाह अच्छे ढंग से कर पा रहे है .
*****Dileep Kumar
6 comments:
बहुत सुन्दर ...........जानकारी
दी है दिलीप ..................लगे रहो
वाकई तुमने उम्मीद से ज्यादा अच्छा लिखा है
छब्बासी................... क़बूल करो |
Dear DILEEP...... Really very good start with great subject!!
congrats....keep it up dear !!
All the Best for next Article...
sachin ki badhai milna is baat ka subut hai ki dileep tumne shandaar likha....
hirdesh
Dear Dileep
भारतीय कृषि पर शानदार पोस्ट, क्रम बनाये रखें !!!!
Keep It Up>>>>>>>>>>
PK
बहुत बहुत बधाई दिलीप भाई
बस यू ही लिखते रहो
सिद्धांत सिंह
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