हमे तुमसे प्यार कितना ये हम नहीं जानते
...... ये नायब शख्स हैं ... हर क्षण हमारे दिल में बसने वाले .... हमारे अति प्रिय अनुज श्याम कान्त ... जिन्हें हम सभी प्रेम से " श्यामू " कहते हैं ! " सिंह सदन " की एक - एक दीवार , एक - एक कोने में इस प्यारे बच्चे की खुशबू बिखरी हुई है !
श्यामू हम सबकी आँखों का तारा हैं .. नैतिक मूल्यों के धनी और एक पवित्र आत्मा के स्वामी श्यामू का व्यक्तित्व बेहद आकर्षक एवं सुरुचिपूर्ण है ! वे बचपन से ही अत्यंत मेधावी छात्र रहे हैं ! वे अनवरत दसियों घंटो तक अध्ययन कर सकने की क्षमता रखते हैं ! सम्प्रति वे " सिविल सर्विसेज़ " परीक्षाओं की तैयारी में मशरूफ हैं !
अध्ययन के साथ - साथ उनको खेलों में भी गज़ब की महारत हासिल है ! क्रिकेट , शतरंज , कैरम के वे बड़े उच्च स्तरीय खिलाडी रहे हैं ! बचपन से ही मैं श्यामू से कैरम में भयंकर रूप से पराजित होता रहा हूँ ! श्यामू १९९४ के प्रांतीय कैरम चैम्पियन रहे हैं ! क्रिकेट में वे एक मारक हिटर रहे हैं और शतरंज में कम्पूटर को भी आसानी से मात दे देते हैं ! खेलों के अतिरिक्त साहित्य और सिनेमा में भी उनका ज्ञान बेहद परिष्कृत है !
श्यामू की सबसे बड़ी खासियत है कि वे एक " सच्चे " इंसान हैं ! मैं दावा कर सकता हूँ कि उनसे भूल में भी कोई अनैतिक कार्य नहीं हो सकता ! मुझे वाकई बहुत अधिक गर्व है कि वे मेरे अनुज हैं ! मैंने अपने पूरे जीवन में श्यामू से अधिक प्यार किसी से नहीं किया है ! श्यामू एक ऐसा बच्चा है जिसके लिए मैं हमेशा बहुत फिक्रमंद रहा हूँ मैं ही क्या अपने तीनो ही बड़े भाइयों का जिगर का टुकड़ा है प्यारा श्यामू !
.... श्यामू ने कोई एक दशक पहले " सिविल सर्विस " में आने का सपना देखा था ....तभी से वे लगातार इस ख्वाब को अंजाम देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं ! वास्तव में उनसे ज्यादा हम सब बड़े भाइयों का सपना है कि वे एक उत्कृष्ट आई . ए . एस . अधिकारी बने और उनके द्वारा लाखों लोगों को न्याय मिल सके ... उनका कल्याण हो सके ! ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूँ कि इस साफ़ दिल बच्चे को .... ज़िन्दगी में भरपूर कामयाबी .... समृधि ... और संतुष्टि मिले !
.... अपने इस प्यारे से भाई के साथ मैंने बहुत अच्छा बचपन जिया है ! श्यामू के पास लाज़वाब " सेन्स ऑफ़ ह्यूमर " है .... यहाँ तक कि "बेतुकी " और ''वाहियात'' चीज़ों में भी हम लोग साथ बैठकर बड़ा मज़ा उठाते हैं ! श्यामू के साथ फिल्मे और क्रिकेट मैच एंज्वाय करना मेरे लिए बेहद सुखद अनुभव रहता है !
... श्यामू को मैंने शायद सबसे ज्यादा डांटा होगा ...पर वे मेरे दिल को ... मेरी भावनाओं को बेहतर ढंग से समझते हैं ... और मुझे काफी प्यार भी करते हैं ! सच यही है कि मैं उन्हें बहुत ऊँचा ... बहुत कामयाब देखना चाहता हूँ .... इतना कि उनके नाम से हम भाई पहचाने जाएँ !
श्यामू की एक बड़ी खूबी है कि वे बच्चों से बहुत प्यार करते हैं ! बच्चों के " मनोविज्ञान " को समझने वाला उनसे बेहतरीन मनोविज्ञानी मैंने आज तक कोई नहीं देखा है ! वे एक संस्कारवान पुत्र और मर्यादित... स्नेहपूर्ण भाई और ईशी - लीची के प्यारे चाचा हैं ! मुझे पूर्ण विश्वास है कि श्यामू असाधारण गुणों से युक्त हैं और वे जीवन में कई बहुत महान कार्य करेंगे !
प्रिय श्यामू ... मजबूत क़दमों से आगे बढ़ते रहो .... हम हर क्षण तुम्हारे साथ हैं ....तुम वास्तव में इतने अच्छे हो .... इतने प्यारे हो .... इतने सच्चे हो कि स्वयं परमात्मा भी तुम्हारे ऊपर विशेष कृपा रखता है ! मैं तुमसे इतना प्रेम करता हूँ कि कोई शब्द काफी नहीं हैं इसे परिभाषित करने के लिए ....मैं हर पल तुम्हे याद करता हूँ ! ईश्वर से बस यही दुआ करता हूँ कि तुम्हारी ज़िन्दगी के तमाम गम और आंसू मुझे मिल जाएँ और दुनिया भर की खुशियाँ तुम्हे मिल जाएँ .... तुम सुख और सुकून से जियो तुम्हे कोई दुःख हो तो हमारा जीना ही बेमानी होगा !
... बस इतना याद रखना कि असफलताएं ही हमारी सबसे अच्छी साथी हैं .... यही हमे सबसे बेहतर और मजबूत ढंग से समझाती हैं कि हम कहाँ गलत हैं ... और हमे क्या नहीं करना चाहिए ! ... जो भी होता है वही हमारे लिए सर्वश्रेष्ठ होता है ! धैर्य के साथ समय की प्रतीक्षा करनी चाहिए .... समय से अधिक शक्तिशाली कोई नहीं होता ..... वक्त खुद सिखाता है ! गलतियों से सीखकर ही इंसान महान बनता है ...... गलतियों को न दोहराने वाले इंसान ही महान बन जाते हैं ! जीवन में मनुष्य को हर क्षण विनम्र भाव से सीखते रहना चाहिए ! प्रक्रति कि हर छोटी - बड़ी वस्तु तुम्हारी "गुरु" है ... सबसे सीखो और आगे बढ़ो ! बुरे से बुरा इंसान भी तुम्हे कुछ सिखा सकता है .... कुछ नहीं तो यही सिखा देगा कि तुम्हे "वैसा" नहीं बनना है ! !
* * * * * PANKAJ K. SINGH
3 comments:
पंकज ......क्या जबरदस्त कैरीकेचर खींचा है श्यामू का तुमने....
बहुत शानदार....बेहतरीन.
यह तो सच है ही कि हम सब ने श्यामू को बहुत प्यार स्नेह दिया है....शायद छोटे होने के अधिकार स्वरुप वह इसका हकदार है भी.
अब श्यामू के सामने स्वयं को स्थापित करने की चुनौती है......मुझे विश्वास है कि वो ऐसा कर भी लेगा......सफलता -असफलता सब जीवन के पहलू हैं...
असफलता से कोई कितना सीखता है यही देखने- समझने की चीज है....
मुझे एक घटना याद आ रही है कि 2004 में इण्डिया ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच चल रहा था ब्रेड होग ने सचिन का विकेट लिया......मैच ख़त्म हुआ तो होग ने वो बोल जिससे सचिन का विकेट लिया था वो सचिन के सामने आटोग्राफ के लिए कर दी.....सचिन ने उस बोल पर आटोग्राफ तो दिए पर साथ में यह भी लिखा कि "It will never happen again" .......वो दिन है आज का दिन है होग दुबारा सचिन को आउट नहीं कर सके......!
श्यामू को अपनी असफलताओं के पीछे कमी तलाश कर उन्हें " ओवर कम" करना पड़ेगा.
PK
श्यामू तो मेरी जान है....
भइया बेहतरीन पोस्ट लिख कर आप ने तो ऑंखें नम
कर दी श्यामू तो सबसे प्यारा भाई है मै बचपन से उसके साथ रहा हूँ
वह दया के रूप और निर्मल ह्रदय इन्सान है | दिमाग इतना तेज़ की कंप्यूटर भी फेल
हो जाय | हम सब को उनसे बहुत उम्मीदें है और मुझे उनपर पूरा विश्वास है की वे हमारी उम्मीदों से बढ़ कर निकलेंगे
उनके बड़े मामा उन्हें इतना चाहते है की बचपन से ही वे उन्हें श्याम कह कर बुलाते है और उनके लिए अमरुद आज भी
१० km दूर साईकिल से देने जाते है |
बाक़ी बड़े भैया ने बहुत कुछ लिख दिया है |
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