अपने लिए जिए तो क्या जिए ....
१४ जनवरी 2010 का दिन ..................
....... यूँ तो '' १४ जनवरी '' यानी '' मकर संक्रांति '' एक पावन पर्व है........इस पर्व को दान धर्म के लिए '' सर्वोच्च '' माना जाता है | हर इन्सान यथा संभव दान करता है | मगर यह पर्व ..... मैनपुरी .... और '' मेदेपुर '' ग्राम के लिए यादगार बन गया है |
........विगत कई वर्षों से ...... हम '' मेदेपुर '' में एक अदभुत दृश्य ...... '' मकर संक्रांति '' के पावन पर्व पर देख रहे हैं ! यहाँ '' बन्दा '' और '' बन्दा नवाज़ '' मानो एक हो जाते हैं ...... इंसान - इंसान के बीच के सारे फर्क मिट जाते हैं ! भाईचारे ...... प्रेम ....... स्नेह ......... करुणा ....... और सहकार के ऐसे पावन द्रश्य को देखकर सभी की आँखें नम हो जाती हैं ...... सिर्फ और सिर्फ एक मकसद रह जाता है ....... '' दरिद्र नारायण '' की सेवा और अपने ही वंचित जरूरतमंद भाईओं की सहायता ... समाज में जो भी बड़े हैं .... उन पर भी समाज का '' ऋण '' होता है ...... उनका कर्त्तव्य है इस ऋण से मुक्त होने के लिए सच्चे ह्रदय से '' दरिद्र नारायण '' की सेवा निरंतर करते रहे ...... इससे आत्मा ... '' पवित्र '' होती है ....... सिंह सदन द्वारा प्रतिवर्ष .... १००० निर्धन भाइयों की सेवा एक ऐसा ही '' छोटा सा प्रयास '' है ...... जिसके लिए '' मकर संक्रांति '' का पावन पर्व चुना गया है ...
हर तरफ '' जय हो ''......... '' सिंह सदन '' के नारे गूंज रहे थे ........... सैकड़ों लोगों की भीड़ उमड़ रही थी .... दूर -२ से लोग इस '' मेदेपुर '' ग्राम में आए थे .............. आस पास के क्षेत्र में '' मेदेपुर '' के इस आयोजन के चर्चे थे ....................
........ '' सिंह सदन '' हमेशा से ही दान - धर्म के लिए .........प्रसिद्ध रहा है | '' सिंह सदन '' की धुरी यानी हमारी'' बुआ जी '' बहुत ही साध्वी स्त्री है ..................इस परम्परा को आगे बढ़ने का बीड़ा उठाया है ..... हमारे '' दानवीर ''पंकज भइया ने ..............उनके बारे में बताने जरुरत नहीं पहले से ही उनके बारे में लिखा जा चूकाहै ................
१४ जनवरी का दिन ....... हर तरफ ख़ुशी का माहौल ..............वेहद सुहाना लगरहा था ....इस कार्यक्रम का सारा प्रारूप .... हमारे पूज्यनीय '' बड़े भइया '' ने तैयार किया था जिसको माननीय पंकज भइया ने अपने मजबूत कन्धों पर उठाया | यह कार्यक्रम '' कम्बल वितरण समारोह '' था................
.......शर्दी का मौसम था ........ सभी जरुरत मंद लोगों को कम्बल पाने ..... और किसी भी प्रकार की समस्या के निदान के लिए बुलाया गया था | .... शहर और गाँव के सभी गणमान्य लोगों को भी बुलाया गया ..............प्रशसनिक अधिकारी ...... माननीय सी . डी . ओ . साहब , एस . डी . एम . साहब अ चुके थे | ....लोग कम्बल पाने के लिए उताबले हो रहे थे | हमारे '' दानवीर '' पंकज पंकज भइया ने भी अपने इरादे साफ कर दिए थे .... की कम्बल सभी को मिलेगा ..............
भइया बेहद '' धार्मिक '' , '' उदार ह्रदयी '' एवं हम सब के चाहिते है ....................पूरा गाँव उनकी एक झलक देखने के लिए उमड़ा था ....... कम्बल वितरण का कार्य क्रम पुरे दिन चला..............वहीँ दूसरी तरफ ...... एक '' चौपाल '' लगा कर लोगों की समस्याएं प्रशासनिक अधिकारी सुन रहे थे........और तत्काल उन का निस्तारण कर रहे थे ...... चाहे वह जमीन की समस्या हो या पानी की या कोई भी ......... सभी का निस्तारण हो रहा था |
...... '' कम्बल वितरण समारोह और जन सेवा कार्यक्रम '' को संबोधित करते हुए ..... पंकज भैया ने कहा - '' कि ये ऐसा अवसर है .......जब हम सभी एकजुट होकर .... अपने ही वंचित , जरूरत मंद भाइयों के विषय में कुछ सोचते हैं ...... और उनकी मदद के लिए आगे बढ़ते हैं ....... इससे निर्धन साथियों में हौसला बढ़ता है ....... और उन्हें लगता है कि वे अपनी लड़ाई में '' अकेले '' नहीं हैं ..... इससे समाज में '' एकता '' की भावना बढती है ....और '' शांति '' की स्थापना होती है .....!
समारोह को सी . डी . ओ . मैनपुरी , एस . डी . एम , मैनपुरी .... बी . एस . ए . सहित कई अन्य गणमान्य अतिथियों ने संबोधित किया ...... गरीबों को इन .... गणमान्य अतिथियों के साथ साथ ...हमारी पूज्य '' अम्मा जी '' , '' बुआ जी श्रीमती शीला देवी '' , '' सत्यम न्यूज़ चैनल '' के चीफ एडिटर ह्रदेश सिंह , अनुज श्याम कान्त , हाई कोर्ट इलाहबाद के न्यायमूर्ति श्री रवेन्द्र सिंह के पिता श्री ..... '' प्राचार्य '' उषा दी ... आदि ने अपने हाथों से दान कर लोगों की दुआएं हासिल की !
गाँव के लोग इतने प्रभावित थे ........ की जिसे में बयां नहीं कर सकता.............सभी लोग दिल से दुआएं दे रहे थे |एसा अनोखा कार्य क्रम ...... हर समस्या से लोगों को निजत दिला रहा हो ........ जनपद में पहली बार देखा था लोग इस कर्यक्रम की भूरि भूरि प्रशंशा कर रहे थे .....................
इस कार्यक्रम में '' सत्यम न्यूज चेनल '' का विशेष योगदान रहा |मगर पूरे कार्यक्रम में ...... बड़े भइया माननीय श्री पवन जी की कमी खलती रही ............ वे कुछ व्यस्तताओं की बजह से नहीं पहुँच सके |......अगार वे भी होते तो इस कार्यक्रम में चार चाँद लग जाते ......... कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री श्री कृष्ण हमारे '' पिताजी '' , हरी कृष्ण , प्रमोद रत्न जी , मनीष , रवि , रमन जी का विशेष योगदान रहा |
* * * * * पुष्पेन्द्र सिंह
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