एक प्रिय नेह |
नवोदित रचनाकार और कवियत्री नेहा सिंह की रचनाओं में भावुक रूमानियत की सच्चाई स्पष्ट दिखाई पड़ती है !वास्तव में यही वे भावनाएं और जज़्बात हैं जो जिंदगी को खुबसूरत बनाते हैं , उसे कुछ मायने देते हैं !
नेहा सिंह की रचनाओं में उनकी स्वयं की संवेदनशील और चिन्तनशील युवती की छवि की स्पष्ट झलक दिखाई पड़तीहै! नेहा सिंह जो स्वयं मीरा बाई के व्यक्तित्व और कृतित्व से अतिशय प्रभावित हैं , स्वयं आधुनिक काल की मीरा बाई का अवतार प्रतीत हो रहीं हैं !
आधुनिक काल के वैचारिक और व्यावहारिक दोषों और तथाकथित "प्रगतिवादी साइड इफेक्ट्स " से कोसों दूर खड़ी नेहा सिंह एक पारंपरिक , सांस्कृतिक , मूल्यपरक और सेवा भाव से युक्त आदर्श चिन्तनशील और विचारवान भारतीय नारी की वह झलक देती हैं जो आज के तथाकथित आधुनिक समाज में दुर्लभ प्रायः सी हो गयी है ! नेहा सिंह " सिंह सदन '' के लिए एक आशा भी हैं और विश्वास भी !
नेहा सिंह की नवीन रचना उनके समर्पण भाव की विवेचना है , उसे इसी सहज अभियक्ति के रूप में देखने की आवश्यकता है ...तो काव्य रस का आनंद उठाते हुए आपकी प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा में ... आपका -------पंकज के . सिंह ( सम्पादक )
बिन तेरे मैं नहीं, जीवन नहीं !!
तुमसे जाना है तमन्ना प्रेम की कितनी हंसीं
मन की भाषा मैंने समझी तुम्ही तो मेरे हमनशीं I
मैं तो थी चंचल हवा, आकाश में ऊंचाई थी
पर थम गयी सब भूल कर, तुमने ये की जादूगरी I
तुम ही तुम हो फिर हूँ कहती ,और जीवन कुछ नहींI
तुमसे हूँ पल पल मैं जीती, बिन तेरे सांसें नहीं I
टूटे जो मजधार में, अब डोर ये मुमकिन नहीं I
अभिलाषा तुम, उद्देश्य तुम, तुम ही हो मंजिल मेरी I
संगीत तुम, श्रंगार तुम, हर रागिनी तुमसे मेरी I
हर एक पहर में तुम हो शामिल, बिन तेरे एक क्षण नहींI
दी खुशनसीबी वक़्त ने, हैं दूरियां दरमियान नहीं I
तुम ही तुम हो कहती रहूंगी , बिन तेरे मैं नहीं, जीवन नहीं !!
***** NEHA SINGH
***** NEHA SINGH
3 comments:
भैया,
ये आपका बडप्पन है.....
जो मुझसे लिख गया उससे कहीं अच्छा आपने लिखा है
पर शायद मैं इस काबिल नहीं हूँ,
आपका मेरे लिए अनुराग निर्मल है, इसलिए आपको मुझमे दोष नहीं दिखते.....
कल बेहया कह के दुत्कारा था मुझको,
कल बाबरी की प्रीत को जग ने उजाड़ा था,
सीरत मेरी बदली नहीं, नजरिये बदल गए,
अब सांवरे के प्रेम ने मीरा बना दिया मुझको l
बिटिया
तुमने बहुत सुन्दर लिखा
ये कारवां यूँ ही चलता रहे
बधाई .....
"पुष्प "
sundar..jhony
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