VOLUME ---- 8
SRI GYAN SINGH....
... हर तरह का काम वे गारंटी शुदा करते है | पुलिस हो या प्रशासन हर क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ है | वे कभी भी शारीरिक मेहनत नहीं करते शिर्फ़ दिमाग का इस्तेमाल करते है और काम पेंतीस कर देते है |
..... गीतकार पुष्पेन्द्र सिंह
......ज्ञान सिंह का दर्शन ज्ञान का दर्शन है... जिसके लिए उन्होंने वेद, योग, मीमांशा इत्यादि का अध्ययन किया है । उन्होंने कबीरदास जी की भांति वैवाहिक जीवन को ज्ञान एवं दर्शन में बाधा नहीं माना । उनके दर्शन का मूल आधार आशावादिता होने के साथ-साथ कर्म व परिणाम में अंतर्संबंध न होना है । उनके दर्शन की मूल व्याख्या इस संदर्भ में की जा सकती है कि वे सदैव पुलिस पद प्राप्ति की आशा करते रहे जिसके लिए उन्होंने कभी भी उचित कर्म नहीं किये । फलतः परिणाम उनकी आशाओं के विपरीत ही आता रहा।
......श्याम कान्त ( मशहूर पेंटर )
.... इन दो महान विभूतियों के बयान यह बताने के लिए काफी होने चाहिए कि आज हम किसी नायाब नगीने को आपके सामने पेश करने जा रहे हैं ... जी हाँ ...और ये महान बड़ी हस्ती हैं ...श्री ज्ञान सिंह जी ! उनका चरित्र- चित्रण करते हुए कई विशेषज्ञों ने तो उन्हें मानव सभ्यता का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पड़ाव तक कह दिया है !हमारा मानना है कि उनकी शारीरिक भाव - भंगिमाएँ उनकी पुरुषोचित लज्जा एवं शिष्टता इस युग की दुर्लभ घटनाएँ हैं जिन पर हमें नाज है !... तो आइये मिलते हैं श्री .ज्ञान सिंह से
COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD OF SRI GYAN SINGH JI ....
- 1. व्यक्तित्व * * 1.13
- 2. रिश्तों में मर्यादा एवं उत्तरदायित्व की भावना * * 1.44
- ३. जीवन मूल्यों के प्रति आग्रह * * 1
- ४. भौतिक उपलब्धियां * * 1
- ५. लोक जीवन एवं सार्वजनिक छवि * * 1.13
- ६. स्वास्थ्य एवं अनुशासन * * 1
- ७. जीवन में आध्यात्मिकता एवं चिंतन शीलता * 1
- ८ . सत्य का अनुश्रवण एवं सत्य का साथ देने की क्षमता * 1.06
- ९. जनहित एवं सेवा भावना * 1
- १०. आत्मविश्वास एवं प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने की क्षमता * * 1.38
- ११. निर्विकार एवं निर्दोषता * * 1
- १२. जिज्ञासु एवं नित नया सीखने की ललक * 1.19
- १३. रचनात्मकता * 1.12
- १४. वाक् निपुणता एवं भाषण शैली * 1.06
- १५ .आत्म द्रष्टि एवं दूरद्रष्टि * 1
- १६. साहस एवं निर्भीकता * 1.25
- १७. सिंह सदन के गौरव को बढ़ाने में योगदान * 1
- १८. अन्य सदस्यों को प्रेरित करने की नेतृत्व क्षमता * 1
- १९. प्रगतिशील द्रष्टिकोण एवं निरंतर प्रगति की ललक * 1
- २०. निस्वार्थ एवं कपट रहित जीवन * 1
TOTAL SCORE IS ..... 21.76
* * * * * PRESENTED BY PANKAJ- PUSHPENDRA / ASSOCIATE ANALYST- SHYAM KANT $ SACHIN SINGH
7 comments:
वाह बहुत खूब इस आदमी की विवेचना की गयी है ................
वैसे मै सीधे शब्दों में बताऊँ ये आदमी इस से ज्यादा नंबरों का हक़दार भी नहीं है ..........
निर्लज प्राणी ,और हटी किस्म का जीजा है ये ...................................................
चलो इसे बहाने हमें इनका आकलन करने का मौका तो मिला
जय हो ज्ञान सिंह की.shyamkant
हालाँकि मै इनको बचपन से जानता हूँ क्योंकि ये मेरे साथ ही पड़े थे ..........
वैसे ज्ञान सिंह बहुत शर्मीले और निकम्मे किस्म के है ..................
शुरू से ही वे किसी काम के नहीं रहे ......................
गिरी हुई शायरी के शौकीन इस आदमी ने हर जगह लजाया ही है ....
नमस्कार !
बटुक नाथ लल्लन प्रसाद........
k
इससे कम स्कोर और किसे का हो ही नहीं सकता .........
मै दावा दे सकता हूँ .....................................................
ज्ञान सिंह और सिंह सदन का हितैसी ...........................
नमस्कार !
राम बरन और ललपूता
इस का लेख आते ही मेरी आँखे भर आयीं .................
ये आज भी नहीं सुधरा ........................................
निगोड़ा .............................................................
सिंह सदन का प्रेमी और ज्ञान सिंह का दूर का नातेदार
नमस्कार !
रामलाहरिया
धरती पर जिन्दा अनोखी प्रजाति के प्राणी में शुमार
स्वामी ज्ञान सिंह का अनोखा कारनामा.........
सबसे कम नंबर आने पर बधाई........
और इससे ज्यादा उम्मीद भी नहीं थी
राम राम गुसाईं
सचिन सिंह
आदरणीय भैया
बहुत खूब कसौटी बहुत कसी हुई है
श्रीमान ज्ञान सिंह जी वाकई अदभुत व्यक्ति है
साथ ही साथ ये शायर भी है
इनकी शायरी का एक नायब शेर में यहाँ जरुर पेश करना चाहूँगा
कि "मालिक कि गाड़ी ड्राइवर का पसीना
चलती है रोड पे बनके हसीना "
"कम लिखा ज्यादा समझना"
बधाइयाँ ..............
ज्ञान सिंह के विषय में टीम ने काफी किफ़ायत से नंबर दिए हैं..... मुझे तो लगता है कि उनके नंबरों को 'रिएक्टर स्केल' पर नापना चाहिए था......! बहरहाल चार्वाक और आजीवक संप्रदाय के स्वयं भू कमांडर के रूप में उनका ज्ञान- दर्शन तारीफ़ के काबिल है.
पिंटू ने उनकी शायरी के विषय में अच्छा प्रकाश डाला है !
श्रंखला का प्रस्तुतीकरण अब बहुत मोहक हो गया है......!
PK
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