आज का दिन सिंह सदन के लिए एक एतिहासिक दिन है
२१ नवम्बर ,जी हाँ अब तो आप समझ गए होंगे .......आज परम श्रधेय बड़े भैया की शादी की ११ वीं
सालगिरह (Marrage Annyversary ) है | आज ही के दिन पवन (श्री राम) भैया और अंजू भाभी (सीता जी ) दांपत्य सूत्र में बंध कर एक हुए थे २१ नवम्बर का यह दिन भी अपने आप को गौरवशाली समझ रहा होगा
आज का दिन सिंह सदन से जुड़े हर एक शख्स के लिए यादगार दिन था |यह इस लिए कि घर में भइया सबसे बड़े थे और उनकी शादी का परिवार के हर सदस्य बेसब्री से इंतजार था और वाकई ये शादी यादगार बनी हमारे पुरे परिवार और कौम में इतनी भव्य शादी पहले किसी की नहीं हुई थी | मुझे तो शादी का हर लम्हा बखूबी याद है फिर वो चाहे शादी कि तैयारियां हों या भइया द्वारा मेरे लिए ग्रीन कलर का कोट पेंट लाना मैंने पहली बार
टाई भैया कि शादी में ही पहनी थी | आज भी जब शादी का वो जश्न याद आता तो लगता है मानो कल ही की बात हो |
खैर अब हम जरा भइया और भाभी की तरफ चलते है.............वर्षों से हमारी बुआ (कौशल्या माता ) की चाह थी की घर में ऐसी बहू आये जिस पर पूरे सिंह सदन को नाज हो एक कुशल ग्रहणी हो ,पाक कला में निपुण को ,मर्यादित हो ,सभी का सम्मान करे और पूरे परिवार को एक सूत्र में बांधे | अब ये सारे गुण एक व्यक्ति में होना संभव है ....? क्या मगर उनकी दृढ इच्छा उनकी तपस्या उनका ईश्वर पर अटूट विश्वास ने ऐसी बहू आज ही के दिन १९९९ में प्राप्त की |
हमारी भाभी श्रीमती अंजू (सीता जी ) इन सारे गुणों की खान है | उनके चरण कमल जिस दिन से हमारे सिंह सदन में पड़े है
खुशियों की बौछार हुई है सिंह सदन खिल उठा है ......हर रिश्ते को उन्हों ने बखूबी जिया है वे एक बेहतरी पत्नी ,एक प्यारी माँ,बेहतरीन भाभी , सर्वोत्तम बहू ,के रूप में सिंह सदन की इस बगिया को महका रहीं है| वह इस सिंह सदन की मजबूत दीवारों की पहली ईंट है |
जिन्हों ने अपना हर दाएत्त्व एसे निभाया है जैसे मानो आप ने सिंह सदन के लिए ही जन्म लिया हो ......... मुझे तो लगता है आप का और भइया का ये रिश्ता जन्मों जन्मों से चला आरहा है | आप को माता सीता कहना कदापि अतिश्योक्ति न होगा |
भैया(श्री राम )के बारे में क्या कहूँ वे तो साक्षत इस युग के अवतार है इस धरती पर.... मेरे पास वो ज्ञान कहाँ जो में उन्हें शब्दों में बाँध पाऊँ |
आप ने हर चरित्र को बहुत ही सुन्दरता से जिया है एक उत्तम पुत्र ,उतम पिता ,सर्वोतम भाई, और हर मानव रिश्ते के पर्याय है आप |
"तुम मर्यादा पुरुषोतम हो
पुरुषों में सबसे उत्तम हो "
मै आज यहाँ पर श्रीमान संत साहब की दूर द्रष्टि को सलाम करता हूँ | जिन्हों ने एक नज़र में हीरे को परख लिया और और अविलम्ब राम और सीता
को हजारों अडचनों के बाबजूद परिणय सूत्र में बांध दिया और सिंह सदन से नाता जोड़ कर राम (श्रीमान पवन जी )को पालिया |
भैया आप की और भाभी की जोड़ी यूँ ही जन्मों जन्मों तक बनी रहे और आपका आशीर्वाद मुझ पर और पूरे सिंह सदन पर यूँ ही बरसता रहे |
आपके और और भाभी के चरणों में मेरा प्रणाम ! " हैप्पी मेरिज एनीवर्सरी"
पूरे सिंह सदन की तरफ से करोडों बधाइयाँ ..................................!
प्रणाम स्वीकारें
पिंटू
(बाकी करेक्टर जैसे लक्ष्मण ,भारत ,शत्रुहन, का विश्लेष्ण जरी रहेगा पढ़ते रहें महा ग्रन्थ singhsadanblogspot .com )
1 comment:
खूब लिखा....यादगार शादी थी...भैया और भाभी की जोड़ी भी बेमिशाल है...नज़र न लगे...हम खुशनसीब है मैं उनका भाई और देवर हूँ...ये किसी तौफीक से कम नहीं है...वे अब आदर्श हो गएँ हैं.उनका हर काम प्रेरणा से भरा होता है जो हम सब को उर्जा प्रदान करता है....ऐसी जोड़ी को हमारी ढेरों शुभकामनायें.....शेरू.प्रिया.हृदेश.
Post a Comment