VOLUME--- 7
SRI VIMLESH KUMAR JI ....
मित्रों... आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं एक ऐसी शख्सियत ...जो संघर्ष - जीवटता और अनन्य निष्ठा की स्वयं ही एक मिसाल है ! बड़े भैया श्री पवन कुमार यदि उन्हें नियति से लड़ने वाला अदम्य योद्धा मानते हैं... तो गीतकार पुष्पेन्द्र सिंह उन्हें संघर्ष और साहस का प्रतीक मानते हैं !... ये शख्सियत हैं ..श्री विमलेश कुमार जी !
... हमारा मानना है कि उन्होंने वैवाहिक रीत- रिवाजों के संपादन में विशेषज्ञता हासिल कर रचनात्मकता के उच्च स्तर को छुआ है ! उनकी वजह से हम इस क्लिष्ट क्षेत्र में भी सम्पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो गए हैं !
इनका निर्माता इकाइयों ( MANUFACTURING UNITS ) से लगाव वैसा ही है ...जैसा भक्त से भगवान् का !.. इस महान कर्मयोगी को चिमनियों से निकलता धुआं ...और कारखानों में मशीनों क़ी गडगडाहट से उतना ही प्रेम है... जितना देश के प्रथम प्रधान मंत्री नेहरु जी को था!
.... तो आइये करते हैं ...नाप तौल इस बेजोड़ शख्सियत की ...
COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD OF SRI VIMLESH KUMAR JI ...
- 1. व्यक्तित्व * * 1.5
- 2. रिश्तों में मर्यादा एवं उत्तरदायित्व की भावना * * 1.75
- ३. जीवन मूल्यों के प्रति आग्रह * * 1.75
- ४. भौतिक उपलब्धियां * * 1.25
- ५. लोक जीवन एवं सार्वजनिक छवि * * 1.5
- ६. स्वास्थ्य एवं अनुशासन * * 1.25
- ७. जीवन में आध्यात्मिकता एवं चिंतन शीलता * 1.75
- ८ . सत्य का अनुश्रवण एवं सत्य का साथ देने की क्षमता * 1.5
- ९. जनहित एवं सेवा भावना * 1.5
- १०. आत्मविश्वास एवं प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने की क्षमता * * 1.75
- ११. निर्विकार एवं निर्दोषता * * 1.5
- १२. जिज्ञासु एवं नित नया सीखने की ललक * 1
- १३. रचनात्मकता * 1.5
- १४. वाक् निपुणता एवं भाषण शैली * * 1.25
- १५ .आत्म द्रष्टि एवं दूरद्रष्टि * 1.25
- १६. साहस एवं निर्भीकता * 1.25
- १७. सिंह सदन के गौरव को बढ़ाने में योगदान * 1
- १८. अन्य सदस्यों को प्रेरित करने की नेतृत्व क्षमता * 1
- १९. प्रगतिशील द्रष्टिकोण एवं निरंतर प्रगति की ललक * 1
- २०. निस्वार्थ एवं कपट रहित जीवन * 2
TOTAL SCORE IS ... 28.25
PRESENTED BY PANKAJ - PUSHPENDRA
2 comments:
संघर्ष - जीवटता और नियति से लड़ने वाले अदम्य योद्धा विमलेश कुमार जी का सटीक विश्लेषण के लिए मूल्याङ्कन टीम को बधाई...... पंकज सही कहा आपने, उनका निर्माता इकाइयों ( MANUFACTURING UNITS ) से , चिमनियों से निकलते धुएं और कारखानों में मशीनों क़ी गडगडाहट से उनका प्रेम अनन्य है !
बन्दूक लादे हुए उनके झुके हुए कंधे और समीप जाने पर उनके शरीर से पल्लवित होती बीड़ी की गंध उनके व्यक्तित्व के चरम का एहसास कराती है..... उनके ओढ़े हुए चद्दर के पास बैठने पर ऐसा महसूस होता है कि जैसे किसी पेठे की दुकान के पास से गुज़र गए हों......! बहरहाल इसके वाबजूद मुझे उनकी कजीवटता से प्यार है बहुत प्यार है..... गाँव के सामान्य स्कूल से पढने के वाबजूद उनकी अंग्रेजी और भूगोल के ज्ञान को मैंने तकरीबन बीस साल पहले समझा था.... यह अलग बात है कि समय के साथ उनकी प्रगति कम, उतार ज्यादा हुआ है. नगला खंगर- चंद्रपुर - दिल्ली-गाज़ियाबाद-बरेली- बदायूं से लेकर मैनपुरी तक का उनका इतिहास किसी जीवटता कि अद्भुत मिसाल से कम नहीं.
इन्तिज़ार है अगले व्यक्तित्व का..... महिलाएं पीछे छूट रही हैं..... !
PK
bahut khub bahiya
kaha apne shri vimlesh jija ji
ek dadamya sahas ke prichayak unka mashinon se prem bhi atut hai
unke is jajve ko me salam karta haun ....
aur apki is kasauti ko pranam karata haun
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