हम लिखेंगे भारत की
एक नई कहानी
जहाँ विविधता ने कर
रक्खी है मनमानी |
एक तरफ तो चाँद और सूरज
की है बातें
एक तरफ काटे है
भूखे बच्चे रातें |
सड़ते है खाद्यान
यहाँ की गोदामों में
रोटी की खातिर है
बंदूकें हाथों में |
हलधर है खामोश उसे
कुछ समझ न आता
बेटी होती बड़ी देख
फंसी चढ़ जाता |
भाग रहे है छोड़ छोड़
सब आंगन अपना
टूट रहा है, बापू के
गाँवों का सपना |
और भारत का भविष्य
फुटपाथ पे रोटी ढूढ रहा है
चलने को मुहताज है
फिर भी रेंग रहा है |
और चलेगा कबतक,
देश भगवान भरोसे
जूस पी रहे नेता जी
संसद में बैठे |
लोक तंत्र की उड़ा रहे
हंस हंस कर खिल्ली
मूरख जनता ने भेजा
हम को है दिल्ली |
3 comments:
bahut khub...hirdesh
just incredible ... no one is like you ...my dear pintu .. you have win my heart ..
******* PANKAJ K. SINGH
dear pintu
एक तरफ तो चाँद और सूरज
की है बातें
एक तरफ काटे है
भूखे बच्चे रातें |
..... क्या सच बयानी है. बहुत ही उम्दा गीत.....
PK
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