"........मैं ईंट गारे वाले घर का तलबगार नहीं,
तू मेरे नाम मुहब्बत का एक घर कर दे !.................."
कन्हैया लाल नंदन ने यह शेर जिस भी परिस्थिति में लिखा हो....मगर "सिंह सदन" के लिए यह मुकम्मल शेर है. रिश्ते सिर्फ संबोधन के लिए ही नहीं होते.....वे दरअसल जीने के लिए होते है......हर आदमी कभी किसी देहलीज़ पर भाई है तो किसी दर पर पति....हर औरत कहीं बहन है तो कहीं माँ......इन्ही रिश्तों में रची बसी कायनात को एक छत के अन्दर जिए जाने की कवायद ही है घर......."सिंह सदन" भी इसी कवायद का एक हिस्सा है........."सिंह सदन " से जुड़े हर एक शख्स और हर एक गतिविधि से परिचय करने के लिए ही ब्लॉग का सहारा लिया गया है ताकि जो भी लिखा जाए वो दिल से लिखा जाये.....और दिल से ही पढ़ा भी जाए.......!
really awsewome pics .....wat a beautiful home...!!! u made it...(specially interiour work is marvellous) even i wanna wait eagerly to see ur home...so plz tell when u will go again..i will definately come wid u...good job.. **** MINI ME
4 comments:
पिंटू के साथ तुम्हारी जुगलबंदी कहर ढा रही है. लाल रंग की टीशर्ट में पिंटू और तुम्हारा शोर्ट कुरता कमाल का लग रहा है......!
PK
अति सुंदर फोटो सब लोग यूंही मिलते रहे
तो सुकून आता है
आपके आने से घर में कितनी रौनक है
आप को देखें कभी अपने घर को देखें हम ....
श्यामकांत
really awsewome pics .....wat a beautiful home...!!!
u made it...(specially interiour work is marvellous)
even i wanna wait eagerly to see ur home...so plz tell when u will go again..i will definately come wid u...good job..
**** MINI ME
gud mrng bhaiyaaaas,
foto bhut achchi aayi hai,
ab aap bal bde kr lijiye fir dekhiye mja 4 guna bad jayega.
aur kachhu foton mai hme hu le leo kro bhaiya,akele hi sabro camera bhar de rhe ho.hmhu achche lagat hai.
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