VOLUME --18
MRS. SHEELA DEVI JI ...
*वे ही सही मायनों में हमारी प्रेरणा हैं.. हमारी बौद्धिकता उन्ही की सोच का परिणाम मात्र है !
----श्री पवन कुमार ( प्रख्यात प्रशासक, चिन्तक, लेखक एवं शायर )
* हम ईश्वर को धन्यवाद देते हैं की उसने न केवल हमे माँ दी.. वरन ऐसी माँ दी जिसने अपने वात्सल्य , स्नेह, प्रेम और संरक्षण से हर पल हमें तराशा... हमे जिंदगी से मुकाबला करना सिखाया...मूल्यों और नैतिकता का पाठ न केवल लगातार पढ़ाया , बल्कि उसे अच्छी तरह रटाया... आज हम सभी भाई ज़िन्दगी में जो भी कुछ जाने हैं... सीखे हैं...किसी लायक हो पाए हैं .....सब हमारी माँ की दुआओं .. उनकी रात दिन की प्रार्थनाओं का ही असर है !
...... पंकज के .सिंह ( एडिटर,CPTR-2011,क्रिकेटर एवं फिल्म क्रिटिक )
* उनके जैसी माँ किस्मत वालों को ही मिलती है |
........पुष्पेन्द्र सिंह (जाने माने गीतकार एवं एसोसियेट एडिटर CPTR-2011 )
....साथियों माँ के विषय में जितना कहा जाता है ... उससे हज़ार गुना अधिक महसूस किया जाता है ! माँ एक ऐसा शब्द है जिसे किसी शाब्दिक व्याख्या में शायद ही पूर्णतः बांधा जा सके !
..सिंह सदन के कुशल संचालन में उनकी भूमिका एक बेहतरीन प्रशासक जैसी रही है ! कभी तो वे एक जीवत योद्धा जैसी होती हैं ..तो कभी वात्सल्य पूर्ण स्त्री ...कभी वे आध्यात्मिक चिंतन में सराबोर एक विदुषी महिला लगती हैं तो अगले ही पल स्वयं में उलझी एक सामान्य नारी ! कुल मिलाकर उनमे जीवन और इंसानी संवेदनाओं के सभी मुमकिन रूप -रंग दीखते हैं !
... तो आइये आज अपनी सीमाओं को लांघते हुए व क्षमा मांगते हुए परखते हैं माताश्री को ....
COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD OF MRS. SHEELA DEVI JI ....
MRS. SHEELA DEVI JI ...
*वे ही सही मायनों में हमारी प्रेरणा हैं.. हमारी बौद्धिकता उन्ही की सोच का परिणाम मात्र है !
----श्री पवन कुमार ( प्रख्यात प्रशासक, चिन्तक, लेखक एवं शायर )
* हम ईश्वर को धन्यवाद देते हैं की उसने न केवल हमे माँ दी.. वरन ऐसी माँ दी जिसने अपने वात्सल्य , स्नेह, प्रेम और संरक्षण से हर पल हमें तराशा... हमे जिंदगी से मुकाबला करना सिखाया...मूल्यों और नैतिकता का पाठ न केवल लगातार पढ़ाया , बल्कि उसे अच्छी तरह रटाया... आज हम सभी भाई ज़िन्दगी में जो भी कुछ जाने हैं... सीखे हैं...किसी लायक हो पाए हैं .....सब हमारी माँ की दुआओं .. उनकी रात दिन की प्रार्थनाओं का ही असर है !
...... पंकज के .सिंह ( एडिटर,CPTR-2011,क्रिकेटर एवं फिल्म क्रिटिक )
* उनके जैसी माँ किस्मत वालों को ही मिलती है |
........पुष्पेन्द्र सिंह (जाने माने गीतकार एवं एसोसियेट एडिटर CPTR-2011 )
....साथियों माँ के विषय में जितना कहा जाता है ... उससे हज़ार गुना अधिक महसूस किया जाता है ! माँ एक ऐसा शब्द है जिसे किसी शाब्दिक व्याख्या में शायद ही पूर्णतः बांधा जा सके !
..सिंह सदन के कुशल संचालन में उनकी भूमिका एक बेहतरीन प्रशासक जैसी रही है ! कभी तो वे एक जीवत योद्धा जैसी होती हैं ..तो कभी वात्सल्य पूर्ण स्त्री ...कभी वे आध्यात्मिक चिंतन में सराबोर एक विदुषी महिला लगती हैं तो अगले ही पल स्वयं में उलझी एक सामान्य नारी ! कुल मिलाकर उनमे जीवन और इंसानी संवेदनाओं के सभी मुमकिन रूप -रंग दीखते हैं !
... तो आइये आज अपनी सीमाओं को लांघते हुए व क्षमा मांगते हुए परखते हैं माताश्री को ....
COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD OF MRS. SHEELA DEVI JI ....
- 1. व्यक्तित्व ** 2
- 2. रिश्तों में मर्यादा एवं उत्तरदायित्व की भावना * * 2.25
- ३. जीवन मूल्यों के प्रति आग्रह * * 2.25
- ४. भौतिक उपलब्धियां * ** 3.00
- ५. लोक जीवन एवं सार्वजनिक छवि * * 2.5
- ६. स्वास्थ्य एवं अनुशासन * * 2.5
- ७. जीवन में आध्यात्मिकता एवं चिंतन शीलता *** 3.5
- ८ . सत्य का अनुश्रवण एवं सत्य का साथ देने की क्षमता * 1.5
- ९. जनहित एवं सेवा भावना * 1..88
- १०. आत्मविश्वास एवं प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने की क्षमता * * 2.13
- ११. निर्विकार एवं निर्दोषता * 1. 5
- १२. जिज्ञासु एवं नित नया सीखने की ललक * * 2.38
- १३. रचनात्मकता * *2.5
- १४. वाक् निपुणता एवं भाषण शैली * * 2.25
- १५ .आत्म द्रष्टि एवं दूरद्रष्टि * 2.25
- १६. साहस एवं निर्भीकता * 1.88
- १७. सिंह सदन के गौरव को बढ़ाने में योगदान * 2.75
- १८. अन्य सदस्यों को प्रेरित करने की नेतृत्व क्षमता * 1.63
- १९. प्रगतिशील द्रष्टिकोण एवं निरंतर प्रगति की ललक * 1.75
- २०. निस्वार्थ एवं कपट रहित जीवन *1. 5
- TOTAL SCORE IS ..... 43.90
STATUS REPORT-- एक हर द्रष्टि से सफल नारी जिसने जीवन के इतने रंग और उतार- चढ़ाव देखे हैं जो शायद ही एक जीवन में किसी को देखना नसीब हो समाज और कुटुंब के लिए वे एक LIVING LEGEND सरीखी हैं !
CADRE --- विदुषी, साध्वी ,चिन्तक !
NEGATIVE FACTOR--- उनमे जो भी दोष हैं वास्तव में वे एक स्त्री के जैविक -मनोवैज्ञानिक दोष हैं जिनसे पार पाना आसान नहीं है ... फिर भी ये अवश्य है कि अपने सार्वजनिक उच्च स्तर के अनुकूल न्यायप्रियता, तटस्थता और निर्लिप्तता दिखाने में वे कई बार बुरी तरह चूक जाती हैं ! मोह और इच्छाओं की कामना ने उनके महान व्यक्तित्व पर हलकी धूल डाल रखी है !
MODEL --- KUNTI + INDIRA GANDHI
*****PRESENTED BY PANKAJ K. SINGH(EDITOR,CPTR-2011) & PUSHPENDRA SINGH (ASSOCIATE EDITOR, CPTR- 2011)
3 comments:
आदरनीय भैया
सर्व प्रथम आपको चरण वंदन करते हुए
में कहना चाहता हूँ .....
की वे वास्तव में विश्व की टॉप १० महिलाओं में शामिल की जासकती है मैंने अपने जीवन में उनके जैसी महान स्त्री दूसरी नहीं देखी
आज जो सिंह सदन का झंडा बुलंदी छु रहा है ये उनके खून पसीने पर टिका है
मै तो उन्हें अपना आदर्श मानता हूँ | और आज में जो भी कुछ हूँ उन्ही की बदोलत हूँ
उन्होंने जितना स्नेह जोनी श्यामू को किया उतना ही मुझे भी किया है... मुझे कभी महसूस
ही नहीं हुआ की वे मेरी बुआ है मैंने उनमे हमेशा अपनी माँ को पाया
उन्हों ने जीवन में अपने लिए कुछ नहीं किया हम सभी भाईयों को बनाने में अपना पूरा जीवन
अर्पित कर दिया | मै उस परम पिता का शुक्रगुज़ार हूँ की मै ऐसी महान विदुषी बुआ का भतीजा हूँ |
मै उनसे और इश्वर से प्रार्थना करता हूँ की मुझे उनकी सेवा का एक अवसर प्रदान करे ताकि मै अपना ये जीवन
और परलोक दोनों सफल कर सकूँ |
मै अपना सर उनके श्री चरणों में रख कर अपनी किसी भी अनजानी भूल के लिए उनसे पूर्ण ह्र्दय से माफ़ी मागता हूँ |
और उन्हें कोटि कोटि प्रणाम करता हूँ |
जय सिंह सदन ...
विदुषी, साध्वी ,चिन्तक के रूप में मम्मी का एकदम बेबाक विश्लेषण कर एक बार आपने अपने तठस्थ चिन्तक और अच्छे मनोवैज्ञानिक होने का प्रमाण दिया है.......! बहुत खूब. सच यही है कि मम्मी ने सिंह सदन को जो आधार दिया है वो आज की इमारत की पूर्व कहानी है. मैं क्या कोई उनके ऋण से उबार नहीं पायेगा. कठिन परिस्थितियों में लिए गए उनके निर्णय ही खुशनुमा आज के आधार हैं..... उनकी बातें उनकी सीख सब कुछ हम सबके मानस पटल पर जस की तस अंकित है......!
मानवीय दोषों से कौन बचा है.... स्वयं देवता भी नहीं, तो इस वजह से उनके चरित्र में कमी नहीं निकली जा सकती.
हम सौभाग्शाली हैं जो उनके जैसी मान है.
PK
POOJYA GURU MAA SHEELA DADI JI KE PAAWAN CHARNO MEIN SHAT-2 NAMAN..
VAASTAV MEIN WOH HI DIVYA MAA HAI JISKI WAJAH SE SINGH SADAN KE BACCHE DUNIYA MEIN NAAM ROSHAN KAR RAHE HAI.
HUM SAB PAR YUH HI PYAAR BARSATI RAHO....MAA
SACHIN SINGH
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