VOLUME --21
MRS. USHA DEVI JI...
वे एक आदर्श अर्धांगिनी हैं ... और घर परिवार का बढ़िया संचालन करने वाली एक हुनरमंद सुघड़ स्त्री भी हैं ... मानो इतनी खूबियाँ भी कम पड़ रहीं थी... सो वे एक कर्मठ कर्तव्यनिष्ठ काम काजी महिला भी बन गयीं ! उन्होंने ही ''सिंह सदन'' परिवार की महिलाओं को शिक्षा और रोज़गार की ''नयी रौशनी'' से परिचित कराया !
...... पंकज के .सिंह ( एडिटर,CPTR-2011,क्रिकेटर एवं फिल्म क्रिटिक )
उषा दी एक बेहद सह्रदय... एवं ममत्व से समृद्ध स्त्री हैं ! वे हम सभी भाइयों को बहुत प्रेम करती हैं ...हमारा बड़ा ख्याल रखती हैं ! हमारी खुशियों और सफलताओं के लिए वे सदैव दुआ करती हैं !
........पुष्पेन्द्र सिंह (जाने- माने गीतकार एवं एसोसियेट एडिटर CPTR-2011 )
वे वाकई शानदार हैं ! उन्होंने एक स्त्री के रूप में कई भूमिकाओं को जिया है .... और हर भूमिका के साथ न्याय किया है ! वे जहाँ एक बेहतरीन माँ हैं वहीँ एक संवेदन शील बहन भी हैं ...
----श्री पवन कुमार ( प्रख्यात प्रशासक, चिन्तक, लेखक एवं शायर )
वे ठीक अपने नाम की तरह हैं .... वे आशा और विश्वास की प्रतीक हैं .... '' सिंह सदन '' में '' नवोदय '' की किरण वे ही लेकर आयीं .... वे और कोई नहीं ..... हमारी प्रिय बड़ी बहन ... श्रीमती उषा जी हैं !
....वे जहां अम्मा की तरह प्रखर उर्जा वान एवं स्म्रतिवान हैं.... वहीँ माताश्री की तरह कठोर एवं जागरूक माँ हैं! वे जिया की तरह निर्विकार, निस्वार्थ एवं निर्दोष हैं ..वहीँ भाभी की तरह मेधावी एवं उपयुक्त लोक व्यवहार की समझ रखने वाली हैं !
.... हमारा दावा है की आपने गुणों का ऐसा दुर्लभ संगम (Deadly combination) शायद ही अन्यंत्र कहीं देखा हो... तो आइये खड़े होकर भरपूर सम्मान देते हुए स्वागत करते हैं one & only उषा दी का .....
COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD OF MRS. USHA DEVI JI ....
MRS. USHA DEVI JI...
वे एक आदर्श अर्धांगिनी हैं ... और घर परिवार का बढ़िया संचालन करने वाली एक हुनरमंद सुघड़ स्त्री भी हैं ... मानो इतनी खूबियाँ भी कम पड़ रहीं थी... सो वे एक कर्मठ कर्तव्यनिष्ठ काम काजी महिला भी बन गयीं ! उन्होंने ही ''सिंह सदन'' परिवार की महिलाओं को शिक्षा और रोज़गार की ''नयी रौशनी'' से परिचित कराया !
...... पंकज के .सिंह ( एडिटर,CPTR-2011,क्रिकेटर एवं फिल्म क्रिटिक )
उषा दी एक बेहद सह्रदय... एवं ममत्व से समृद्ध स्त्री हैं ! वे हम सभी भाइयों को बहुत प्रेम करती हैं ...हमारा बड़ा ख्याल रखती हैं ! हमारी खुशियों और सफलताओं के लिए वे सदैव दुआ करती हैं !
........पुष्पेन्द्र सिंह (जाने- माने गीतकार एवं एसोसियेट एडिटर CPTR-2011 )
वे वाकई शानदार हैं ! उन्होंने एक स्त्री के रूप में कई भूमिकाओं को जिया है .... और हर भूमिका के साथ न्याय किया है ! वे जहाँ एक बेहतरीन माँ हैं वहीँ एक संवेदन शील बहन भी हैं ...
----श्री पवन कुमार ( प्रख्यात प्रशासक, चिन्तक, लेखक एवं शायर )
वे ठीक अपने नाम की तरह हैं .... वे आशा और विश्वास की प्रतीक हैं .... '' सिंह सदन '' में '' नवोदय '' की किरण वे ही लेकर आयीं .... वे और कोई नहीं ..... हमारी प्रिय बड़ी बहन ... श्रीमती उषा जी हैं !
----ह्रदेश के सिंह (जाने माने लेखक, पत्रकार और संपादक )
..वास्तव में उषा दी में एक आदर्श स्त्री होने के लिए आवश्यक सभी गुण विद्यमान हैं !वे अम्मा श्री, जियाश्री, माता श्री एवं भाभी श्री के बेहतरीन गुणों का मिश्रण हैं !
....वे जहां अम्मा की तरह प्रखर उर्जा वान एवं स्म्रतिवान हैं.... वहीँ माताश्री की तरह कठोर एवं जागरूक माँ हैं! वे जिया की तरह निर्विकार, निस्वार्थ एवं निर्दोष हैं ..वहीँ भाभी की तरह मेधावी एवं उपयुक्त लोक व्यवहार की समझ रखने वाली हैं !
.... हमारा दावा है की आपने गुणों का ऐसा दुर्लभ संगम (Deadly combination) शायद ही अन्यंत्र कहीं देखा हो... तो आइये खड़े होकर भरपूर सम्मान देते हुए स्वागत करते हैं one & only उषा दी का .....
COMPREHENSIVE PERSONALITY TEST REPORT CARD OF MRS. USHA DEVI JI ....
- 1. व्यक्तित्व ** 2.50
- 2. रिश्तों में मर्यादा एवं उत्तरदायित्व की भावना * * 3.10
- ३. जीवन मूल्यों के प्रति आग्रह * * 3.00
- ४. भौतिक उपलब्धियां * ** 2.75
- ५. लोक जीवन एवं सार्वजनिक छवि * * 3.10
- ६. स्वास्थ्य एवं अनुशासन * * 2.75
- ७. जीवन में आध्यात्मिकता एवं चिंतन शीलता ***2.38
- ८ . सत्य का अनुश्रवण एवं सत्य का साथ देने की क्षमता * 2.55
- ९. जनहित एवं सेवा भावना * 2.50
- १०. आत्मविश्वास एवं प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने की क्षमता * * 2.63
- ११. निर्विकार एवं निर्दोषता * 4.00
- १२. जिज्ञासु एवं नित नया सीखने की ललक * * 2.60
- १३. रचनात्मकता * *2.75
- १४. वाक् निपुणता एवं भाषण शैली * * 2.55
- १५ .आत्म द्रष्टि एवं दूरद्रष्टि * 2.65
- १६. साहस एवं निर्भीकता * 2.55
- १७. सिंह सदन के गौरव को बढ़ाने में योगदान * 2.70
- १८. अन्य सदस्यों को प्रेरित करने की नेतृत्व क्षमता * 2.75
- १९. प्रगतिशील द्रष्टिकोण एवं निरंतर प्रगति की ललक * 2.60
- २०. निस्वार्थ एवं कपट रहित जीवन *4.00
- TOTAL SCORE IS ..... 56.41
- STATUS REPORT-- हमारा मानना है की उषा दी सिंह सदन के लिए एक नायाब नगीना हैं !स्त्री के जितने भी मुमकिन रूप हैं ..वे हर रूप में बेजोड़ हैं, सफल हैं ! वे हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं !
- CADRE --- कर्मयोगी , मेधावी ,पूर्ण दोषरहित !
- NEGATIVE FACTOR-- मैं तो उनमे कोई दोष नहीं देखता... वे हर द्रष्टि से सम्माननीय ही हैं !
- MODEL --- सीता,एनी वेसेन्ट, सिस्टर निवेदिता !
- *****PRESENTED BY PANKAJ K. SINGH(EDITOR,CPTR-2011) & PUSHPENDRA SINGH (ASSOCIATE EDITOR, CPTR- 2011)
3 comments:
वाह इतने सारे पॉइंट तो वही ले सकती है
वाकई वे जियाश्री, माता श्री एवं भाभी श्री के बेहतरीन गुणों का मिश्रण हैं !
उनके जैसी बहन पाना गर्व की बात है
उन्हें ढेरों बधाइयाँ
बेहतरीन लेखन के लिए प्रणाम स्वीकारें
उनकी ममता का में एक वाकया अवश्य बताना चाहूँगा
बात उस समय की है जब में कक्षा ६ में पढता था
विश्वनाथ प्रताप सिंह जूनियर हाईस्कूल भुपतिपुर में जो की
घर से करीब ३ किलोमीटर है में स्कूल जाने में हमेशा ही कतराता रहा हूँ उस दिन भी में गोला मरना चाहता था पर
दीदी ने मेरी एक न मानी और मुझे जबरदस्ती तैयार कर के स्कूल भेजा |
मै गुस्सा बहुत जल्दी हो जाता था आजभी मै गुस्सा गया और बिना नाश्ता किये
स्कूल जाने लगा जबकि दीदी मेरे लिए मेरा फेवरेट नाश्ता नमक जीरा ने पराठे
और दही बना रही थी पर मैने नहीं खाया मै बहुत जिद्दी था |
जब में स्कूल जाने लगा तो दीदी जबरदस्ती मुझे पकड कर नाश्ता करा रही थी
पर मैने कुछ नहीं खाया और टिफिन भी नहीं लिया दीदी मेरे पीछे दौड़ रही थी
कि मै टिफिन तो लेता जाऊ पर मैने नहीं सुना कई बार उन्होंने मेरा बैग भी छीना
पर मैंने नहीं सुना दीदी रो रही थी और रोते रोते मेरे पीछे पीछे दौड़ रही थी |
दीदी मेरे पीछे पीछे आधी दुरी तक गयी और फिर थक वही नाले कि पुलिया पर बैठ गई और मुझे तब तक देखती रही जब तक में उनकी आँखों से ओझल नहीं हो गया उन्हें उम्मीद थी कि शयद में लौट आऊं|
शाम को जब में घर आया तो पता चला कि दीदी ने भी सुबह से कुछ नहीं खाया..... तो मुझे बेहद अफ़सोस हुआ उस दिन
को मैंने अपने सीने में कैद कर लिए और उनका दर्द आज भी महसूस करता हूँ तो ऑंखें अपने आप भर आती है |
अपनी उस बेवकूफी के लिए शायद में अपने आप को कभी माफ़ न कर पाऊं मैंने उस समय भी
दीदी आपके वो बड़े बड़े आंसू आज भी मेरे सीने में नश्तर कि तरह चुभते है |
दीदी हो सके तो अपने इस जिद्दी भाई को माँफ करदेना
पिंटू
उषा दीदी को सादर प्रणाम.
यह सही है कि सिंह सदन की जितनी भी शख्सियतें हैं उनमे उषा दी' का जवाब नहीं. मेरा उनसे रिश्ता बहुत अन्तरंग रहा है.... उम्र में काफी फासला होने के बावजूद उनसे हरेक बात पर स्वस्थ विचार विमर्श होता रहा है.
उनकी शादी (1980appx.) की कतिपय घटनाएँ याद हैं कि मैंने बबलू- दामोदर-लक्कू के साथ मिलकर किस तरह रंगीन कागजों की झंडियाँ बनाई थीं और कैसे उन्हें सुतली में बाँध कर तोरण द्वार सजाये थे...... कैसे जीजाजी आये थे और हम सबने मिलकर उनकी आगवानी की थी..... तीन दिन तक बारात रुकी थी हमने क्या क्या मज़े किये..... ! वक्त गुज़रा चीज़ें तब्दील हुईं मगर दी' का अंदाज़ नहीं बदला वही बड़प्पन -प्यार-स्नेह-ममता- मित्रता....!
गुज़रा समय उनके स्वस्थ को लेकर ठीक नहीं रहा.... मगर यह वक्त भी गुज़र जाएगा.
अब इससे बड़ी उनकी महानता और क्या होगी कि जिस रात वे अपने पैरों पर फिसलीं उस सारी रात वे इसलिए चुपचाप अपना दर्द
सहती रहीं कि रात में बच्चों को जगाने उनकी नींद में खलल पड़ेगी....! उनके जैसी मान- बहन- भाभी- बहु-पत्नी सबको नहीं मिलती हम जैसे किस्मत वालों कि ही मिलती है.
पिंटू का प्रसंग बहुत मार्मिक है.... पंकज का लेख अविस्मरनीय है. CPTR की जितनी तारीफ़ की जाए उतनी कम.
PK
Incredible post for incredible women of singh sadan.
Pujya bua ji ke pawan charno mein shat-2 naman...
sachin singh
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