प्रियजनों,
सिंह सदन के ओफिसिअल ब्लॉग पर मैं पंकज के. सिंह आपका हार्दिक स्वागत करता हूँ !
इस "ब्लॉग" पर लिखते हुए मुझे बेहद ख़ुशी हो रही है ! " सिंह सदन " के सदस्य के रूप में मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूँ .... मुझे सह्रदय माँ , " सरपरस्त " बड़े भाई का सहारा मिला , पिता से अच्छे सबक मिले, छोटे प्यार करने वाले आज्ञाकारी भाई जोनी ,श्यामू , पिंटू ने मुझे मजबूती दी .... इन के साथ भाभी के रूप में एक वरदान मिला है ....हमारे लिए वे माँ के बराबर ही हैं........प्रिया...इशिका....संदीप.. ....दिलीप..चिंटू...बिटिया...डॉक्टर साब ... रत्न साहब ...लक्ष्मी...गौरी...उषा दी ...... इन सबके बारे मैं क्या कहू ....ये सब दिल के बेहद करीब हैं !
इस ब्लॉग पर धीरे - धीरे बड़ा मज़ा आ रहा है क्योंकि जिन्हें आप दिल से प्यार करते हैं..... उनके बारे में आप सैकड़ों घंटे बात कर सकते हैं ....पूरी - पूरी किताब लिख सकते हैं .....आज मैं इस ब्लॉग पर सबसे पहले चंद अशआर अपनी सबसे प्रिय ....सबकी दुलारी....सिंह सदन की बार्बी डॉल ....''.लीची'' को बड़े प्यार के साथ भेंट करता हूँ....
तुम्हारी बातें अच्छी हैं, तुम्हारी रूह अच्छी है.......... जुबां से दिल की बातें बोलती हो ! !
हमें क्या फर्क पड़ता है कटीले जंगलों से .......... वहीँ बन जाएगा गुलशन जहां तुम खेलती हो ! !
तुम्हारी बातें मीठी हैं हमें न इनमे उलझाओ .......... शरारत तुमको करनी है , हमें क्यूँ बोलती हो ! !
कुछ ऐसी बातें हैं , तुम्हे नाराज़ करती हैं ............. नहीं करती शिकायत बस नज़र से बोलती हो ! !
तुम अपने छोटे क़दमों से ये दुनिया नाप सकती हो ................. ज़रा धीमे चलो , क्यूँ नाहक दौड़ती हो ! !
अनेकों मुश्किलें हैं , मुश्किलों का एक हल ....तुम हो ................. निपट लेंगे हम इनसे , क्यूँ अभी से सोचती हो ! !
तुम ही तुम हो नज़र में , ये दुनिया तुम से रोशन है .............. नहीं यूँ ही तुम्हारा नाम लीची है.. शहद सा घोलती हो ! !
फिर मिलेंगे प्रियजनों .... आप का हमराह.... हमकदम ... हमसफ़र... पंकज के. सिंह !
4 comments:
वाह वाह भैया
बहुत ही बेहतरीन पंक्तियाँ
आप का यह रचनात्मक रूप देख कर इतनी ख़ुशी हुई है जिसे में
बयां नहीं कर सकता |वाकई बहुत मजा आनेवाला है इस ब्लॉग पर
अभी तो शुरुआत है |
पहली पोस्ट पर लख लख बधाइयाँ..............................
My voice also follows the voice of Dy-Editor of Singh Sadan Blog Pushpendra Singh.
Pawan Kumar....
THANKS TO ALL MY LOVING BROTHERS...
बहुत ही प्यारी सी कविता है...इस घरेलु ब्लॉग की आत्मीयता देख कर मन गदगद हो गया. मुझे लगता है की इस नयी शुरुआत से और भी लोगों को "घर भर का ब्लॉग" बनाने की प्रेरणा मिलेगी. परिवार में आपसी संवाद को बढ़ाने और एक-दुसरे के प्रति अपनी आत्मीय भावनाओं को जताने के लिए भी यह एक अच्छा मंच साबित होगा. ढेर सारी शुभकामनाएँ.
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