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Tuesday, July 31, 2012

हाथ आपका काँधे पर ........


हाथ आपका काँधे पर 
महसूस हमेशा होता है 
इसीलिए  ये जर-जर मन
हर बारिश तूफान सहता है  
तुम हो शक्ति पुंज सूरज का 
मै अंधकार का कतरा हूँ 
ऊँगली पकड के बड़ा हुआ हूँ 
साये में अब जीता हूँ 
आपके अहसानों का अमृत 
सर से बहता रहता है 
हाथ आपका काँधे पर 
महसूस हमेशा होता है 
जब भी गिरा कहीं धरती पर 
तुमने आकार थामा हाथ 
नाम तुम्हारा लेने भर से 
बन जाती है बिगड़ी बात 
सदा आप है साथ हमारे 
दिल ये कहता रहता है 
हाथ आपका काँधे पर 
महसूस हमेशा होता है |

2 comments:

PANKAJ K. SINGH said...

very well written ..

Anonymous said...

ati sundar..
hirdesh