महफ़िल की इस श्रृंखला में आज हाज़िर हैं सिंह सदन के युवा सदस्य संदीप सिंह......! संदीप यूँ तो बहुत ही मेहनतकश इंसान हैं. उन्होंने बीते पांच सालों में अपनी मेहनत और परिवार के प्रति जिम्मेदारी निभाकर अपने होने का एहसास दिलाया है. उनकी सबसे ख़ास बात यह है कि वे हरेक काम को बड़ी मेहनत और ईमानदारी से करते हैं.....! उनके संगीत प्रेम की बात चली तो उन्होंने बताया कि वे अपने मामा यानी श्यामकांत से काफी प्रभावित हैं..... वे यह भी कहते हैं कि चूँकि हम दोनों की उम्र में बहुत अंतर नहीं है सो हमारी आपस में बहुत पटती है. उनके संगीत प्रेम में भी इसी बात की गवाही मिलती है....... संदीप ने अपने प्रिय गीत को अपने मामा श्यामू को ही समर्पित किया है.....!
संदीप को कालजयी फिल्म शोले का गीत "ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे" बहुत पसंद है....शोले 15 अगस्त 1975में रिलीज़ हुयी थी. शुरुआत में इस फिल्म को ठंडा रेस्पोंस मिला था मगर एक हफ्ते के बाद इस फिल्म की लोकप्रियता ऐसी हुयी कि यह फिल्म हिंदी सिनेमा में एक मील का पत्थर साबित हुयी. संदीप के इस पसंदीदा गीत को किशोर कुमार और मन्ना डे ने गया था जबकि संगीत था आर डी बर्मन का. यह गीत 1976 की सिबाका संगीत माला में नवें पायदान पर रहा था.
"इस गीत में मैं खुद को वीरू और श्यामू मामा को जय महसूस करता हूँ" - संदीप
वे बताते हैं कि जब भी हम दोनों (श्यामू और वे) साथ होते
हैं तो यही गीत गाते हैं. बता दें कि यह गीत अमिताभ और धर्मेन्द्र पर
फिल्माया गया था.... वीरू और जय की यह जोड़ी आज भी हर जुबां पर है..... !
सिंह सदन की जय वीरू की इस जोड़ी को सलाम करते हुए हाज़िर है यह गीत---
3 comments:
agar ye dosti kitabon se hoti to or rang dikhati...hirdesh
wah sandeep kya khub likha hai.bhut achcha.
chintu
a great poem . every word of this song is full of imotions. congrats
Post a Comment