tag:blogger.com,1999:blog-1617823852097654342.post951543183188249077..comments2023-09-24T21:27:01.673+05:30Comments on SINGH SADAN....A HUT UNDER THE SKY !: सुनहरी यादें...अचलगंज की ! (पार्ट- 1)SINGHSADANhttp://www.blogger.com/profile/11388968142103925510noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1617823852097654342.post-21172383777763727582012-09-03T01:18:42.926+05:302012-09-03T01:18:42.926+05:30पुरानी यादें
वाह!!! अपने गांव का नाम देखा तो हमा...पुरानी यादें <br />वाह!!! अपने गांव का नाम देखा तो हमारी यादें भी अतित की पुरानी फिल्म की तरह एक एक चित्र सामने आने लगा |<br />अचलगंज में एक प्रराईमरी पाठशाला, एक कन्या विध्यालय था | आज का आदर्श कालेज आदर्श विध्यालय था | 10वी तक पढाई होती थी वह् भी केवल आर्ट साईड से | बात 1970 के आस् पास की है, हम अपने जिले में खेल-कूद में अपने विध्यालय का प्रतिनित्व करतें थे | ब्लॉक लेवल पर तो हम 100 मीटर 200 मीटर और हाई जम्प के चैंपियन थे | और पीछे याद करे तो, ब्लॉक ऑ़फिस का उद्घाटन भी तो हम शामिल हुए थे उस दिन विध्यालय से छुटाटी मिलीं थी | मुख्यमंत्री हेमवती बहुगुणा जी का हेलिकाप्टर ब्लाक के पीछे वाले खेत में उतर गया था | और वह् पीछे से भागते हुए आए थे | हमारे गाँव में बड़े बड़े नेता आए थे | एक बार जब मिशेज इंदिरा गाँधी जब गाँव से होकर रायबरेली जा रही थी ,हमारा तख्त उनको बैठने को दिया गया था वह् तख्त आज भी उनकी याद में सुरक्षित है | इमेर्जैन्सी में काँग्रेस का विरोध पूरा गाँव कर रहा था शम्भू हलवाई की दुकान के ऊपर ऑ़फिस से जनता दल का प्रचार सब याद है| अचलगंज रेलवे स्टेशन सबसे सुंदर रेल्वे स्टेशन माना जाता था | स्टेशन मास्टर और अन्य स्टाफ के लिए क्वार्टर बने थे | रामेश्वर बाबा का मन्दिर तो पूरे क्षेत्र में प्रशिध है पर उस समय राजा का कुवाँ जैसा कुवाँ पूरे जिले में नही था जिसमें सोने के घडे होने कि बात पुराने लोग कहते थे | भदई का मेला, रामलीला पूरे क्षेत्र में प्रशिध था | होली मे बबुवा हलवाई और मून काने का हुड्दंग देखने लायक होता था | मून काने का शुर्पणखा का पाठ मनोरंजन पूर्ण होता था | दुल्लू दीक्षित और उनके भाई का राम और लक्ष्मण का पाठ प्रसंशनीय था | उस समय रजनू हलवाई की चाट बहुत बिकती थी | और पीछे याद करे, अचलगंज की बाज़ार पहले चौराहे के पास पुरवा वाली सड्क पर लगती थी | रामलाल चुंगी वसूल करते थे | <br />और फिर कभी.....<br />जब तक गंगा जमुना जल धारा...<br />अचल रहे यह गाँव हमारा....<br /><br />राजाराम मिश्र,मुम्बई Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11592209497274964826noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1617823852097654342.post-34396968163869536202010-07-09T13:02:15.161+05:302010-07-09T13:02:15.161+05:30वाह भैय्या कितनी सुन्दर यादें .......................<a rel="nofollow"><i>वाह भैय्या कितनी सुन्दर यादें ..........................<br />मज़ा आ गया बहुत प्यारी यादें हैं हमारी .........<br />हालाँकि मुझे कुछ भी याद नहीं है ................<br />पर टी.टी. का क्या हुआ ........................<br />हमारी प्रगति में टी.टी. का बहुत बड़ा हाँथ है............</i></a>ShyamKanthttps://www.blogger.com/profile/05107287619183001671noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1617823852097654342.post-91454371269042661822010-07-08T14:45:08.434+05:302010-07-08T14:45:08.434+05:30भैया.....मजा आगया...अचलगंज की याद ताज़ा कर दीं.विषे...भैया.....मजा आगया...अचलगंज की याद ताज़ा कर दीं.विषेशुर....कमल....बी डी ओ...शर्मा जी..अपने घर के ठीक नीचे महावीर....ओफ्फो कितनी यादें हैं इनसे....फोकस प्रोग्राम को बीडीओ खूब देखते थे..महावीर...उनका लड़का सोनू...जब हम और पंकज भैया बेसन के लड्डू खाते थे तो मुह खोल के समने ही खड़ा रहता था....अचलगंज में प्रचलित किवदंतियां....नीलकंठ को देखने जाना....तूते....मंगू....सब ताज़ा कर दिया भईया.....बहुत खूब....VOICE OF MAINPURIhttps://www.blogger.com/profile/16674110616508901300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1617823852097654342.post-39640767975680514952010-07-08T11:18:47.379+05:302010-07-08T11:18:47.379+05:30आदरणीय भैया
आप ने तो बखूबी यादों के उन लम्हों को ...आदरणीय भैया <br />आप ने तो बखूबी यादों के उन लम्हों को संजो कर रखा है <br />पोस्ट पढ़ कर आपका पूरा बचपन आँखों के सामने से घूम गया |<br />मेरा प्रणाम स्वीकारें ........Pushpendra Singh "Pushp"https://www.blogger.com/profile/14685130265985651633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1617823852097654342.post-43692723223688098822010-07-08T08:00:55.727+05:302010-07-08T08:00:55.727+05:30Sorry bhaiya ji wo na mobile se comment bheja hai ...Sorry bhaiya ji wo na mobile se comment bheja hai isliye ek galti ho gyi,<br />ARCHANA JIIIIIIIIIIIII<br /><br /><br />Chintoochintoohttps://www.blogger.com/profile/12101324769200593377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1617823852097654342.post-14699535548621366722010-07-08T07:58:00.772+05:302010-07-08T07:58:00.772+05:30Bhaiya ji paay chhuye,
Maja aa gya kya bat hai, a...Bhaiya ji paay chhuye,<br /><br />Maja aa gya kya bat hai, apka to wakai mai koi jbab nhi,sari bate apko bariki se yad hai,aur ha ek request hai ki aage ki jeevni jaldi hi post kijiyega.apne to ekta kapoor ki tarh suspense creat kar diya,par hm kr bi kya skte hai instalment mai hi pdenge. Exam ki wyastta k karan net pe nhi aa pa raha hu, <br />aur ek bat puchhni thi ki jb aap wapas achalganj phuche tb apki mulakat archana se nhi hui kya,apne unka to jikr kiya hi nhi.agli post mai jbab dijiyega,<br />bye bhaiya charan sparsh <br />Chintoochintoohttps://www.blogger.com/profile/12101324769200593377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1617823852097654342.post-41749704395492888922010-07-07T20:25:00.277+05:302010-07-07T20:25:00.277+05:30पूज्य भैया ....
वह भी क्या दिन थे ! ... थोडा है......पूज्य भैया ....<br />वह भी क्या दिन थे ! ... थोडा है... थोड़े की जरुरत है ... इस फ़लसफ़े के साथ भरपूर बचपन हमने जिया ...हर पल का आनंद लिया ... और छोटे - बड़े सभी से जो मिला सीखा ... आप के साथ बचपन से ही हर मुश्किल से धैर्य से मुकाबला करना सीखा ... आज भी उसी पूंजी के बल पर जी रहा हूँ ! सोचता हूँ कि आप में पच्चीस बरस पहले भी वही परिपक्वता सूझबूझ थी ... जितनी आज ! सच यही है कि आप के बिना मैं अपने अस्तित्व के विषय में भी नहीं सोच सकता !pankajhttps://www.blogger.com/profile/17482039358343664907noreply@blogger.com